होइहि वही जो राम रचि राखा । को करि तर्क बढ़ावै साखा ॥
अयोध्या से केशव माहेश्वरी की रिपोर्ट
आखिरकार वह दिन आ ही गया जिसका पूरे देश के साथ-साथ पूरे विश्व के हिंदुओं को इंतजार था। यानी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन। 140 करोड़ के इस देश में शायद ही कोई घर या फिर प्रतिष्ठान या फिर बाजार, शॉपिंग मॉल, रेलवे स्टेशन ट्रेन, बस, हवाई जहाज हो जहां पर भगवान राम की धुन नहीं बज रही हो। हर एक व्यक्ति अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार भगवान राम के लिए बिल्कुल उसी तरह लगा हुआ है जैसे कभी विजय प्राप्त करने के लिए समुद्र पर पुल बांधने के दौरान एक छोटी सी गिलहरी अपनी पूछ में बालू लपेटकर और पत्थरों के बीच में जाकर झाड़ कर वापस आ रही थी। अयोध्या में जहां तक नजर जा रही है सिर्फ और सिर्फ भगवान राम के अलावा किसी प्रकार की कोई चर्चा है ही नहीं। अयोध्या ही क्यों अयोध्या पहुंचने के पहले लखनऊ से चलते ही बाराबंकी होते हुए सड़क के किनारे किनारे स्वागत के जो बोर्ड लगे हुए हैं वह अपने आप में अद्भुत अनुभूति दे रहे हैं। भगवान राम के लिए कहीं से अगरबत्ती आ रही है तो कहीं से चांदी की पादुकाएं, कहीं से घी पहुंच रहा है तो कहीं से भगवान के लिए स्वर्ण जनित आभूषण, कितना लिखें और क्या-क्या लिखें, लिखने के लिए तो इतना है मगर लिखने के लिए शब्द कम है। जिससे जो बन पड़ रहा है वह भगवान राम को अर्पण करने के लिए तैयार बैठा है। अयोध्या में पहुंचने वाले मेहमानों के लिए होटल और बाजार तैयार है। मगर आज हर एक व्यक्ति की निगाह में सिर्फ और सिर्फ कितनी जल्दी मंदिर में प्रभु राम विराजमान होंगे यही नजर आता है। आज तो भगवान राम की टेंट में रहने की अंतिम रात है। जिसमें वह कई वर्षों से विराजमान है। आज की रात वह भी सीता माता से कह रहे होंगे, यही रात अंतिम, यही रात बाकी
जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन वैसी
गोस्वामी तुलसीदास की रचित रामायण में हजारों साल पहले लिखी गई यह लाइन आज पूरी तरीके से चरितार्थ हो रही है। क्योंकि पिछले कई दिनों से चल रहा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विवाद भी थम जाएगा। 22 जनवरी की तिथि निर्धारित होने के साथ ही इस कार्यक्रम के साथ विवाद जोड़ने लगे थे तो शंकराचार्य ने भी अधूरे मंदिर को लेकर प्रश्न चिन्ह खड़े किए थे । और अंतिम में तो भगवान राम की मूर्ति को लेकर भी सवाल किए गए थे मगर सभी सवालों का उत्तर सिर्फ और सिर्फ बाल्मीकि रामायण की एक चौपाई ही है ।
जाकी रही भावना जैसी , प्रभु मूरत देखी तिन वैसी
मेहमानों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी
श्री राम तीर्थ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से जिन-जिन लोगों को यहां के लिए आमंत्रण कार्ड दिया गया है। उन सभी के पहुंचने का सिलसिला धीरे-धीरे चल रहा है। कोई हवाई मार्ग से आ रहा है तो कोई सड़क मार्ग से, क्योंकि ट्रेन के लिए फिलहाल अस्थाई तौर पर अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को बंद किया गया है। जो लोग पिछले कई दिनों से यहां पर रुके हुए हैं पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उनसे विनती की जा रही है कि आप जल्द से जल्द अयोध्या की सीमा से बाहर जाएं। दरअसल 21 जनवरी और 22 जनवरी को अयोध्या में सिर्फ और सिर्फ या तो अयोध्या के स्थानीय निवासी (उनको भी आने-जाने के लिए प्रशासन की तरफ से पास दिया गया है) होंगे या फिर आमंत्रित मेहमान या फिर मीडिया संस्थाओं के लोग जो अयोध्या पहुंच चुके है।
22 को ही आएंगे पीएम मोदी कार्यक्रम का 100 से ज्यादा देशों में होगा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण
प्राणप्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को ही अयोध्या आएंगे। इसके पहले खराब मौसम को देखते हुए संभावना जताई जा रही थी कि मोदी का अयोध्या आगमन 21 जनवरी को हो सकता है । 22 जनवरी को पीएम 4 घंटे तक अयोध्या में रुकेंगे । प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन के सभी चैनलों के साथ-साथ सभी मीडिया संस्थानों के चैनलों एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी देखा जा सकता है । और देश का शायद ही कोई मंदिर बाजार मॉल छूटेगा जहां पर लाइव प्रसारण नहीं किया जा रहा होगा ।
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