डरपोक नहीं शर्मीले होते हैं मेंढक !
अजीब अजीब प्रजाति के मेंढक के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़िए जो सांप तक को खा जाते हैं
मेंढक एक ऐसा जीव है जिसे देखकर हम इंसान डरते बेशक नहीं हैं लेकिन इससे दूर रहना पसंद ज़रूर करते हैं। मेंढक दुनिया के लगभग हर हिस्से में नज़र आ जाते हैं। ये शहरों में दिख जाते हैं, गांवों-कस्बों में दिख जाते हैं, पहाड़ों पर दिख जाते हैं नदियों में दिख जाते हैं, जंगलों में दिख जाते हैं और कई ऐसी जगहें हैं जहां मेंढक दिख जाते हैं। मेंढक को एक डरपोक जीव माना जाता है। लेकिन सच बात तो ये है कि ये उभयचर प्राणी डरपोक नहीं, शर्मीला है।
उभयचर होते हैं मेंढक
मेंढक दुनिया के उन चुनिंदा जीवों में से एक हैं जो उभयचर जीवों की श्रेणी में आते हैं। उभयचर मतलब ऐसे जीव जो ज़मीन और पानी दोनों में रह सकते हैं। ये पानी के नीचे भी घंटों बिता सकते हैं। वो भी बिना सांस लिए। हालांकि एक तय समय के बाद इन्हें सांस लेने के लिए सतह पर आना ही पड़ता है।
हर जगह दिख जाते हैं मेंढक
मेंढक दुनिया के उन कुछ खास जानवरों में से एक भी है जो अपने आस-पास मौजूद वातावरण के अनुसार अपने शरीर के तापमान को घटा या बढ़ा सकते हैं। यही वजह है कि रेगिस्तानी इलाकों से लेकर वर्षा वनों और बेहद ठंडे इलाकों में भी मेंढक नज़र आ जाते हैं।
कई दिनों तक ज़मीन के नीचे रहते हैं मेंढक
गर्मियों के मौसम में मेंढक अधिकतर अपना समय ज़मीन के ऊपर बिताते हैं। लेकिन जब ठंड आती है और पारा एकदम से काफी ज़्यादा गिर जाता है तो मेंढक ठंड से बचने के लिए ज़मीन के नीचे चले जाते हैं। खास बात ये है कि मेंढक कई-कई दिनों तक ज़मीन के नीचे रह सकते हैं। वो भी बिना कुछ खाए या पिए।
बच्चे भी बचपन से होते हैं शिकारी
मेंढक के बच्चों को Tadpole कहा जाता है। टेढपोल दिखने में मछली जैसे होते हैं। खास बात ये है कि छोटे मेंढक यानि टेडपोल भी बचपन से ही शिकारी होते हैं। ये छोटे कीटों और मच्छरों के लार्वा को खाते हैं। टेडपोल गिल्स के ज़रिए सांस लेते हैं।
ढेर सारे प्राकृतिक दुश्मन
आमतौर पर देखा जाता है कि ज़मीन पर रहने वाले मेंढकों की तुलना में पानी में रहने वाले मेंढक अधिक समय तक ज़िंदा रहते हैं। मेंढक के कई प्राकृतिक दुश्मन हैं जिनमें इनका सबसे बड़ा दुश्मन सांप है। इसके अलावा कई शिकारी पक्षी भी मेंढकों का शिकार करते हैं।
दुनिया के सबसे छोटे मेंढक का आकार
दुनियाभर में मेंढकों की हज़ारों प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें जो सबसे छोटी प्रजाति होती है उसका आकार होता है 9.8 मिलीमीटर।
इन मेंढकों से बचना चाहिए
भले ही हम इंसान मेंढकों से नहीं डरते हों। लेकिन दुनिया में मेंढकों की कई ऐसी प्रजातियां भी मौजूद हैं जिनसे हमें वाकई में डरना चाहिए। क्योंकि मेंढक की ये प्रजातियां काफी ज़्यादा ज़हरीली होती हैं। सबसे अधिक ज़हरीली मेंढक की प्रजाति का नाम है गोल्डन डार्क फ्रोग। ये इतनी ज़हरीली होती है कि इसके ज़हर से इंसान की जान भी जा सकती है।
बेहद खास है मेंढक का बॉडी डिज़ाइन
प्रकृति ने मेंढक के शरीर को कुछ इस तरह से डिजाइन किया है कि इनके पिछले पैर छोटे होते हैं और इनके अगले पैर बड़े होते हैं। पिछले पैरों की मदद से ये काफी लंबी छलांग लगा सकते हैं। और अगले पैरों की मदद से सही से जमीन पर लैंड कर सकते हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा मेंढक
जैसा कि हम ऊपर ही आपको बता चुके हैं कि मेंढक की हज़ारों प्रजातियां पृथ्वी पर पाई जाती हैं। इनमें कुछ बहुत छोटी और कुछ काफी बड़ी होती हैं। लेकिन दुनिया का अब तक का सबसे विशाल मेंढक साउथ अफ्रीका में पाया गया था। इस मेंढक की लंबाई पूरे 1 फीट थी।
कभी पानी नहीं पीते मेंढक
मेंढक भले ही पानी में रहते हों लेकिन ये कभी भी पानी नहीं पीते हैं। खास बात ये है कि इनकी त्वचा कुछ इस तरीके की होती है कि मेंढक के शरीर की ज़रूरत का सारा पानी ये सोख लेती है। यानि मेढक की त्वचा ही असल में उसकी प्यास बुझा देती है।
आकार में मादा से छोटे होते हैं नर मेंढक
वैज्ञानिक अब तक मेंढकों की 5 हज़ार से भी ज़्यादा प्रजातियों की पहचान कर चुके हैं। हालांकि अब भी कई ऐसी प्रजातियां हैं जिनकी पहचान वैज्ञानिक नहीं कर पाए हैं। लेकिन सबसे खास बात ये है कि मेंढकों की अधिकतर प्रजातियों में नरों का आकार मादाओं की तुलना में छोटा ही होता है।
मेंढकों से जुड़े ये भी रोचक तथ्य हैं
मेंढक अपने शरीर की कुल लंबाई का 20 गुना अधिक दूरी तक जंप कर सकता है। दुनिया में मेंढकों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी देखी गई हैं जिनके सिर पर सींग होते हैं। एक मेंढक का जीवन काल 10 से 12 सालों तक का होता है। मेंढकों के बारे में एक खास बात ये है कि ये पानी में बेशक रह लेते हों, लेकिन समुद्र में नहीं रह पाते हैं।
ये है मेंढकों की सबसे विशाल प्रजाति
क्या आप जानते हैं कि दुनिया में मेंढक की सबसे विशाल प्रजाति कौन सी होती है? हम हैं ना आपको बताने के लिए। इस प्रजाति को कहते हैं गोलिएथ मेंढक। ये 32 सेंटीमीटर तक लंबा हो सकता है। इसका वज़न साढ़े तीन किलो से भी अधिक हो सकता है।
सांप को खाने वाले मेंढक
आमतौर पर तो सांप ही मेंढकों का शिकार करता है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका में मेंढक की एक ऐसी प्रजाति भी पाई जाती है जो सांप का शिकार करती है। इस प्रजाति के मेंढक 7 फीट लंबे सांप को भी आसानी से अपना शिकार लेते हैं और निगल जाते हैं।
म्यूज़िक सुनने वाले मेंढक
थाईलैंड में तो दुनिया के किसी भी हिस्से से अलग ही मेंढक पाए जाते हैं। इन मेंढकों को संगीत सुनने की आदत लग चुकी है। संगीत इन मेंढकों को इतना ज़्यादा पसंद है कि जब भी कोई संगीत बजाता है। तो कुछ ही देर में आस-पास मेंढक जमा होने शुरू हो जाते हैं। #frogs





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