इजराइल का ईरान पर वार , दुनिया में खतरे में आया तेल का व्यापार !
इज़राइल-ईरान संघर्ष: बढ़ा वैश्विक तनाव, तेल व्यापार पर मंडराया खतरा
तेल कीमतों में भारी उछाल, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर की आशंका
नई दिल्ली
इज़राइल ने शुक्रवार सुबह “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया। इस कार्रवाई में नटांज़ स्थित यूरेनियम संवर्धन केंद्र समेत कई अहम ठिकानों को निशाना बनाया गया। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ईरान के बढ़ते परमाणु खतरे के खिलाफ एक “रोकथामात्मक कदम” बताया।
इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में युद्ध का खतरा मंडराने लगा है, जिसका सीधा असर वैश्विक तेल व्यापार पर पड़ा है। खासकर, तेल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इसी मार्ग से दुनिया की 20% कच्चे तेल की आपूर्ति होती है।
तेल की कीमतों में उछाल
इज़राइल की इस सैन्य कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई। ब्रेंट क्रूड ऑयल 10% उछलकर 78 डॉलर प्रति बैरल पार पहुंच गया, जबकि अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी करीब 74 डॉलर से ऊपर चला गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तनाव बढ़ा, तो कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं।
पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है
तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी का सीधा असर आम आदमी पर पड़ सकता है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही, तो देश में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ना तय है। इससे ट्रांसपोर्टेशन, खाद्य वस्तुएं और रोजमर्रा की चीजें महंगी हो सकती हैं। महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।
ईरान की चेतावनी और संभावित खतरे
ईरान ने इस हमले का करारा जवाब देने की चेतावनी दी है। अब तक वह 100 से अधिक ड्रोन इज़राइल की ओर दाग चुका है। साथ ही आशंका जताई जा रही है कि वह स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ को अस्थायी रूप से बंद कर सकता है, जिससे तेल आपूर्ति पूरी तरह ठप हो सकती है।
क्या दुनिया एक और युद्ध के कगार पर है?
जानकारों के अनुसार, फिलहाल सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि ईरान इस हमले के बाद कौन-सा कदम उठाता है। यदि दोनों पक्ष बातचीत के रास्ते पर लौटते हैं, तो तनाव कम हो सकता है। लेकिन यदि संघर्ष लंबा खिंचा, तो इसका प्रभाव सिर्फ इज़राइल और ईरान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा बाजार और भू-राजनीतिक स्थिरता पर भी पड़ेगा।
इज़राइल-ईरान टकराव ने दुनिया को नई अनिश्चितता की ओर धकेल दिया है। तेल की बढ़ती कीमतों और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रही वैश्विक व्यवस्था के लिए यह संकट और गहरा हो सकता है। आने वाले दिन निर्णायक होंगे—जंग बढ़ेगी या बातचीत होगी, इस पर ही दुनिया की आर्थिक दिशा निर्भर करेगी।
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