महाकुंभ हादसे के बाद संत बोले : प्रशासन वीवीआईपी की जी हुजूरी में
बाद इंतजामी से हुआ हादसा विपक्ष
मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया , महाकुंभ का प्रबंध सेना को सापेक्ष सरकार अखिलेश यादव
प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे महाकुंभ के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में 14 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हुए हैं। स्वरूपरानी अस्पताल में मौजूद हमारे संवाददाता के अनुसार, 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल लाए जा चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने मौतों और घायलों की संख्या पर आधिकारिक बयान ( सुबह के 11:30 तक ) जारी नहीं किया है। जबकि यह हादसा रात डेढ़ से 2:00 बजे के बीच हुआ था । प्रशासन लगातार अपनी जवाबी से बचने की कोशिश कर रहा है ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि वे संगम पर स्नान करने के बजाय जहां भी हैं, उसी तट पर स्नान करें, क्योंकि गंगा हर जगह पवित्र है। वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस हादसे के लिए वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी को जिम्मेदार ठहराया है।
भगदड़ की मुख्य वजहें जो सामने आई
- अमृत स्नान के कारण पांटून पुल बंद थे: इससे संगम पर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई, जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए और भगदड़ मचने की अफवाह फैल गई।
- संगम नोज के एंट्री और एग्जिट रास्ते समान थे: लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। भगदड़ मचने पर लोग एक-दूसरे पर गिरते गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
हादसे के बाद 70 से अधिक एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंची और घायलों व मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। घटनास्थल पर NSG कमांडो तैनात किए गए और संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री को रोक दिया गया। प्रशासन ने प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोकने के आदेश दिए हैं, ताकि स्थिति और नहीं बिगड़े।
आज महाकुंभ के अवसर पर मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके कारण अनुमान है कि लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु शहर में मौजूद होंगे। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। इसके एक दिन पहले मंगलवार को 5.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60,000 से अधिक जवान तैनात हैं।










प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा : प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।
हादसे के बाद विपक्ष की प्रतिक्रिया
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा : प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है । शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना ज़िम्मेदार है।अभी महाकुंभ का काफी समय बचा हुआ है, कई और महास्नान होने हैं। आज जैसी दुखद घटना आगे न हो इसके लिए सरकार को व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं के जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए।कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अनुरोध करता हूं कि पीड़ित परिवारों की मदद करें।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा.
महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि!
हमारी सरकार से अपील है कि:
– गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
– मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लिखा : प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुम्भ में हुई भगदड़ में, जिन भी श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवाई है व घायल हुये है। यह घटना अति-दुःखद व चिन्तनीय। ऐसे समय में कुदरत पीडि़तों कोे इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ पर हुए हादसे को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा :
श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं।
आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा स्व प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है। हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है।
हादसे के बाद सुबह 10:00 बजे तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टेलीफोन पर तीन बार बात की थी और सुबह 11:00 बजे से अखाड़े स्नान करने के लिए पहुंच चुके हैं । पर जिस भव्यता के साथ अखाड़े शाही स्नान करते हैं उसे तरीके से हादसा होने के बाद शाही स्थान नहीं हुआ सिर्फ एक परंपरा निभाने के लिए अखाड़े स्नान करने के लिए मोनी मौसी पर उतरे हैं ।
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