घर मे विभीषण , तो कैसे जीत जाते इसलिए कांग्रेस ने ” विभीषण ” से 6 साल के लिए किनारा किया
खबरी प्रशाद दिल्ली प्रेरणा ढिंगरा
कांग्रेस ने सूरत से उम्मीदवार नीलेश कुंभानी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया और उन्हें 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखाया , कुम्भानी का नामकरण पत्र रद्द होने के कारण कांग्रेस ने पार्टी से निलंबित किया
आपको बता दे की नीलेश का नामकरण पत्र विसंगतियों के कारण खारिज कर दिया गया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के सूरत से उम्मीदवार मुकेश दलाल को चुनाव आयोग ने निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया था। कांग्रेस का कहना है कि नीलेश की लापरवाही या बीजेपी के साथ मिली भगत के कारण यह सब हुआ और इसकी सजा के तौर पर नीलेश को पार्टी से 6 साल के लिए हटा दिया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी बताया कि नीलेश को अपनी बात रखने का समय भी दिया गया था, लेकिन वह गायब रहे जिसके कारण उन्हें यह एक्शन लेना पड़ा।
क्या नीलेश कुंभानी होंगे बीजेपी में शामिल?
सूत्रों से ऐसी खबर आ रही है कि नीलेश अब बीजेपी का हाथ थाम सकते हैं। एक तरफ उन्हें कांग्रेस पार्टी ने निकाल दिया है, तो वही वह भगवा झंडा भी अपना सकते हैं। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि नीलेश भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने में उनकी मदद करते हैं। नामकरण पत्र में हस्ताक्षर गलत होने के कारण बीजेपी की उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिलने के बाद कई लोगों को कहना था कि वह पहले से ही भाजपा से हाथ मिला चुके है, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है इस बात का अभी तक पता नहीं चला।
नीलेश की पत्नी ने इस आरोप पर क्या कहा?
आज तक से बातचीत के दौरान उनकी पत्नी नीता कुंभानी नहीं बताया कि “उन्हें किसी भी पार्टी से करोड़ रुपए नहीं मिले। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें कोई पैसा नहीं दिया और ना ही वह बीजेपी में जाकर शामिल होंगे। नीलेश कानूनी लड़ाई के लिए अहमदाबाद गए हैं और मेरी उनसे बात हो रही है”। नीता ने सफाई देते हुए कहा कि “नीलेश पहले से बीजेपी के संपर्क में थे इसमें कोई सच्चाई नहीं है। अगर ऐसा होता तो वह खुद ही अपना नामांकन वापस ले लेते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है”।
नीलेश की पत्नी ने इस बात का पूरा आरोप कांग्रेस के दूसरे नेताओं पर लगा दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी में शामिल दूसरे नेताओं के कारण नामकरण रद्द हुआ है।
कांग्रेस ने इस बात पर क्या कहा?
कांग्रेस की अनुशासन समिति का कहना है कि ” सफाई के लिए उनको भरपूर समय दिया है, लेकिन पार्टी अनुशासन समिति के सामने आने के बजाय आप संपर्क से बाहर रहे”। इसके बाद उन्होंने कहा कि “आपकी इस हरकत से सूरत की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष है और अलग-अलग तरीके से अपना गुस्सा प्रकट कर रहे हैं। कांग्रेस ने आपको छह साल के लिए पार्टी से निलंबित करने का फैसला किया है”।
नीलेश को लेकर राजनीति में कई तरीके की बातें हो रही है। कई लोगों का कहना है कि वह अब बीजेपी के साथ मिल जाएंगे, तो कई लोगों का कहना है कि उन्होंने भाजपा का साथ दिया था। अब इन बातों में कितनी सच्चाई है इस बात का अभी तक पता नहीं चला। लेकिन कांग्रेस का यह कदम कितना सही साबित होगा और कितना गलत यह तो आने वाला वक्त बताएगा।
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