पांच प्रतिशत आरक्षण के लिए हरियाणा सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट
कल हाईकोर्ट ने आर्थिक सामाजिक आरक्षण को रद्द कर दिया था
31 मई को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के सरकारी नौकरियों में आर्थिक सामाजिक आरक्षण को रद्द कर दिया था । अब हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है जिसके लिए खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस बात की जानकारी दी है।
सोशल मीडिया अकाउंट पर मुख्यमंत्री ने क्या लिखा
सोशल मीडिया अकाउंट पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लिखा : समाज के गरीब कमजोर और वंचित वर्ग को आगे लाने के लिए एक्स्ट्रा पांच नंबर देने की एक महत्वाकांक्षी योजना हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई थी इसके विरुद्ध हाई कोर्ट ने निर्णय दिया है और इसे निरस्त कर दिया गया है हरियाणा सरकार के नाते हम संवैधानिक और कानूनी प्रक्रियाओं के तहत इस लड़ाई को जारी रखेंगे और माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे गरीब कमजोर और वंचितों को न्याय दिलाने की लड़ाई हरियाणा सरकार अंतिम विकल्प तक लड़ती रहेगी ।
क्या था पूरा मामला
दरअसल पूर्ववर्ती मनोहर लाल खट्टर सरकार ने सामाजिक आर्थिक आरक्षण को लेकर हरियाणा में सरकारी नौकरियों में 5% का आरक्षण दिया था जिसको लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सरकार के इस आरक्षण के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी इसमें बताया गया था कि प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक आर्थिक आरक्षण दिया है । इस आरक्षण के तहत किसी परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर ना हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक आर्थिक आधार पर पांच अतिरिक्त अंक मिलने थे । जिसको लेकर विरोध था । पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि सामाजिक आर्थिक आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता । हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है अतः इसे रद्द किया जाता है ।
हाई कोर्ट के फैसले का क्या होगा असर
हाई कोर्ट के इस फैसले से हरियाणा में ग्रुप सी और ग्रुप डी के साथ-साथ टीजीटी भरती की परीक्षाओं पर भी असर पड़ेगा इन भर्तियों में अब पांच नंबर का एक्स्ट्रा फायदा नहीं मिलेगा वही जिन भर्तियों में पांच नंबर को फायदा लेकर नियुक्ति मिली है उनके दुबारा परीक्षा भी हो सकती है ऐसी स्थिति में एक अनुमान के अनुसार 12000 के आसपास लोगों की नौकरी चली जाएगी ।
क्या कहा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सोनी ने
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सोनी ने बताया पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने जो फैसला लिया है इसमें 2017 से जितनी भी भर्तियां हुई है हाई कोर्ट का फैसला उन सभी पर लागू होगा । उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार का यह फैसला आर्टिकल 14 का वायलेशन करता है । यह पूरी तरीके से संविधान के खिलाफ है । उन्होंने बताया हाई कोर्ट ने सरकार को 6 महीने का वक्त दिया है इस दौरान किसी को भी हटाया नहीं जा सकेगा बल्कि ग्रुप सी और डी की जो भी नियुक्ति हुई है । उनके एग्जाम दोबारा लिए जाएंगे ।
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