महाकुंभ हादसा : योगी सरकार के माथे पर खून के दाग नेहा सिंह राठौड़ लोक सिंगर
वीवीआइपी पर क्यों न हो FIR ?
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़: 40 से अधिक मौतें, 200 से ज्यादा घायल , सैकड़ो लोग अपने परिजन से बिछड़े
महाकुंभ हादसा : संत बोले प्रशासन वीवीआईपी की जीहजूरी में , हादसे के बाद विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा
हादसे के 15 घंटे बाद तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं किस बात का डर ? क्या मौत के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं ?
खबरी प्रशाद अखबार ने मौनी अमावस्या के ठीक एक दिन पहले अपने अखबार में खबर छपी थी कि वीवीआईपी कल्चर से महाकुंभ मे आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । प्रशासन को इस पर रोक लगनी चाहिए । और मौनी अमावस्या के दिन हादसा हो गया और इस हादसे में खबर लिखे जाने के समय तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी । हालांकि घटना होने के बाद लगभग 15 घंटे बाद तक योगी सरकार की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी ।
प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई, जिससे 40 से अधिक लोगों की मौत और 200 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। और सैकड़ो लोग अपने परिजनों से बिछड़ गए । स्वरूपरानी अस्पताल में मौजूद खबरी प्रशाद रिपोर्टर के अनुसार, 40 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए । हालांकि, प्रशासन ने इस हादसे में हुई मौतों और घायलों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है और कहा कि श्रद्धालु संगम पर स्नान करने के बजाय, जहां भी वे हैं, वहां स्नान करें क्योंकि गंगा हर जगह पवित्र है। वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची है।




महाकुंभ प्रशासन ने वीवीआईपी लोगों से शाही स्नान पर ना आने की की थी अपील , पर …..
3 जनवरी को महाकुंभ प्रशासन ने शाही स्नान के दिन वीवीआईपी लोगों से ना आने की अपील की थी । पर मौनी अमावस्या के दिन कई वीवीआईपी स्नान करने के लिए पहुंचे । प्रमुख तौर पर बाबा रामदेव , सांसद हेमा मालिनी सहित कई अन्य लोगों ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया । पीटीआई न्यूज़ के संवाददाता ने जब मथुरा से सांसद हेमा मालिनी से घटना को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने घटना के बारे में सुना जरूर है पर उन्हें पूरी जानकारी नहीं है । जबकि उन्होंने स्नान सुबह लगभग 8:00 के आसपास किया था । और घटना रात 2:00 बजे की है । ऐसे में सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे है कि क्यों ना ऐसे वीवीआईपी लोगों के ऊपर FIR दर्ज हो ? जिन्होंने मेला प्रशासन की बात नहीं मानी ।
भगदड़ की प्रमुख वजहें
- अमृत स्नान के कारण पांटून पुलों का बंद होना: अमृत स्नान के चलते कई पांटून पुल बंद कर दिए गए थे, जिससे संगम पर करोड़ों श्रद्धालु एकत्र हो गए। इनकी बढ़ती भीड़ के कारण बैरिकेड्स में लोग फंस गए और कुछ गिर गए, जिसके बाद भगदड़ की अफवाह फैल गई।
- एंट्री और एग्जिट रास्तों का एक जैसा होना: संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट रास्ते अलग-अलग नहीं थे, जिससे श्रद्धालु एक ही रास्ते से आकर उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। भगदड़ मचने के कारण लोग एक-दूसरे पर गिरते गए और उन्हें भागने का मौका नहीं मिला।
हादसे के बाद, 70 से ज्यादा एम्बुलेंस घटनास्थल पर पहुंचीं और घायलों व मृतकों को अस्पताल भेजा गया। हादसेके बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया, जबकि संगम नोज में आम लोगों की एंट्री को कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया। भीड़ बढ़ने से रोकने के लिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को प्रयागराज जिले के बॉर्डर पर रोका गया और प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा इंतजाम
महाकुंभ में कल मौनी अमावस्या का स्नान था , जिसके चलते करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम तट पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया था । मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। सुरक्षा व्यवस्था के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए । इतना सब कुछ किए जाने के बावजूद बदइंतजामी इतनी ज्यादा थी , की हादसा हो गया और हादसे में 20 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर आ चुकी है ।
मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने मामले की जांच के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। वकील ने आरोप लगाया कि वीआईपी कल्चर और अफवाहों के कारण संगम नोज पर भगदड़ मची, जिसमें कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए।
हादसे के बाद पक्ष एवं विपक्ष ने अपनी-अपने प्रतिक्रिया व्यक्त की
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा
प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।
अखिलेश यादव ने कहा
महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि!
हमारी सरकार से अपील है कि:
- गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
- मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए।
- जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं।
मायावती बोली प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुम्भ में हुई भगदड़ में, जिन भी श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवाई है व घायल हुये है। यह घटना अति-दुःखद व चिन्तनीय। ऐसे समय में कुदरत पीडि़तों कोे इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना।
राहुल गांधी ने कहा प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है।
शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।
इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना ज़िम्मेदार है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोगों के घायल होने का समाचार बेहद हृदयविदारक है।
श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं।
आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा स्व प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है। हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है।
नेहा सिंह राठौड़ लोक सिंगर ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए कहा
भाजपा सरकार ने कुंभ मेले से सिर्फ़ पाप कमाया है और मेले की भगदड़ में मरने वालों का खून इस सरकार के मत्थे मढ़ा जाना चाहिए ।
रवींद्र पुरी निरंजन अखाड़े के महंत ने ANI न्यूज से बात करते हुए योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए , वह बोले प्रशासन सिर्फ और सिर्फ वीवीआईपी लोगों की जीहजूरी में व्यस्त है हमने पहले कहा था कि मेला को सेना के हवाले कर दो पर प्रशासन ने एक भी नहीं सुनी ।
कुल मिलाकर यह हादसा योगी सरकार के माथे पर एक दाग देकर जा रहा है । महाकुंभ को लेकर जोर-जोर से खूब ढोल पीटे जा रहे थे । नोएडा की मीडिया को बड़े-बड़े विज्ञापन के पैकेज दिए गए थे । ताकि सब कुछ अच्छा-अच्छा ही दिखाया जाता रहे । जरूरत योगी सरकार को अब आगे आने वाले दो और शाही स्नान को सही तरीके से संपन्न करवाने की है ताकि ऐसी कोई भी दुखद घटना ना हो जाए । और इसके साथ-साथ जरूरत इस बात की भी है कि आखिरकार यह किसकी लापरवाही थी जिसकी वजह से यह हादसा हो गया ईमानदारी से इस बात की जांच हो तभी दूध का दूध पानी का पानी हो पाएगा और कहीं ऐसा ना हो जाए की जांच करते-करते आंच सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर डालकर घटना की इतिश्री कर दी जाए ।
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