जब 40 साल पहले खुले थे श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार
श्री जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार: 40 साल बाद खुलने जा रहा है गुप्त कक्ष
श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का गुप्त कक्ष, जिसमें भगवान जगन्नाथ के दुर्लभ रत्न और आभूषण रखे गए हैं, 40 साल बाद पुनः खोला जाएगा। पिछली बार यह कक्ष 1985 में खोला गया था, जब कई राजाओं के मुकुट और खजानों से भरे संदूक देखे गए थे।
1985 में, 16 लोगों की एक टीम ने जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का निरीक्षण किया था। वे फ्लैशलाइट्स के साथ अंधेरे गुप्त गलियारे में दाखिल हुए थे। इस निरीक्षण में कई मूल्यवान आभूषण, जैसे सोने के कंगन, हार, और हीरे, नीलम, पन्ना आदि के टुकड़े देखे गए थे। इसके अलावा, कुछ सोने और चांदी के बर्तन भी पाए गए थे।
2018 का अधूरा प्रयास
2018 में एक बार फिर इस कक्ष को खोलने का प्रयास किया गया था, लेकिन टीम को केवल बाहरी हिस्से तक ही पहुंचने की अनुमति मिल पाई। गुप्त कक्ष की चाबी न मिल पाने के कारण यह प्रयास अधूरा रह गया था।
वर्तमान स्थिति: 2024 का नया प्रयास
ओडिशा सरकार ने 14 जुलाई 2024 को इस कक्ष को फिर से खोलने का निर्णय लिया है। इस बार भाजपा सरकार ने चुनावी वादे के तहत रत्न भंडार की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए इसे खोलने का संकल्प लिया है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य जनता के विश्वास को पुनः स्थापित करना और मंदिर की कीमती वस्तुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
रत्न भंडार की अद्वितीय संपदा
रत्न भंडार में 180 प्रकार के आभूषण हैं, जिनमें से 74 प्रकार के शुद्ध सोने के आभूषण शामिल हैं। कुछ आभूषणों का वजन 100 तोला (1.2 किलोग्राम) से अधिक है। इसके अलावा, हीरे, मोती, नीलम, पन्ना और कई अन्य दुर्लभ रत्न भी इस गुप्त कक्ष में संग्रहीत हैं।
भविष्य की संभावनाएं
यदि रत्न भंडार का गुप्त कक्ष सफलतापूर्वक खोला जाता है, तो यह न केवल मंदिर की संपत्ति का सही आकलन करने में मदद करेगा, बल्कि कई वर्षों से चल रहे विवादों को भी समाप्त कर देगा।
14 जुलाई 2024 को जब यह कक्ष खुलेगा, तब पूरा राज्य और देश इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा।
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