भारत और ईरान हुए साथ-साथ! चीन-पकिस्तान की उड़ी नींद, साइन करने जा रहे हैं ये बड़ी डील
व्यस्त चुनावी मौसम के बीच भारत ईरान के साथ एक समझौता करने के लिए तैयार है । भारत अगले दस सालों के लिए चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन को देखेगा । इस समझौते को भारत-ईरान के बीच एक महत्वपूर्ण भूराजनीतिक पहुंच के रूप में देखा जा रहा है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल जल्द ही समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए ईरान जाने वाले हैं । यह पहली बार होगा , जब भारत किसी विदेशी बंदरगाह के प्रबंधन का काम अपने हाथों में लेगा । इससे भारत अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरोप से जुड़ पाएगा।
चीन को भारत का जवाब
इसके अलावा इसे पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह और चीन की बेल्ट एंड रोड के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है। रूस-ईरान और भारत एक साथ मिलकर एक महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे पर भी काम चल रहा है । इससे भारत पाकिस्तान को बायपास करते हुए सीधे तौर पर अफगानिस्तान और मध्य एशिया से भी जुड़ पाएगा।
कई सालों से चल रहा था काम
विदेश मंत्रालय ने अप्रैल में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल को बंगाल की खाड़ी में म्यांमार के सिटवे बंदरगाह पर परिचालन संभालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी । जानकारों का मानना है कि चुनाव के दौरान सोनोवाल की यात्रा इस समझौते की अहमियत को बताती है । भारत कई सालो से इस पर काम कर रहा था।
पश्चिम एशिया में मौजूदा संकट को देखते हुए इस यात्रा को और ज्यादा अहम माना जा रहा है । इस संकट की वजह से कई प्रमुख व्यापार मार्ग प्रभावित हुए हैं । पिछले साल अगस्त में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरानी राष्ट्रपति के बीच इसको लेकर व्यापक तौर पर बात हुई थी।
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