बॉबी फिल्म के गानों की धुन नल की गई है इस बात पर क्या जवाब दिया लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने
जब लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने राज कपूर की फिल्म बॉबी का म्यूज़िक कंपोज़ किया था तब उस दौर एक एक म्यूज़िक क्रिटिक ने ये कहकर बॉबी के संगीत की आलोचना की थी कि बॉबी के गीतों की धुनें शंकर-जयकिशन की धुनों की ही नकल हैं। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने कुछ भी नया नहीं किया है। उस वक्त लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जिन्हें एलपी के नाम से भी जाना जाता था, उन्हें लगा कि चूंकि उन्होंने बॉबी के गीतों में अकॉर्डियन वाद्य का काफी इस्तेमाल किया है तो शायद इसलिए उस क्रिटिक को ऐसा लग रहा है।
एक दिन एलपी ने उस क्रिटिक को प्यारेलाल जी के घर इनवाइट किया। वो जब प्यारेलाल जी के घर आया तो वहां उसे एलपी ने बॉबी के हर गीत के संगीत के पीछे का थॉट और गीतों के स्ट्रक्चर को समझाया। और आखिरकार उस क्रिटिक की गलतफहमी दूर हुई। और उसे भी मानना पड़ा कि एलपी ने वाकई में बॉबी के लिए एकदम फ्रैश म्यूज़िक कंपोज़ किया है। अपने अगले लेख में उसने स्वीकारा कि पिछली दफा जो उसने लिखा था वो उसकी गलतफहमी थी। नए लेख में उसने एलपी की खूब तारीफें की थी।
बॉबी फिल्म के काफी बाद एक दिन डायरेक्टर मनमोहन देसाई एलपी के पास पहुंचे और उनसे अपनी फिल्म नसीब का म्यूज़िक कंपोज़ करने को कहा। मनमोहन देसाई ने तब एक खास रिक्वेस्ट एलपी से की थी। देसाई साहब ने एलपी से हा था कि मेरी फिल्म में एक गीत है जिसके बोल जॉन जॉनी जनार्दन हैं। मैं चाहता हूं कि तुम बॉबी के एक गीत की ट्यून पर ही जॉन जॉनी जनार्दन को कंपोज़ करो। वो ट्यून जिसे देसाई साहब जॉन जॉनी जनार्दन गीत के लिए चाहते थे वो बॉबी के ‘अक्सर कोई लड़की इस हाल में’ गीत की प्रील्यूड धुन है। आप दोनों गीत यूट्यूब पर सुन सकते हैं।
मनमोहन देसाई और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल से जुड़ा एक रोचक किस्सा और है जो नसीब फिल्म से भी कुछ साल पहले आई अमर अकबर एंथोनी फिल्म के गीत ‘माय नेम इज़ एंथोनी गोंज़ाल्वेस’ से जुड़ा है। किस्सा कुछ यूं है कि एलपी ने ये गीत प्यारेलाल जी के गुरू एंथोनी गोंजाल्वेस को ट्रिब्यूट देने के लिए बनाया था। प्यारेलाल जी को वॉयलेन बजाने की ट्रेनिंग एंथोनी गोंजाल्वेस जी ने ही दी थी। ये गीत जब मनमोहन देसाई ने सुना तो उन्होंने अमर अकबर एंथोनी फिल्म में अमिताभ के कैरेक्टर का नाम एंथोनी गोंज़ाल्वेस कर दिया। जबकी पहले बच्चन साहब के कैरेक्टर का नाम एंथोनी फर्नांडेस था।
एक और दिलचस्प बात, इस गीत की रिकॉर्डिंग के वक्त प्यारेलाल जी के गुरू एंथोनी गोंज़ाल्वेस भी एलपी के ऑर्केस्ट्रा में बतौर वॉयलेन प्लेयर मौजूद थे। अमिताभ बच्चन जी को जब पता चला कि जिनके लिए एलपी ने ये गीत बनाया है वो एंथोनी गोंज़ाल्विस यही हैं तो उन्होंने एंथोनी गोंज़ाल्विस जी के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद भी लिया था। तो साहब, ये एक पुरानी और दिलचस्प कहानी मेरे पास थी जो मुझे किसी ना किसी दिन तो आप पाठकों संग साझा करनी ही थी। अच्छी है कि बुरी है, आप कमेंट करके बताइएगा ज़रूर। पसंद आई हो तो लाइक-शेयर भी अवश्य कीजिएगा।
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