हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट: 7 से 10 अगस्त तक ऑरेंज अलर्ट, संभलकर रहें
हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने राज्य में 7 अगस्त से 10 अगस्त के बीच भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से कांगड़ा, सिरमौर और ऊना जिलों में इस दौरान मूसलाधार बारिश की संभावना है। विभाग ने प्रदेश वासियों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है, क्योंकि इन इलाकों में लैंडस्लाइड, जलभराव और बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
कहां-कहां रहेगी ज्यादा बारिश की संभावना?
मौसम विभाग के अनुसार, 7 और 10 अगस्त को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। कांगड़ा, सिरमौर और ऊना जिलों के लिए विशेष चेतावनी जारी की गई है, जहां 75 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है।
बीते 24 घंटे में कहां हुई सबसे ज्यादा बारिश?
प्रदेश के कई इलाकों में बीते 24 घंटों के दौरान अच्छी बारिश दर्ज की गई है। भरवाई में 66 मिलीमीटर, घाघस में 56.6 मिलीमीटर, जोगेंद्रनगर में 53 मिलीमीटर, सलापड़ में 52.6 मिलीमीटर, गोहर में 46 मिलीमीटर, ऊना में 40.2 मिलीमीटर, और बिलासपुर में 35.5 मिलीमीटर बारिश हुई है।
मानसून सीजन में 30% कम बारिश
हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में नॉर्मल से 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 5 अगस्त तक की अवधि में जहां 405.5 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, वहीं इस बार केवल 281.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के किसी भी जिले में नॉर्मल से ज्यादा बारिश नहीं हुई है।
भारी बारिश से तबाही: बंद हुईं सड़कें और बिजली व्यवस्था
पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश से प्रदेश में 85 सड़कों का संपर्क टूट गया है, 115 बिजली के ट्रांसफॉर्मर खराब हो गए हैं, और 65 पानी की योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। इन आपदाओं से अब तक सरकारी और निजी संपत्ति को 684 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
भूस्खलन और मकानों को हुआ भारी नुकसान
बरसात से प्रदेश में 57 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं, जबकि 151 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 14 दुकानें, 3 लेबर शेड, 171 गौशालाएं, और 2 घाट भी बारिश की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए, प्रदेश वासियों को अनावश्यक यात्रा से बचने, पहाड़ी इलाकों में सतर्क रहने और संभावित खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
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