खट्टर सरकार कर रही रोङवेज बसों का जमकर दुरूपयोग : दोदवा
आज प्रदेश के मुख्यमन्त्री की पलवल में होने जा रही रैली में ज्यादा से ज्यादा भीङ जुटाने के लिए गुरूग्राम, नूंह,नारनौल, रेवाङी,पलवल व फरीदाबाद डिपो से रोङवेज की लगभग 250 बसें जनता को फ्री में ढोने के लिए लगाई गई : बलवान सिंह दोदवा
चण्डीगढ, 20 नवम्बर:-इंडियन नेशनल लोकदल कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष बलवान सिंह दोदवा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की मौजूदा सरकार रैलियों के नाम पर लगातार हरियाणा रोङवेज की बसों का जमकर दुरूपयोग कर रही है। जिसके कारण परिवहन विभाग को होने वाले भारी आर्थिक नुकसान के साथ-साथ प्रदेश की जनता को भी भारी परेशानी का सामना करना पङ रहा है।
इनेलो नेता बलवान सिंह दोदवा ने बताया कि आज प्रदेश के मुख्यमन्त्री की पलवल में होने जा रही रैली में ज्यादा से ज्यादा भीङ जुटाने के लिए गुरूग्राम, नूंह,नारनौल, रेवाङी,पलवल व फरीदाबाद डिपो से रोङवेज की लगभग 250 बसें जनता को फ्री में ढोने के लिए लगाई हुई हैं। जिसका सारा खर्चा परिवहन विभाग को उठाना पङेगा। ऐसा पहली बार नहीं हुआ बल्कि पिछले महीने भारत केन्द्रीय गृह मन्त्री श्रीअमित शाह की करनाल में हुई रैली में भी सैंकङो रोङवेज बसों का दुरूपयोग किया गया था। उन्होंन बताया कि एक तो प्रदेश की आबादी के अनुसार परिवहन विभाग में पहले ही बसों की भारी कमी है,दूसरा रैलियों में बसें भेजकर जनता की और परेशानी बढाने का काम किया जाता है। ऐसा करके भाजपा सरकार रोङवेज को ज्यादा से ज्यादा घाटे में दिखाकर पूर्ण रूप से बन्द करना चाहती है ताकि अपने चहेते निजि संचालकों को ज्याद से ज्यादा लाभ पहुंचा सके।
दोदवा ने बताया कि इसी तरह अम्बाला डिपो के चालक राजबीर सिंह की हुई हत्या के बाद रोङवेज कर्मचारीयों द्वारा दी गई चेतावनी के बाद भी सरकार के किसी अधिकारी या मन्त्री ने मामले को निपटाने का काम नहीं किया तथा बेवजह 15 नवम्बर को रोङवेज का चक्का जाम करवा दिया जिसके कारण परिवहन विभाग को 3•50 करोङ का नुकसान उठाना पङा। अगर स्थिति को भांपकर समय रहते युनियन नेताओं से बात करके मामले को निपटाया जा सकता था तथा मृतक चालक के आश्रितों को 50 लाख रुपए मुआवजा देने के बावजूद भी विभाग के 3 करोङ रुपए बचाये जा सकते थे तथा भैया दूज पर बसें बन्द होने के कारण जनता को जो परेशानी उठानी पङी उसको रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। रोङवेज को घाटा सरकार की नाकामियों के कारण होता है लेकिन इसका जिम्मेदार कर्मचारीयों को ठहराया जाता है। जबकि रोङवेज के कर्मचारी दिन-रात मेहनत करके विभाग को घाटे से उबारने का काम करते हैं।
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