जान बचाने वाली दवाई से पड़ रहे जान के लाले ?
कोर्ट मे कंपनी बोली ,कोविशील्ड से हार्ट अटैक का खतरा
खबरी प्रशाद दिल्ली
कोरोना का बहुत दौर तो सबको याद होगा जब लोगों की जान पर बन आई थी । दुनिया भर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे वह दूर नहीं देखा हो । भारत के लोग भी उससे अछूते नहीं थे । उसे दौरान भारत के लोगों को कुछ नए-नए शब्द सुनने को मिले । जैसे क्वॉरेंटाइन , सैनिटाइजर मास्क , पीपीई किट, दो गज की दूरी बहुत जरूरी । अगर सही मायने में कहा जाए तो भारत के सामाजिक ताने-बाने में दो गज की दूरी बहुत जरूरी शब्द शायद मुनासिब नहीं बैठता मगर कोविद के दौर में लोगों को मन मार कर इस स्लोगन को आत्मसात करना पड़ा । फिर आई कोरोना से बचाव वाली वैक्सीन । तब लोगों की जान में जान आई कि चलो शायद अब जान बच जाएगी और सरकार ने हर एक व्यक्ति को कोरोना की वैक्सीन लगाने का आदेश पारित कर दिया गया बल्कि सरकारी दफ्तरों में तो अगर वैक्सीन नहीं लगी है तो प्रवेश प्रतिबंधित तक कर दिया गया था ।
मगर कोरोना की ही एक वैक्सीन कोविशील्ड के बारे में एक नया खुलासा हुआ है जिसमें कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने कोर्ट में दावा किया है कि जिन्होंने यह वैक्सीन लगवाई है उनको कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं हालांकि ऐसा बहुत ही दुर्लभतम मामलों में होगा । मगर यह दुर्लभतम मामला किसके साथ बीतेगा यह किसी को नहीं पता । कंपनी में तो कोर्ट में एक अपना स्टेटमेंट देकर अपना पल्ला झाड़ लिया मगर एक छोटे से स्टेटमेंट से भारत में रहने वाले करोड़ों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मुझे कोविशील्ड लगी हुई है तो क्या मुझे भी हार्ट अटैक का या ब्रेन स्ट्रोक का खतरा है जैसा की कंपनी ने कोर्ट में दावा किया है ।
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ के अनुसार एस्ट्रोजेंनका पर आरोप है कि इस कंपनी की वैक्सीन से कई लोगों की मौत ब्रिटेन में हो गई है । इस कंपनी के खिलाफ वहां की अदालत में 50 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं । और पीड़ितों ने कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 1000 करोड रुपए से ज्यादा का हर्जाना मांगा जा चुका है ।
आपको बता दे की कॉविड की वैक्सीन निर्माता ने अदालत में माना है कि कोविशील्ड वैक्सीन से हो सकते हैं कई सारे साइड इफेक्ट। हालांकि ऐसा बहुत रेयर केस में होगा। उन्होंने यह भी बताया कि कई लोगों को गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल कोविशील्ड टीटीएस और थ्रांबोसिस का कारण बन सकता है। कोविड की दवाई बनाने वाली फार्मा कंपनी एस्ट्रोजेनिका पर ब्रिटेन हाई कोर्ट में फिलहाल 51 केस चल रहे हैं, क्योंकि इनकी वैक्सीन कई लोगों की मौत का कारण बन गई है।
वैक्सीन से हुई कई लोगों की मौत
कोविशील्ड से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से एक ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर शेन वार्न भी थे। उनकी मौत 2023 में हुई थी और तब डॉक्टर ने दावा किया था कि कोरोना की वैक्सीन के कारण शेन वार्न को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई।
भारत मे रह रहे लोगों का आरोप है कि नाचते गाते भी अचानक से आ रहा है हार्ट अटैक। गुजरात और यूपी से कई वीडियो वायरल हुए है जिसमें लोग शादी या किसी फंक्शन में नाच गा रहे हैं और इसी खुशी के मौके पर कॉविड की वैक्सीन उनकी मौत की वजह बनी है। 2023 में एक लड़की गुजरात में नवरात्रि के दिन मां की भक्ति में नाचते हुए अचानक से गिर गई और तब भी मौत की वजह कोविशील्ड था।
TTS असल में है क्या?
टीटीएस का मतलब थ्रोमबॉयटोपेनिया सिंड्रोम है। इसमें शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं और प्लेटलेट्स काउंट कम भी हो जाते हैं। जिसके कारण एक व्यक्ति को स्टॉक और हार्ट अटैक जैसी गंभीर परेशानियां हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने हार्ट अटैक पर कही थी यह बात
2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने हार्ट अटैक के बारे में चेतावनी देते हुए कहा था कि “आईसीएमआर ने हाल ही में इस पर विस्तृत अध्ययन किया है। इस अध्ययन में कहा गया है कि जिन्हें गंभीर कोविड हुआ है और ज़्यादा लंबा समय नहीं हुआ है उन्हें हार्ट अटैक से बचने के लिए कम से कम एक या दो साल तक ज़्यादा कठिन परिश्रम, ओवर वर्कआउट, भागना या ज़्यादा कसरत से बचना चाहिए”।
एक्सपर्ट्स का इस बात पर क्या कहना है?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कॉविड टास्क फोर्स के सह अध्यक्ष डॉ राजीव जयदेवन का कहना है कि “WHO के मुताबिक एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन शायद ही कभी ऐसी स्थिति से जुड़ी हो। हालांकि कोविड वैक्सीन ने कई मौतों को रोका है, लेकिन इससे जुड़ी कई रिपोर्ट प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं”। उन्होंने यह बात मानी की TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकती है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कुछ टिकों के इस्तेमाल के बाद इसके होने के चांसेस काफी कम हो जाएंगे।
कोविशील्ड के अलावा लगी थी कोवैक्सीन
भारत के अंदर कॉविड की महामारी के दौरान कोविशील्ड के साथ कोवैक्सीन भी लोगों को लगाई गई थी, पर कोविशील्ड की डोज ज्यादा थी। करीब 80% लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी।
उसे समय वैक्सीन लगाने से सिर्फ हल्का बुखार, सर दर्द या गले में दर्द जैसे लक्षण ही दिखाई दिए थे, लेकिन अब कंपनी का कहना है कि बहुत कम मामलों में मौत या गंभीर बीमारी भी वैक्सीन से हो सकती है।
ब्रिटेन में तो लोगों ने कंपनी पर दावा ठोक दिया और 1000 करोड रुपए का जुर्माना कंपनी से मांग लिया है । पर क्या भारत में इस तरह के कानून है कि अगर किसी कंपनी की गलती की वजह से , किसी परिवार के मुखिया की या फिर परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाए तो हरजाना कंपनी को भरना होगा । शायद इसका जवाब ना में होगा । और अगर ऐसे कानून है भी तो भारत की न्यायपालिका की लंबी लड़ाई लड़ने में हर आदमी अपने आप को कमजोर महसूस करता है जिसकी वजह से कोई भी व्यक्ति केस दर्ज नहीं करना चाहता ।
लोकसभा चुनाव का वक्त चल रहा है आम आदमी को चाहिए कि जब नेता आपके दरवाजे पर वोट मांगने के लिए आए तो उनसे अपने अधिकार के बारे में बात करें और पूछे कि अगर मेरे परिवार में या मेरे किसी प्रियजन को कोविशील्ड वैक्सीन लगाने के बाद में अगर कोई हादसा होता है तो क्या सरकार उसमें मुआवजा दिलवाएगी अगर नहीं तो क्यों ? सवाल आपके हक्का है , एक बार पूछिएगा जरूर ।
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