SEX जानकारी कितनी जरूरी, जानिए सेक्स से जुड़े कुछ तथ्य
प्रेरणा ढींगरा
यौन शिक्षा यानी सेक्स एजुकेशन हमें सेक्स और रिश्तो के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करती है। इस शिक्षा से हमें सेक्स से संबंधित सवालों का जवाब मिलता है जिससे एक इंसान की सेक्स लाइफ पर सही और गलत का असर पड़ता है। खासतौर पर जब एक बच्चा 12 से 18 साल के बीच की उम्र का होता है तब उसके शरीर में काफी बदलाव होते हैं जिससे उसके दिमाग में कई सवाल उठते हैं। 12 से 18 साल के बीच की उम्र के बच्चे दूसरे लिंग से आकर्षित भी होते हैं और इस समय उन्हें सही और गलत का समझ नहीं आता। यौन शिक्षा हमें कई सवालों के जवाब देती है जैसे बच्चे कैसे पैदा होते हैं, जो बदलाव हमारे शरीर में हो रहे हैं वह सही है या गलत और यही नहीं बल्कि सेक्स एजुकेशन हमें अपनी सेक्सुअल डिजायर यानी सेक्स करने की इच्छा पर कंट्रोल करना भी सीखता है।
आजकल के समय में भारत के अंदर युवाओं को सेक्स एजुकेशन के बारे में पता होना चाहिए। सेक्स एजुकेशन हमें न सिर्फ सेक्स के बारे में बताता है बल्कि छोटे बच्चों को गलत और सही में अंतर भी करना सीखता है। सेक्स से होने वाली मुश्किलें या बीमारियों के बारे मैं भी युवाओं को पता होना चाहिए। अब के समय में स्कूल के अंदर यौन शिक्षा को पढ़ाई का एक हिस्सा बना दिया है और आज हम यौन शिक्षा के बारे में ही बात करेंगे। जानिए यौन शिक्षा क्यों है जरूरी:
• यौन शिक्षा बताती है गलत और सही में अंतर ?
स्कूलों में यौन शिक्षा इसलिए भी पढ़ाई जाती है ताकि बच्चा गलत और सही में अंतर कर सके यानी उसे हां या ना के बारे में जानकारी हो। एक पुरुष को पता होना चाहिए की महिला उसके साथ किसी भी तरीके का सारारिक संबंध बनाने के लिए राजी है या नहीं। यौन शिक्षा एक पुरुष को हां या ना का फर्क समझता है और जितना यौन शिक्षा पुरुषों के लिए आवश्यक है उतना ही महिलाओं के लिए भी। यौन शिक्षा से छोटी उम्र की बच्चियों को सही और गलत तरीके से छुने का अंतर पता चलता है। जैसा कि हम सब लोग जानते हैं आजकल के समय में नाबालिक बच्चियों के साथ रेप के मामले पढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे समय में एक छोटी उम्र की बच्ची को पता होना चाहिए कि कोई व्यक्ति उसे अगर छू रहा है तो वह सही है या गलत और शरीर के किस हिस्से को छूना सही है और किस हिस्से को छुना गलत है। यौन शिक्षा हमें इन सब चीजों का ज्ञान भी देती है।
• सेक्स से संबंधित बीमारियां
संभोग करते समय कई सारी बीमारियों का भी ख्याल रखना पड़ता है। क्या आप जानते हैं संभोग से बीमारियां भी फैलती है जिन्हें सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज यानी एसटीडी कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति का वजन घटने लगे, थकान महसूस हो या ज्यादा पसीना आए तो यह एसटीडी के लक्षण हो सकते हैं। एसटीडी संभोग के दौरान एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है। एसटीडी से अन्य बीमारियां हो सकती है जैसे एचआईवी। जब भी आप किसी के साथ संभोग करें तो अपने पार्टनर के बारे में यह जान ले की उन्हें किसी तरीके की एसटीडी बीमारी तो नहीं है।
• अनपेक्षित गर्भधारण
यौन शिक्षा हमें अनापेक्षित गर्भधारण करने से भी बचाती है। सेक्स करने से बच्चा ना पैदा हो इसकी जानकारी भी हम यौन शिक्षा से ले सकते हैं। यौन शिक्षा यानी सेक्स एजुकेशन हमें गर्भ निरोध के बारे में बताती है जैसे कंडोम। कंडोम के प्रयोग से एक महिला अनपेक्षित गर्भधारण करने से बच सकती है।
यौन शिक्षा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हमारे समाज में सेक्स पुरुष के आनंद के बारे में है ना की महिलाओं के आनंद के बारे में और यौन शिक्षा हमें यही समझती है कि सेक्स दोनों पार्टी के लिए होना चाहिए। महिलाओं को भी उतना ही आनंद आता है सेक्स के दौरान जितना पुरुषों को और एक महिला के शरीर को समझने के लिए भी सेक्स एजुकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। एक महिला का शरीर काफी उलझा हुआ होता है यानि महिलाओं को सेक्स के दौरान आनंद दिलाना पुरुषों के लिए मुश्किल होता है। इस कारण सेक्स एजुकेशन समाज में जरूरी हो गया है। सेक्स एजुकेशन से एक शादी का जोड़ा खुश रहता है क्योंकि उन्हें अपने पार्टनर के शरीर के बारे में जानकारी होती है। एक कपल को आज के समय मैं सेक्स के दौरान दिक्कतें आती है और इन्हीं दिक्कतों से लड़ने के लिए यौन शिक्षा की जरूरत होती है।
सवाल जो अक्सर लोगो के मन मे ही रह जाते है
अक्सर डॉक्टर जो सेक्सुअल रिलेशंस की काउंसलिंग करते हैं उनके पास अनेक सवाल आते हैं जैसे एक महिला ने पूछा था कि “मेरी दो महीने बाद शादी होने वाली है। सगाई के बाद मैं अपने मंगेतर से मिल रही हूं , लेकिन वो मुझसे शादी के बाद की प्लानिंग को लेकर कोई बात नहीं करता। मैंने एक दो बार कहने की कोशिश भी की है कि मैं शादी के तुरंत बाद मां नहीं बनना चाहती, हमें इसकी प्लानिंग करनी होगी। लेकिन उन्होंने बात हवा में उड़ा दी। क्या मुझे अपने मंगेतर से सेक्शुअल रिलेशन की काउंसलिंग के लिए चलने के लिए खुलकर बात करनी चाहिए”? ऐसे सवालों के जवाब हमें सेक्सुअल रिलेशंस की काउंसलिंग से मिल सकते हैं की कैसे अपने पति या होने वाले पति से फैमिली प्लानिंग की बात की जा सके। फैमिली प्लानिंग होना आज के समय में जरूरी बनता जा रहा है क्योंकि महंगाई भी काफी बढ़ चुकी है और किस समय पर महिला बच्चा पैदा करने के लिए मानसिक रूप से तैयार है ये बात भी ज़रूर है। अब वक्त बदल गया है महिलाएं भी काम करती है और इस वक्त में एक महिला जानती है कि वह कब पूरी तरीके से मां बनने के लिए तैयार है पर अक्सर वह अपने पति से कतराती है यह बात करने को और ऐसे समय में काउंसलर्स जो यौन शिक्षा देते हैं उनकी सख्त ज़रूरत पड़ जाती है।
अगर आपके पास भी है कोई समस्या तो हमें नीचे दी गई मेल आईडी पर लिख भेजें । हम आपकी समस्या को डॉक्टर के पास बात करके आप तक पहुंचाएंगे । समस्या किसी की भी हो नाम गोपनीय रहता है । हमारी मेल आईडी है । deskkhabari@gmai.com
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!