चलती ट्रेन में क्या है एक यात्री के अधिकार : टीटीई ने चलती ट्रेन से महिला को बाहर फेंका
टीटीई की हैवानियत का रूप, महिला को दिया चलती रेल से धक्का
आज इस आर्टिकल में इसी बात की चर्चा करेंगे की चलती ट्रेन में एक यात्री के क्या है अधिकार
हरियाणा के फरीदाबाद से एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें टीटीई चलती ट्रेन से महिला को धक्का दे दिया। उसके बाद महिला ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में फंसकर घायल हो गई।
हम सब ने कभी ना कभी ट्रेन का सफर जरूर किया होगा । क्योंकि ट्रेन का फर्स्ट सफर सस्ता सुलभ और आरामदायक होता है । कभी-कभी ऐसी भी स्थिति होती है कि व्यक्ति को इमरजेंसी में कहीं जाना होता है और रिजर्वेशन नहीं मिलता है तब व्यक्ति जनरल का टिकट लेकर स्लीपर कोच में या एसी कोच में सफर करता है कभी जानबूझकर और कभी गलती से । मगर सफर करने वाले के साथ कुछ ऐसा हो जाए कि उसकी जान पर बना आए , और जान लेने वाला भी रेलवे का टिकट निरीक्षक हो तो ऐसी स्थिति में यात्री करें तो क्या करें । आज इस आर्टिकल में इसी बात की चर्चा करेंगे की चलती ट्रेन में एक यात्री के क्या है अधिकार
फरीदाबाद में चलती ट्रेन से टीटीई ने महिला को बाहर फेंका
फरीदाबाद में झेलम एक्सप्रेस ट्रेन से एक टीटीई ने महिला को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया उसके बाद महिला ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच बुरी तरीके से फंस कर घायल हो गई। उसके बाद वहां पर मौजूद रेलवे पुलिस ने ट्रेन की चेन खिचवाकर ट्रेन को रुकवाया और बहुत मुश्किल से महिला को बाहर निकाला। महिला को सीधा बाहर निकालने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया। घायल अवस्था मे महिला को तत्काल अस्पताल लेकर जाया गया । उनके सिर हाथ और पैर में काफी चोटे लगी है। GRP ने टीटीई के खिलाफ हत्या करने के प्रयास का मामला दर्ज किया है।
आखिर पूरा मामला क्या था
महिला का नाम भावना बताया जा रहा है और यह भी बताया जा रहा है कि वह महिला अपने घर से झांसी जा रही थी एक शादी के लिए। महिला झेलम एक्सप्रेस का इंतजार कर रही थी और 12:00 बजे ट्रेन प्लेटफार्म पर आई। महिला के पास में जनरल की टिकट थी पर महिला एसी कोच में चढ़ गई। जब टीटीई ने महिला के हाथ में जनरल की टिकट देखी तो उन्हें धक्के मार कर ट्रेन से उतार दिया।
महिला ने पुलिस को बताया कि टीटीई ने पहले उसका सामान फेंका और फिर उसे भी चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। देखते ही महिला ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में फस गई । इसके बाद ट्रेन करीब 10 मिनट तक प्लेटफार्म पर ही खड़ी रही। महिला ने GRP को बताया कि वह जुर्माना भरने के लिए भी तैयार थी और तब भी उनको धक्के मार के चलती ट्रेन से उतर गया। RPF ने बताया कि अगर महिला की जान बचाने में 2 मिनट की और देरी की जाती, तो कुछ भी हो सकता था। महिला का बचाना उसे समय मुश्किल हो गया था। महिला ने बताया कि उन्हें उतरने तक का मौका नहीं दिया गया था । और ना ही जुर्माना भरने को कहा गया। महिला के अनुसार उन्होंने टीटीई को जुर्माना भरने के लिए भी कहा था। टीटीई ने सारी हैवानियत की हदें ही पार कर दी थी।
अब बात भारतीय रेल में यात्रियों के अधिकार की
रेलवे के सफर में कितना मजा है उतनी ही परेशानियां भी है पर यह परेशानियां कम हो सकती है अगर हर एक यात्री को अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी हो। आईए जानते हैं कि ऐसी कौन-कौन से अधिकार है जिनके बारे में लोगों को जानना चाहिए ।
* अगर किसी रेल का वॉशरूम गंदा है तो उसे साफ करने का अधिकार भी यात्री रखते हैं। साफ शौचालय का अधिकार सभी यात्रियों को भारतीय रेल में मिलता है।
*अगर कभी किसी यात्री को जल्दी कहीं जाना हो और ट्रेन की टिकट बुक ना हो पाए तो यात्री प्लेटफॉर्म टिकट के साथ रेल में सफर कर सकता है उसके बाद सफर के दौरान टीटीई से रेल की टिकट कटवा जुर्माने के साथ लेनी होती है ।
*यात्रा के दौरान अगर किसी रेल का एसी काम ना करता हो तो यात्री को तत्काल टिकट का भी रिफंड वापस मिलता है
*अगर एक यात्री के पास एसी कोच का टिकट है और रेलवे की किसी वजह से उसे स्लीपर क्लास में सफर करना पड़ रहा है तो उसे पूरा रिफंड दिया जाएगा।
* एक यात्री सिर्फ रात के 11:00 बजे से लेकर सुबह के 6:00 तक रेल में अपनी रिजर्व सीट पर सो सकता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यात्री का सफर कितने घंटे का है।
*अगर एक यात्री सफर के दौरान किसी शारीरिक परेशानी से पीड़ित है तो वह रेलवे की फर्स्ट एड बॉक्स इस्तेमाल कर सकता है। यह फर्स्ट एड बॉक्स आपको किसी भी रेलवे कर्मचारी से मिलेगा।
*एक यात्री अगर स्लीपर / जनरल की टिकट से एसी क्लास में सफर करता है तो वह जुर्माना दे सकता है या अगले स्टेशन पर उतर सकता है।
ऐसे कुछ अधिकारों का सभी यात्रियों को पता होना बहुत जरूरी है इससे उनका सफर और भी अच्छा बन सकता है। अब सवाल यह है कि क्या भावना के केस में टीटीई का उसे रेल से धक्का देना सही था? टीटीई चाहता तो महिला से जुर्माना ले सकता था या उसे अगले स्टेशन पर उतर देता।





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