जेल में इंटरव्यू ABP न्यूज़ के संपादक जगविंदर पटियाल कैसे बच गए ! जबकि पुलिसकर्मी हो गए निलंबित !
लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू विवाद: 7 पुलिसकर्मी सस्पेंड, पत्रकार सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षित; पर पूर्व DSP को राहत नहीं
3 जुलाई को होनी है सुनवाई
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 30 जून 2025
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई द्वारा जेल से दिए गए विवादित इंटरव्यू मामले में पंजाब सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए एक डीएसपी समेत कुल सात पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, इंटरव्यू लेने वाले एबीपी न्यूज़ के पत्रकार जगविंदर पटियाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। दूसरी ओर, पूर्व डीएसपी गुरशेर सिंह संधु की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई है।
इंटरव्यू ने मचाई थी सनसनी
मार्च 2023 में एबीपी न्यूज़ के पंजाबी चैनल पर प्रसारित लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू देशभर में सुर्खियों में आ गया था। इस इंटरव्यू में गैंगस्टर ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी। बाद में खुलासा हुआ कि यह इंटरव्यू जेल हिरासत के दौरान, पंजाब पुलिस की निगरानी में रिकॉर्ड किया गया था।
SIT रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
पंजाब सरकार की ओर से गठित विशेष जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट में पाया गया कि इंटरव्यू सितंबर 2022 में सीआईए खरड़ की कस्टडी में रहते हुए रिकॉर्ड किया गया था। जांच में दोषी पाए जाने पर जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया, उनमें डीएसपी गुरशेर सिंह संधु, डीएसपी समर विनीत, एसआई रीना, एसआई जगत पाल, एसआई शगनजीत सिंह, एएसआई मुख्तियार सिंह और हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश शामिल हैं।

पत्रकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत
इंटरव्यू प्रसारित होने के बाद पत्रकार जगविंदर पटियाल के खिलाफ संभावित कार्रवाई की आशंका के बीच उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 30 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह आदेश दिया था कि पत्रकार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
पूर्व डीएसपी को सुप्रीम कोर्ट से झटका
वहीं, डीएसपी गुरशेर सिंह संधु ने CrPC की धारा 41A के तहत जारी नोटिस पर अंतरिम राहत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन 24 जून को न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चूंकि मामला पहले से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित है और वहां 3 जुलाई को सुनवाई तय है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देगा।
कोर्ट का गंभीर सवाल
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि एक पत्रकार जेल के भीतर कैसे पहुंचा, जब सुरक्षा का जिम्मा स्वयं गुरशेर संधु के पास था। इस पर संधु के वकील ने तर्क दिया कि एफआईआर में उनका नाम नहीं है, बावजूद इसके उन्हें नोटिस भेजा गया।
हाईकोर्ट में लंबित है निष्कासन मामला
जनवरी 2025 में संधु ने अपने निलंबन को चुनौती देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कार्रवाई से जुड़े साक्ष्य सीलबंद लिफाफे में पेश किए जाएं।
इस पूरे मामले ने पंजाब पुलिस की कार्यशैली, जेल प्रशासन की पारदर्शिता और मीडिया की जिम्मेदारियों पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब निगाहें 3 जुलाई को हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां पूर्व डीएसपी संधु के भविष्य का रुख तय हो सकता है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!