चदरिया झीनी रे झीनी ,इसीलिए क्या जस की तस धर दीनी टिकटिया
प्रेरणा ढींगरा दिल्ली
भाजपा नेताओं ने टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने से किया इंकार , हार्बका डर या कोई और ही वजह
राम नाम की लहर में भी बीजेपी पार्टी के उम्मीदवारों ने बीजेपी पार्टी से लड़ने के लिए किया इनकार। जबकि लगातार इस बात पर चर्चा हो रही कि अबकी बार मोदी सरकार 400 पर होने जा रही है । मगर फिर भी कुछ नेताओं में इस बात का डर बैठ गया है कि शायद जिस सीट से उनको टिकट मिला है वह जीत लेंगे । इस बात पर मशहूर गजल गायक अनूप जलोटा के गजलों की कुछ लाइन याद आ रही है “चदरिया झीनी रे झीनी इसलिए जस की तस धर दीनी टिकटियां”। अब सोचने वाली बात तो यह है की क्या बीजेपी के इन नेताओ की चद्दर में भी कोई छेद है?
आपको बता दे की 2 मार्च को भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 24 के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। इस पहली लिस्ट में जहां कई सीटिंग सांसदों की टिकट काट दी गई तो वही कई नए चेहरे को भी मौका दिया गया। मोदी का चेहरा और श्री राम की लहर की सुनामी के बावजूद भी कुछ उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।
पवन सिंह तोमर और उपेंद्र सिंह रावत ऐसे दो उम्मीदवार हैं जिन्होंने टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। आखिर ऐसी कौन सी वजह हो सकती है जिस वजह से इन दोनो नेताओ ने अपनी टिकट वापस कर दी ।
पवन सिंह तोमर ने आखिर क्यों की टिकट वापस?
भोजपुरी फिल्मों का एक बड़ा चेहरा पवन सिंह तोमर को पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले से भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव की टिकट दी थी पर 24 घंटे में ही पवन सिंह तोमर ने टिकट वापस करके चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। सोमवार को दिल्ली में जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ पवन सिंह तोमर की मुलाकात हुई तब मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा कि ” हमारी बात हो गई है आगे सब अच्छा होगा चुनाव लड़ने के बारे में समय बताएगा”।
वैसे पवन सिंह तोमर का पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले से लड़ने पर भारी विरोध हो रहा था और यह भी एक वजह हो सकती है जिसके कारण पवन सिंह तोमर ने अपनी टिकट वापस की और दूसरा कारण यह भी बताया जा रहा है की पवन सिंह तोमर भोजपुरी रीजन से टिकट चाहते थे क्योंकि वहां उनकी लोकप्रियता ज्यादा है हालांकि जब पवन सिंह तोमर को पश्चिम बंगाल से टिकट मिली तब उन्होंने ट्वीट करके आसनसोल जिले को धन्यवाद भी कहा था तो अब ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने अपनी टिकट वापस कर दी। अचानक टिकट वापस होने की वजह से कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
जानते है भोजपुरी कलाकार पवन सिंह के बारे मे
पवन सिंह शुरू से ही भोजपुरी इंडस्ट्री में एक जाना माना चेहरा है। उनका जन्म बिहार में 5 जनवरी 1986 में हुआ था। पवन सिंह तोमर सिर्फ भोजपुरी फिल्मों में काम नहीं करते बल्कि भोजपुरी भाषा के गायक भी है। इनका राजनीतिक सफर 2014 में शुरू हुआ जब भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने पवन सिंह तोमर को भगवा माला पहनकर भाजपा सरकार में शामिल किया।
जानिए किस वजह से उपेंद्र सिंह रावत ने टिकट लेने से किया मना
भारतीय जनता पार्टी ने उपेंद्र सिंह रावत को लोकसभा चुनाव के लिए उत्तरप्रदेश मे बाराबंकी सीट से मैदान में टिकट दिया था। पर एक अश्लील वीडियो वायरल होने की वजह से उन्होंने टिकट वापस करके चुनाव लड़ने से मना कर दिया। उपेंद्र सिंह रावत ने वायरल वीडियो को फर्जी बताते हुए टिकट को लौटा दिया। जिस घर में कल तक जश्न का माहौल था उस घर में अब सन्नाटा सा छा गया है। उपेंद्र सिंह रावत के ठीक टिकट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर एक अश्लील वीडियो वायरल हुई हालांकि उपेंद्र सिंह रावत ने इस वीडियो को फर्जी बताया है और यह भी कहा है कि जब तक इस पर पूरी कार्रवाई नहीं होगी तब तक वह कोई भी आने वाला चुनाव नहीं लड़ेंगे। उपेंद्र सिंह रावत ने इस मामले के लिए एफआईआर भी दर्ज करवाई। उपेंद्र सिंह रावत का यह कहना है कि यह वीडियो सिर्फ उनकी छवि खराब करने के लिए बनाई गई है। ऐसी अश्लील वीडियो का चुनाव से पहले सामने आना क्या रावत की छवि खराब करने की कोई साजिश है?
उपेंद्र सिंह रावत असल में कौन है?
उपेंद्र सिंह रावत का जन्म 17 जनवरी 1969 में मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ था। वह बहावपुर बरवा गांव के ही रहने वाले हैं। उनकी माता का देहांत तो बचपन में ही हो गया था और पिता एक सरकारी मास्टर थे। उपेंद्र सिंह रावत ने राजनीति में कदम 2014 में रखा जब वह बाराबंकी के बीजेपी सांसद प्रियंका रावत के साथ जुड़ गए और 2017 जैदपुर से विधानसभा चुनाव जीते। 2019 में फिर होने लोकसभा का टिकट मिला जिसका विरोध प्रियंका रावत ने किया।
भारतीय जनता पार्टी की लिस्ट आते ही कुछ उम्मीदवारों ने टिकट मिलने से पहले ही लड़ने के लिए मना कर दिया तो कुछ उम्मीदवारों ने टिकट मिलने के बाद अपने पैर पीछे खींच लिए और दिल्ली के नेता डॉ हर्षवर्धन ने टिकट कटने के बाद राजनीति से ही संन्यास ले लिया है। अब पार्टी के ऐसी माहोल में बीजेपी ने 400 सीटों का टारगेट बनाया है क्या यह 400 सीटों का टारगेट पूरा होगा?
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