बारूद के ढेर पर बैठे हैं जीरकपुर शहर के निवासी ,प्रशाशन बेफिक्र
अधिकारी नहीं दे रहे इस तरफ ध्यान
आठ पटाखों के स्टॉल के लाइसेंस पर शहर में धड़ल्ले से लगे हुए हैं सैकड़ो स्टॉल
जीरकपुर शहर में पटाखों के अस्थाई स्टॉल के लिए केवल आठ लाइसेंस जारी हुए हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर देखा जाए तो जीरकपुर क्षेत्र में सैकड़ो पटाखों के स्टाल लगे हुए हैं। पटाखों के सैकड़ो स्टाल लगे हुए देखकर भी स्थानीय अधिकारी आंखें बंद कर बैठे हुए हैं। लोगों का कहना है कि कई जगह पर तो ट्रांसफार्मर वह बिजली की तारों के तले पटाखों के स्टाल लगे हुए हैं जहां पर थोड़ी सी चिंगारी भयंकर तबाही का रूप ले सकती है। इन अवैध लगे स्टालों के नजदीक स्टॉल वालों की तरफ से कोई भी फायर सेफ्टी यंत्र नहीं रखे गए हैं और ना ही ज्यादातर के पास आग बुझाने का कोई यंत्र है। जब आवे तो पर स्टार लगे ही है तो फिर ड्रा निकालने की ड्रामेबाजी क्यों की जाती है जबकि पटाखों के नाजायज स्टॉलों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। जीरकपुर में कई जगहों पर इतनी तंग गलियां है जहां पर पटाखों के स्टाल लगे हुए हैं अगर वहां कोई अप्रिय घटना घट जाए तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का वहां पर घूसपाना भी नामुमकिन है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि दीपावली के त्योहार पर जीरकपुर शहर बारूद के ढ़ेर पर बैठा है। जीरकपुर शहर के लोगों ने कहा कि केरल में एक पटाखे की दुकान में आग लगने के बाद डेढ़ सौ के करीब लोग घायल हो गए। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना से जीरकपुर प्रशासन को भी सबक लेने की जरूरत है। जीरकपुर इन दिनों बारूद के ढेर पर है। जगह जगह अवैध तरीके से पटाखों की दुकानें लग गई है और कई दुकानें मार्केट के बीचो बीच है जहां फायर टेंडर का पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
नहीं दी किसी को कोई एनओसी
जीरकपुर में पटाखे लगने के लिए डीसी मोहाली की तरफ से सिर्फ 8 लाइसेंस जारी किये गए है लेकिन जीरकपुर में हर जगह पर पटाखों की स्टॉल सज गई है। कुछ का दावा है कि उनके पास एनओसी है लेकिन फायर डिपार्टमेंट के ऑफिसर महेश शर्मा का कहना है कि उनकी तरफ से किसी को कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। जब उनसे पुछा गया कि शहर में इतने स्टाल कैसे लग रहे तो उन्होंने कहा की इसकी जानकारी उनके पास नहीं है। वैसे शहर में हर साल सैकड़ों की संख्या में अवैध तरीके से पटाखों की स्टॉल लगती है। जिनपर कोई कार्यवाही नहीं होती.
जब भी संबंध में खबरी प्रसाद अखबार की तरफ से एसडीएम अमित गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना था कि हम सख्त कार्रवाई करेंगे जब यह पूछा था कि आखिरकार सख्त कारवाई कब करेंगे पटाखे तो अभी बिक रहे हैं तो उन्होंने यह सवाल सुनकर फोन काट दिया ।
बारूद के ढेर पर जीरकपुर सवाल को लेकर जब हमारी टीम ने उपयुक्त मोहाली अंशिका जैन के आधिकारिक फोन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो तीन बार प्रयास करने के बावजूद भी बात नहीं हो पाई । घंटी बजती रही पर उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं समझी ।
तो ऐसे में समझा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी की सरकार में अवैध तौर पर पटाखों का कारोबार जीरकपुर में अधिकारियों की सरपरस्टी में चल रहा है । अगर अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है तो यह बड़ी गंभीर बात है और अगर जानकारी है उसके बावजूद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जड़ी तो यह भी एक गंभीर मसला है कि आखिरकार अधिकारी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं ।
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