कढ़ी पत्ते (मीठी नीम) के अनोखे स्वास्थ्य और स्वाद बढ़ाने वाले गुण: कैसे करें सही इस्तेमाल
कढ़ी पत्ता, जिसे आमतौर पर मीठी नीम भी कहा जाता है, भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी हैं। कढ़ी पत्तों का सही तरीके से इस्तेमाल करने से आपके व्यंजन में अद्वितीय स्वाद और पोषण जुड़ सकता है। आमतौर पर कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल तड़का लगाने के लिए किया जाता है, पर इसका इस्तेमाल इसके अलावा भी कई अन्य रूपों में किया जा सकता है।
कढ़ी पत्ते का उपयोग व्यंजनों में
कढ़ी पत्ते का प्रयोग विशेष रूप से दक्षिण भारतीय, गुजराती और मराठी व्यंजनों में किया जाता है। कढ़ी, तूवर दाल, और नारियल की चटनी में तड़का लगाते समय कढ़ी पत्तों का उपयोग आम है। इसके अलावा, आप निम्नलिखित व्यंजनों में भी इसका उपयोग कर सकते हैं:
- दक्षिण भारतीय व्यंजन: निपट्टू, पकौड़े, नमकीन, उपमा, अप्पम, साम्बर, कर्ड राइस, नारियल और टमाटर की चटनी, अचार आदि।
- महाराष्ट्रीयन व्यंजन: साबूदाना वडा, साबूदाना खिचड़ी, वड़ा पाव, मूंगफली की चटनी और कई सब्जियों में।
- गुजराती व्यंजन: दाल ढोकली, कढ़ी, ढोकला, खमण, इडली, पोहे, और खांडवी।
- चिवड़ा: फलाहारी चिवड़ा, साधारण चिवड़ा या मुरमुरे में भी कढ़ी पत्ते तलकर डाले जाते हैं।
कढ़ी पत्तों का सही इस्तेमाल
परंपरागत रूप से, कढ़ी पत्तों को साबुत रूप में तड़का लगाते समय घी या तेल में डाला जाता है, लेकिन खाने के दौरान लोग इन्हें निकालकर फेंक देते हैं। आप इन्हें अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि इसका पूरा पोषण और स्वाद मिले:
- दाल या सब्जी पकाते समय 4-5 कढ़ी पत्ते बारीक काटकर डालें, जिससे तड़के के बाद भी इन्हें खाने में आसानी हो।
- नारियल या मूंगफली की चटनी बनाते समय कढ़ी पत्ते पीसें, ताकि ये व्यंजन का हिस्सा बन जाएं।
- उपमा, साबूदाना खिचड़ी, या पकौड़े जैसे व्यंजनों में कढ़ी पत्ते बारीक काटकर डालें। तड़का लगाते समय इन्हें डालने के बजाय आप पकवान तैयार होने के बाद भी इन्हें बारीक काटकर डाल सकते हैं।
कढ़ी पत्ते के स्वास्थ्य लाभ
कढ़ी पत्ते न केवल भोजन में स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि उनके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। ये पत्ते विटामिन ए, बी, सी और ई से भरपूर होते हैं और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भी युक्त होते हैं। इसके सेवन से पाचन शक्ति में सुधार होता है, ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, और बालों और त्वचा को भी फायदा होता है।
कढ़ी पत्ते का पेड़ और उसके उपयोग
कढ़ी पत्ते का पेड़, जिसका वैज्ञानिक नाम मुराया कोएनिजी है, भारत का देशज है। इसका कोई संबंध नीम के पेड़ से नहीं है, हालांकि इसकी पत्तियां नीम के पेड़ की पत्तियों से मिलती-जुलती होती हैं। इसका इस्तेमाल ज्यादातर भारतीय रसोई में रसेदार व्यंजनों में किया जाता है।
डॉ. कनिका अग्रवाल, आयुर्वेदिक सलाहकार, का मानना है कि कढ़ी पत्तों का सही उपयोग भोजन को न केवल स्वादिष्ट बनाता है बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाता है।
अगर आप अपने भोजन में नयापन और स्वास्थ्यवर्धक गुण जोड़ना चाहते हैं, तो कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल करें।
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