हिमाचल में हुआ पहला ऑनलाइन निकाह, क्या इस शादी को मुस्लिम धर्म देगा मान्यता?
निकाह ऑनलाइन पर दुल्हन कहां रहेगी अपने घर या अपने ससुराल?
हिमाचल में हुई ऑनलाइन शादी पर हो रही है चर्चा। तुर्की में बैठे दूल्हे का हिमाचल की लड़की से ऑनलाइन निकाह हुआ है। जिसने कई सारे सवाल उठा दिए हैं। क्या कुरान इसे मान्यता देगा ?
प्रेरणा ढिंगरा
अक्सर आप लोगों ने कई सारी शादियां देखी होंगी। दूल्हा घोड़े पर चढ़कर अपनी दुल्हनिया को लेने आता है और धूम धड़ाके के साथ अपने जीवन साथी को अपने घर लेकर चला जाता है। बारात का स्वागत करने के लिए दुल्हन वाले सारा इंतजाम करके रखते हैं। पर क्या आपने ऐसी कोई शादी देखी है जिसमें ना तो बारात निकली और सब लोग अपने घर बैठकर ही शादी का लुफ्त उठा रहे हो? यानी दुल्हन अपने घर और दूल्हा अपने घर बैठकर साथ जीने की कसमें खा रहा हो? यह तो हम सब जानते हैं कि आज का दौर ऑनलाइन जमाने का है। घर बैठे सब्जियां आ जाती है, कपड़े आ जाते हैं। लेकिन, अब घर बैठे शादियां भी होगी ऐसा किसने सोचा था? ऐसा ही एक मां हिमाचल प्रदेश के सामने आया है। जहां टेक्नॉलजी के जरिए दो अलग-अलग देशों में बैठे लोगों की दूरियां खत्म हो गई। एक दुल्हन की उसके विदेश में काम कर रहे दूल्हे से ऑनलाइन शादी हुई है। मामला मंडी जिले का है और यह शादी वीडियो कॉल के जरिए हुई है।
घर बैठे ऐसे हुआ निकाह
निकाहदरअसल मंडी जिले के सुंदरनगर के डुगराई गांव की रहने वाली एक लड़की फहरीन का निकाह बिलासपुर के रहने वाले अदनान से तय हुआ था। दूल्हा तुर्की में जॉब किया करता था। दोनों की शादी की डेट फिक्स हो गई पर दूल्हे को अपने काम से छुट्टी ही नहीं मिली। जिसके बाद मंडी में दुल्हन के परिवार वालों ने बिलासपुर में दूल्हे के परिवार से बात करी और 3 नवंबर को व्हाट्सअप पर वीडियो कॉल करके उन दोनों ने शादी कर ली। इस बात पर दुल्हन के दादा बशीर मोहम्मद का कहना है कि “मेरी पोती का निकाह बिलासपुर के अदनान के साथ तय हुआ था। जो की तुर्की में रहता है। निकाह की तारीख पर अदनान को छुट्टी नहीं मिली, लेकिन उसी दिन निकाह किया गया. इसके लिए हमने टेक्नॉलजी का सहारा लिया। 3 नवंबर को व्हाट्सअप पर वीडियो कॉल करके निकाह करवाया और दूल्हा-दुल्हन ने निकाह कबूल किया। इस्लामिक तौर तरीके से ये निकाह किया गया।”
ऑनलाइन शादी के बाद दुल्हन कहां रहेगी?
यह तो हम सब जानते है कि निकाह हो चुका है। दूल्हा तुर्की में बैठा है और दुल्हन हिमाचल में, इसे देख कई लोगों के मन में सवाल पैदा होगा कि दुल्हन कहा रहेगी? अपने घर या अपने पति के घर तुर्की? क्योंकि अभी तक विदाई हुई नहीं है। क्या विदाई भी ऑनलाइन होगी? या उनके लिए दूल्हा हिमाचल आएगा? इस बात पर 75 वर्षीय बशीर मोहम्मद का कहना है कि टेक्नॉलजी ने दूरियों को कम करके नजदीकियों में बदल दिया है। फिलहाल उनकी पोती यानी दुल्हन अभी पढ़ाई कर रही है और उसकी स्टडीज पूरी होने के बाद उसे विदा कर दिया जाएगा। बुजुर्ग ने बताया इस ऑनलाइन निकाह से दोनों परिवार बेहद खुश हैं।
मुस्लिम धर्म में इस निकाह की मान्यता क्या है?
सब शादी को लेकर दूल्हा, दुल्हन और उनके परिवार वाले चिंतित थे तब दोनों पक्षों की दुविधा का हल निकालने के लिए अदनान के पिता मोहम्मद रफी ने मौलवी व मुफती से हल के बारे में पूछा। इस बात पर मौलवी ने ही उन्हें ऑनलाइन निकाह यानी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए कहा। वहीं काजी ने निकाह करवाया और दूल्हे ने ऑनलाइन व दुल्हन ने ऑफलाइन तीन बार ‘कबूल है-कबूल है’ दोहराकर गवाहों की मौजूदगी में निकाह को कबूल किया गया। इस निकाह में दोनों परिवारों, रिश्तेदारों के साथ मुस्लिम कमेटी जामा मस्जिद बिलासपुर के प्रधान हारून मोहम्मद भी विशेष रूप से शामिल थे। यानी कहां जा सकता है कि मुस्लिम धर्म के रीति रिवाज का पालन करके ही शादी को पूरा किया गया है।
वैसे तो इस्लामी शरा के मुताबिक पहले निकाह का पैगाम लड़के की तरफ से दिया जाता है। उसके बाद इस पैगाम को लड़की कुबूल करती है या इन्कार करती है। अगर पैगाम कुबूल किया गया तो इस पैगाम के देने और कुबूल करने को निकाह कहते हैं। मुस्लिम धर्म में निकाह के लिए, मौलवी की मौजूदगी में गवाहों के सामने दोनों पक्षों को ‘कबूल है’ कहना होता है। हालांकि, इस निकाह को भी मौलवी ने सहमति जताई है।
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