चुनाव आयोग ने दिखाई सख्ती , तो बैक फुट पर आए जयराम और मांगे सात दिन ,आयोग का इंकार ,बोला शाम तक दो जवाब
जयराम के दावे पर चुनाव आयोग सख्त , मांगा शाम 7 बजे तक जवाब
जय राम रमेश ने दावा किया था गृहमंत्री ने 150 मजिस्ट्रेट को किया है फोन
वोट काउंटिंग से पहले गृह मंत्री द्वारा 150 कलेक्टर्स को फोन करके डराने-धमकाने के दावे पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को अपना जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय देने से इनकार कर दिया है। चुनाव आयोग ने आज यानी 3 जून को जयराम रमेश को पत्र लिखकर आज ही जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
गौर तलब है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 1 जून को दावा किया था कि वोट काउंटिंग से पहले गृह मंत्री ने 150 जिला कलेक्टर्स को फोन करके डराया-धमकाया है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने 2 जून की शाम 7 बजे तक इन अधिकारियों की डिटेल देने का कहा था। इसे लेकर जयराम रमेश ने चुनाव आयोग से सात दिन का समय मांगा ।
आयोग बोला- आज जवाब नहीं दिया, तो हम मान लेंगे कि आपके पास कोई ठोस जवाब नहीं
आयोग ने पत्र लिखकर कहा कि आपने दावा किया था गृहमंत्री ने 150 जिला कलेक्टर्स, जो कि रिटर्निंग ऑफिसर और जिला चुनाव अधिकारी भी हैं, उन्हें फोन करके धमकाया गया । आपका यह दावा 4 जून को होने वाली काउंटिंग प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है ।
जैसा कि हमने 2 जून को पत्र लिखकर बताया था कि अब तक किसी भी कलेक्टर ने ऐसी घटना का जिक्र नहीं किया है। लिहाजा, अपना जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन के समय की मांग हम खारिज करते हैं। साथ ही आपको निर्देश देते हैं कि आप आज (3 जून) शाम 7 बजे तक तथ्यों के साथ अपना जवाब दाखिल करें ।
अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो हम मान लेंगे कि आपके पास बताने को कोई ठोस जवाब नहीं है। इसके बाद चुनाव आयोग आगे की कार्रवाई करेगा।
क्या था मामला
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा था- गृहमंत्री कलेक्टर्स को फोन कर रहे 1 जून को जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा कि गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह से जिला कलेक्टर्स से फोन पर बात कर रहे हैं। अब तक 150 अफसरों से बात हो चुकी है। अफसरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक है एवं अस्वीकार्य है।
याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं। जून 4 को जनादेश के अनुसार श्री नरेन्द्र मोदी, श्री अमित शाह व भाजपा सत्ता से बाहर होंगे एवं इंडिया गठबंधन विजयी होगा। अफसरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए। वे निगरानी में हैं।
चुनाव आयोग ने कहा- ऐसे बयान चुनावी प्रक्रिया पर संदेह पैदा करते हैं
कमीशन ने 2 जून को मामले का संज्ञान लिया और जयराम रमेश को पत्र लिखकर कहा कि आचार संहिता लागू होने के दौरान सभी अधिकारी इलेक्शन कमीशन को रिपोर्ट करते हैं। अब तक किसी ने ऐसी जानकारी नहीं दी है, जैसे आप दावा कर रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि वोट काउंटिंग की प्रक्रिया एक पवित्र ड्यूटी है, जो हर रिटर्निंग अफसर को सौंपी गई है। आपके ऐसे बयान इस प्रक्रिया पर संदेह पैदा करते हैं, इसलिए इस बयान पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
कमीशन ने आगे कहा कि आप एक नेशनल पार्टी के जिम्मेदार, अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं। जो फैक्ट और जानकारी आपको सही लगी, उसके आधार पर काउंटिंग की तारीख से पहले आपने ऐसा बयान दिया, इसलिए आपसे हमारी रिक्वेस्ट है कि आप उन 150 नाम की डिटेल हमें दें, जिन्हें गृहमंत्री की तरफ से फोन किए जाने का आप दावा कर रहे हैं। इसके साथ ही आप तथ्यात्मक जानकारी और अपने दावे का आधार भी बताएं। यह जानकारी आप 2 जून को शाम 7 बजे तक दें, ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके।
जयराम बोले- इलेक्शन कमीशन पर भरोसा नहीं रहा
इसके जवाब में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस इलेक्शन कमीशन का सम्मान करती है, लेकिन अब तक यह संस्था जिस तरह से काम करती आई है, उसकी वजह से इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इलेक्शन कमीशन संवैधानिक संस्था है, इसे निष्पक्ष होना चाहिए। लोग न सिर्फ पार्टियों, कैंडिडेट्स को बल्कि इलेक्शन कमीशन को भी देख रहे हैं।
7 बजे तक नहीं दिया जवाब
चुनाव आयोग की डेट लाइन के समय बीत जाने के बाद भी कांग्रेस नेता जयराम रमेश की तरफ से चुनाव आयोग को डेढ़ सौ कलेक्टर को फोन मामले में कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया था । यहां तक की खबर लिखे जाने के वक्त तक भी जवाब दाखिल किए जाने की जानकारी नहीं मिली है ।
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