पतझड़ का मौसम और “कमल” थाम सकते हैं “कमलनाथ”
फरवरी का मौसम पतझड़ का मौसम होता है ऐसे मौसम में पेड़ अपने पुराने पत्ते छोड़ देते हैं और नए पत्ते पेड़ में आ जाते हैं । मगर 2024 के पतझड़ के मौसम में इस बार कांग्रेस रूपी पेड़ में लगे पत्ते धीरे-धीरे झड़ रहे हैं और जो नहीं झाड़ का रहे हैं वह सुख रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ इसी पतझड़ के मौसम में भाजपाई पेड़ में पतझड़ तो बिल्कुल भी नहीं है मगर नए पत्ते खूब तेजी से आ रहे हैं । ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर भोपाल से दिल्ली तक तथा सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों तक के कार्यालय में आज चर्चाऔ का बाजार गर्म रहा की कमलनाथ जल्दी ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं । क्योंकि वह अचानक ही छिंदवाड़ा दौरा छोड़कर चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंच रहे हैं । और तो और उनके बेटे नकुल नाथ ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कांग्रेस का लोगो हटा दिया है जिसकी वजह से कयास और तेजी से लग रहे हैं । मगर दिल्ली पहुंचने के बाद कमलनाथ ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि अगर कुछ भी होगा तो आप सभी ( मीडिया भाइयों को ) को सूचित करुंगा । बिना आप सभी को सूचित किए बिना कुछ भी नहीं करूंगा । मगर कमलनाथ के ही खासमखास ने बताया कि कमल नाथ जो भी करेंगे छिंदवाड़ा के भले के लिए ही करेंगे । मगर कांग्रेस की खबरों को अगर माना जाए तो कमलनाथ ने अब तक कांग्रेस से कोई भी इस्तीफा नहीं दिया है यह सारी बातें सिर्फ और सिर्फ अटकलें हैं ।
ऐसा लगता है कि आजकल कांग्रेस के बड़े नेता सपने में जी रहे हैं वरना ऐसी बातें ना कहते हैं क्योंकि धीरे-धीरे कांग्रेस के सभी कद्दावर नेता कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं चाहे वह माधवराव सिंधिया हो या हालिया महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान हो । एक बड़ी लंबी लाइन है जिसने कांग्रेस से किनारा ही किया है । और अगर लोकसभा चुनाव के पहले कमलनाथ भी कांग्रेस का दामन छोड़ते हैं तो यह कांग्रेस के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है । वही Ani न्यूज से बात करते हुए मध्य प्रदेश के ही पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अगर कमलनाथ और नकुलनाथ बीजेपी ज्वाइन करते हैं , तो मैं तो मैं भी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लूंगा ।
अब देखना यह होगा की समाचार लिखे जाने तक ना तो कमलनाथ ने अपना इस्तीफा दिया था ना ही भाजपा की तरफ से इस संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी दी गई थी । तो चल रही बातें क्या सिर्फ अफवाह मात्र रह जाएंगे या फिर यह माना जाए कि बिना आग के धुआं यूं ही नहीं निकलता । कुछ तो खिचड़ी अंदर खाने पक ही रही होगी भले वह खिचड़ी कितने दिन में पकेगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा ।
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