महाकुंभ अग्निकांड : विज्ञापन के बोझ तले दबा मीडिया नहीं दिख रहा कुंभ मेला अग्निकांड का सच
300 कॉटेज जले पर किसी प्रकार की अनहोनी की सूचना नहीं।
विज्ञापन के बोझ तले दबा मीडिया नहीं दिख रहा कुंभ मेला अग्निकांड का सच
रविवार को महाकुंभ में हुए भीषण अग्निकांड में 300 कॉटेज जलकर राख हो गए थे । सरकारी मीडिया की तरफ से और महाकुंभ प्रशासन की तरफ से जो प्रेस रिलीज जारी किया गया उसमें कहा गया कि हमने 500 लोगों को बचाया है कहीं पर भी इस बात का जिक्र नहीं आया कि आखिरकार कितने लोग अग्निकांड में घायल हुए हैं या किसी प्रकार की कोई अनहोनी हुई है । उसकी वजह साफ है जब अग्निकांड हुआ था मीडिया को पूरी तरीके से वहां पर जाने से रोक दिया गया था इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि जिसमें देखा जा सकता है की जब उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह घटनास्थल पर जा रहे थे तो उनके मुंह से निकल गया कि मीडिया को रोक दो और वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अखिल सरकार को किस बात का डर था की मीडिया को रोका गया ।
सवाल
क्या अगर मीडिया इस बात की जानकारी देता था कि कुछ कितने लोग घायल हुए तो लोगों के आने का तांता रुक जाता ।
किसकी लापरवाही थी जो इतना बड़ा अग्निकांड हुआ जिसकी वजह से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ ।
विज्ञापन के बोझ तले दबा मीडिया तो वैसे भी अग्निकांड का सच नहीं दिखा पाया अगर स्ट्रीट मीडिया के लोग वहां पहुंच जाती तो सच बाहर आ जाता ।
उत्तर प्रदेश से छपने वाले लगभग सभी अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता जरूर दी पर ज्यादातर अखबार में यह पूछने की जरूरत नहीं उठाई आखिरकार कि अग्निकांड में कितने लोग घायल हुए हैं । उसकी वजह साफ है उत्तर प्रदेश सरकार ने विज्ञापन पर जमकर पैसा खर्चा है । और विज्ञापन के बोझ तले मीडिया कैसे इस तरीके के सवाल पूछ सकता है ।
सीधे तौर पर समझा जा सकता है महाकुंभ में लाखों लोग प्रतिदिन स्नान कर रहे हो और वहां पर एक भीषण अग्निकांड हो जाता है और 300 से ज्यादा कॉटेज जलकर रात हो जाती है और उसे घटना में कोई भी घायल नहीं होता है । रविवार को ही सरकारी आंकड़ों के अनुसार 54 लाख लोगों ने महाकुंभ में स्नान किया । ऐसे में इस हादसे में महज चंद्र लोगों का घायल होना हो जाना कहीं ना कहीं आंकड़ों को छुपाने का खेल नजर आता है । हालांकि अमर उजाला प्रयागराज के अनुसार पांच लोग घायल हुए हैं पर मौत यहां पर भी किसी की नहीं बताई गई है भगवान ना करे किसी की मौत हुई हो। पर यह सीधे तौर पर समझा जा सकता है कि इतनी भयंकर भीड़ में क्या सिर्फ घायल पांच लोग ही होंगे क्योंकि जिस समय अग्निकांड हुआ तो उसे वक्त भगदड़ मची थी और भगदड़ जब मचती है तो लोग घायल होते ही है ।
फिलहाल अग्निकांड के बाद अब सरकार के द्वारा थोड़ी सख्ती भी की जाने लगी है । आने वाले श्रद्धालुओं को अब परेशानी का सामना करना ही पड़ेगा पर यह श्रद्धालुओं के भी जिम्मेदारी है कि ऐसी किसी भी चीज को साथ ना लेकर चले जिससे आग बढ़ती हो या आग जल सकती हो । क्योंकि सिर्फ प्रशासन के भरोसे ही आप सफल और सुरक्षित यात्रा नहीं कर सकते हैं सफल और सुरक्षित यात्रा करने के लिए आपका अपना सहयोग भी प्रशासन को मिलना ही चाहिए ।
वीडियो हो रहे वायरल : योगी आदित्यनाथ की वजह से फायरब्रिगेड की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच सकी , नेताओं को भी ऐसे बड़े हादसों के वक्त घटनास्थल पर नहीं जाना चाहिए । क्योंकि उनके पहुंचने से सारा सिस्टम उनके आगे पीछे घूमने लग जाता है ।
सभी श्रद्धालुओं को महाकुंभ की एक बार फिर अनेक अनेक शुभकामनाएं।
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