जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर मचा हंगामा, भाजपा के तीन विधायक घायल; सदन में जमकर हुई हाथापाई
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र 7 नवंबर को एक बड़े हंगामे का गवाह बना, जब अनुच्छेद 370 की बहाली पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के बीच जमकर नोकझोंक और हाथापाई हुई। विपक्ष के विधायकों ने केंद्र सरकार के निर्णयों पर सवाल उठाते हुए अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग की, जिस पर सत्ता पक्ष और भाजपा के विधायकों के बीच गर्मा-गर्मी हो गई। इस दौरान भाजपा के तीन विधायक घायल हो गए, जिन्हें बाद में मार्शलों ने सदन से बाहर निकाला।
विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब लेंगेट के निर्दलीय विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को लेकर एक बड़ा बैनर लहराया। इस बैनर पर लिखा था, “हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं।” बैनर को देखते ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इसका विरोध किया और आक्रामक नारों के साथ प्रतिक्रिया दी। भाजपा विधायक नाराज होकर अपनी सीटों से उठ खड़े हुए और सदन के बीच में आ गए, जिससे वहां हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई।
भाजपा विधायकों ने बैनर को छुड़ाने की कोशिश की, जिस पर दोनों पक्षों में तीखी बहस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान भाजपा विधायक आर. एस. पठानिया सहित कई अन्य विधायकों को चोटें आईं। सदन का माहौल इतना बिगड़ गया कि मार्शलों को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिन्होंने कई भाजपा विधायकों को जबरन सदन से बाहर निकाला। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 20 मिनट के लिए और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
370 की वापसी का प्रस्ताव पास, भाजपा ने बताया अवैध
हंगामे के बावजूद, जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली का प्रस्ताव पास कर दिया। भाजपा ने इस प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की और इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बताया। भाजपा का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और अन्य पार्टियां अनुच्छेद 370 को लेकर जनता को भ्रमित कर रही हैं। भाजपा ने इसे जम्मू-कश्मीर के विकास और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ कदम बताया।
विधायक खुर्शीद शेख का विवादित इतिहास
इस पूरे घटनाक्रम में खास बात यह रही कि अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करने वाले खुर्शीद अहमद शेख, बारामूला के लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई हैं, जिन्हें 2016 में आतंकवाद फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। राशिद पर आतंकी संगठनों से जुड़े होने का आरोप है, और वे 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। शेख का बैनर लहराना भाजपा विधायकों के आक्रोश का मुख्य कारण बना।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चुनावी वादे का दिया हवाला
इस घटना के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बयान दिया कि विधानसभा ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पास किया है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का चुनावी वादा था, और नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने वादों के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रस्ताव पास होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा ने अपनी भूमिका निभा दी है, और अब यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता की भावनाओं का सम्मान करे।
सदन में स्पीकर का बयान
सदन में बढ़ते हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने भी नाराजगी जताई। उन्होंने भाजपा विधायकों को शांत रहने की अपील की और कहा, “यह विधानसभा है, मछली बाजार नहीं। अगर आपको मुझ पर भरोसा नहीं है, तो अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं।” स्पीकर ने सदन की गरिमा बनाए रखने का अनुरोध किया, लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण उन्हें सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
370 पर फिर उठे सवाल, भाजपा ने दिया कड़ा विरोध
भाजपा का आरोप है कि यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करता है, और विधानसभा के पास इस पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने इसे जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास बताया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रस्ताव राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के विकास के खिलाफ हैं।
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