मुख्यमंत्री को नहीं मिली मनपसंद सीट, अब जीत का रास्ता क्या होगा मुश्किल?
विधानसभा चुनाव की शुरुआत होते ही हर एक उम्मीदवार अपनी सीट पर जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसे में यह खेल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए भी अलग होने वाला है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करनाल की बजाय अब लाडवा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वह वर्तमान में करनाल विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब जीत का रास्ता कितना कठिन होने वाला है और कितना आसन यह सवाल बन कर खड़ा हो गया है।
आपको बता दे की भाजपा ने उम्मीदवारों की लिस्ट में सीएम नायब सिंह सैनी की सीट करनाल से बदलकर लाडवा कर दी है। इसके बाद राजनीति के खेल ने कई सारे नए मोड़ ले लिया है। इस बार का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। भाजपा की सूची के अनुसार अंबाला कैंट से अनिल विज, पंचकूला से ज्ञान चंद गुप्ता, जगाधरी से कंवर पाल गुर्जर, आदमपुर से भव्य बिश्नोई और सोहना से तेजपाल तंवर जैसे प्रमुख उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा है। राज्य में सामान्य नेताओं की तो छोड़िए, स्वयं मुख्यमंत्री को अपनी मनपसंद सीट नहीं मिल सकी है। ऐसी अफवाह है की नायब सिंह सैनी करनाल से लड़ना चाहते थे पर उनकी सीट को बदल दिया गया है। 2014 के बाद से यह चौथी बार है जब उनकी सीट बदली गई है। सूत्रों के अनुसार लाडवा को मुख्यमंत्री सैनी के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित सीट माना जा रहा है। करनाल में सीएम सैनी की जगह जगमोहन आनंद को मौका दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने सैनी के विपक्ष में विधायक मेवा सिंह को मैदान में उतारा है।
नायब सिंह सैनी ने कहा करनाल से लड़ेंगे चुनाव
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने 30 अगस्त को कहा था कि “CM सैनी कुरुक्षेत्र की लडवा सीट से चुनाव लड़ेंगे।” जब यही बात CM नायब सिंह सैनी से पूछी गई तो वे चौंक गए। उन्होंने तब सीट के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि “आप चिंता क्यों करते हैं, मैं करनाल से चुनाव लड़ूंगा। फिर पत्रकारों ने उनसे कहा कि प्रदेश अध्यक्ष बडौली ने कहा है कि आप लडवा से चुनाव लड़ेंगे। इस पर सैनी बोले- वह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं. उनके पास मुझसे ज्यादा जानकारी है।” पर आखिर उनका यह सपना क्यों नहीं हुआ पूरा?
सीट बदलने के पीछे है किसका हाथ?
रिपोर्ट की माने तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मनपसंद सीट करनाल को बदलवाने के पीछे पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और उनके ग्रुप के नेताओं का हाथ है। ऐसा नजर आ रहा था कि अगर सैनी करनाल से चुनाव लड़ेंगे तो खट्टर के कई करीबी नेताओं का सियासी खेल खत्म हो जाता। यहां तक की सीएम सैनी की जगह जिसने ली है वह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मीडिया सलाहकार भी रह चुके हैं। पर एक यह भी सवाल उठता है कि भाजपा ने लाडवा को सीएम सैनी के लिए क्यों चुना?
क्यों मानी जा रही है मुख्यमंत्री के लिए लाडवा सुरक्षित सीट?
दरअसल, भाजपा का मानना है कि लाडवा सीएम का गृह क्षेत्र होने के चलते सेफ सीट है। इस बार बीजेपी बिल्कुल भी रिस्क नहीं लेना चाहती। यहां सैनी वोटर्स की संख्या काफी अधिक है और नायब सैनी उनके लिए रोल मॉडल हैं , इसलिए उम्मीद की जा रही है कि सैनियों के हंड्रेड परसेंट वोट इस सीट पर बीजेपी को ही जानी चाहिए। यहां उनकी संगठन से लेकर इलाके में खासी पकड़ है। बीजेपी यहां दो बार सैनी समाज के डॉ. पवन पर दांव लगा चुकी है एक बार पवन ने जीत हासिल की है और अब नायब सिंह सैनी यहां से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री सैनी के सामने यही चुनौती होगी कि वो वोटों के बिखराव को रोकें और बड़ी जीत हासिल करके आएं।
सैनी के लिए लाडवा सीट पर क्या होगी चुनौतियां?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यहां की कुल आबादी में करीब 7.4% सैनी समुदाय का हिस्सा है। जिसका फायदा मुख्यमंत्री को मिल सकता है पर कई मीडिया रिपोर्ट्स का मानना है कि यहां जाट और सैनी वोटर्स की संख्या करीब करीब बराबर है। किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के मुद्दे को नजर में रखते हुए मुख्यमंत्री सैनी को कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जट सिखों का वोट बीजेपी को मुश्किल से ही मिलेगा और अनुच्छेद जातियों का वोट भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच बाटने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। तभी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अगर यहां से जीत दर्ज करते हैं तब भी वह आसान नहीं होगी क्योंकि टक्कर बराबरी की ही रहने वाली है।
इस सीट के इतिहास की बात करें तो यहां हर चुनाव में परिवर्तन होता रहा है यानी कोई भी प्रत्याशी लगातार दो बार जीत हासिल नहीं कर पाया है। साल 2009 में इनेलो, 2014 में बीजेपी और 2019 में कांग्रेस ने प्रत्याशी की जीत हुई। एक भी चुनाव में कोई भी उम्मीदवार लगातार 2 बार जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सका है। अब देखना यह होगा कि लाडवा की जनता किसके सर पर ताज सजाती है। हरियाणा में एक चरण में 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, जिसके रिजल्ट 8 अक्टूबर को सामने आएंगे।
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