माथे पर चिंता की लकीरें लेकर हरियाणा सरकार पहुंची राम जी के द्वार, अब राम जी करेंगे बेड़ा पार
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ भगवान राम के दर्शन करने के लिए कल सुबह-सुबह अयोध्या रवाना हो गए । अयोध्या जाने के पहले उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात की । मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा आज हम सबको भी यह अवसर मिला है कि हमारी सरकार के सभी मंत्रीगण भगवान राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या जा रहे हैं । पूरा प्रदेश खुशहाल हो और पूरा प्रदेश विकास में आगे बढ़े हम ऐसी मंगल कामना प्रभु श्री राम से करते हैं । मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को लेकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा तो बोले हर जिले से तीर्थ यात्रा के लिए बसें जा रही हैं , सीनियर सिटीजंस के लिए हमने अधिकारियों को अयोध्या ले जाने के लिए कहा है और इसके साथ-साथ श्रम विभाग से भी कहा जा रहा है कि जो भी श्रमिक अयोध्या या दूसरे तीर्थ स्थल पर जाना चाहे उनका तीर्थ स्थल पर लेकर जाया जाए ।
अयोध्या जाते वक्त माथे पर चिंता की लकीरें
अयोध्या जाने के पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जिस समय पत्रकारों से बात कर रहे थे उस समय उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर देखी जा सकती हैं । और चिंता की लकीरें हो भी क्यों ना । हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की जिस तरीके से हार हुई है , और अब अगली कुछ ही दिनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसी स्थिति मे चुनाव में जीत को लेकर कितना दबाव होगा । तो ऐसी स्थिति में चिंता की लकीरें माथे पर आ जाना स्वाभाविक सी बात है ।
इसलिए कहां जा रहा है कि एक बार फिर हरियाणा सरकार शायद हवाई जहाज में यही धुन गुनगुनाते हुए होगी ।
मेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार ओ साकी मन काहे को डरे
उधर सरकार राम जी के द्वार , इधर सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
हरियाणा की पूरी सरकार अयोध्या में राम जी के आगे नतमस्तक थी तो दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की दलीलें नहीं चल पाई । और सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के सोशल इकनोमिक आरक्षण को लेकर इनकार कर दिया।
दरअसल हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के ही फैसले को सही माना और हरियाणा सरकार की दलील को खारिज कर दिया अब आपको बताते पूरा मामला था क्या ?
सरकारी नौकरियों में 5 नंबर का आरक्षण असंवैधानिक करार , 23 हजार नियुक्तियों पर लटकी तलवार
हरियाणा सरकार को सरकारी भर्ती में सामाजिक-आर्थिक आधार पर 5 नंबरों के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया है। हरियाणा सरकार ने सीईटी में 1.80 लाख सालाना इनकम वाले परिवारों को यह आरक्षण दिया था। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस आरक्षण को खारिज कर दिया था। जिसके खिलाफ हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट में 4 अपीलें दायर की थीं। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसबीएन भट्टी द्वारा मामले की सुनवाई की गई।इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से दो अन्य याचिकाओं को शामिल करने को लेकर टाइम मांगा था, सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद सोमवार की डेट फिक्स की थी। सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर जारी विस्तृत आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने आरक्षण का लाभ दिया है तो क्यों यह आर्टिफिशियल श्रेणी बनाई जा रही है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ग्रुप सी और डी में नियुक्ति पा चुके 23 हजार युवाओं को दोबारा एग्जाम देना पड़ेगा। अगर वे पास नहीं हो पाए तो नौकरी से बर्खास्त हो जाएंगे ।
हाइकोर्ट आरक्षण को बता चुका असंवैधानिक
हाईकोर्ट ने कहा था कि यह फायदा देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। इस प्रकार, पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का फायदा देते हुए केवल पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार सही नहीं है।
नियुक्ति में किसी फायदे को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं। जहां सभी नागरिक रोजगार पाने के हकदार हों, वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
ये दिए थे सरकार को आदेश
हाईकोर्ट ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 माह के भीतर भर्ती पूरी करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश से नियुक्ति पा चुके 23 हजार कर्मचारियों को नए सिरे आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया था यदि वे दोबारा आयोजित परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बना पाते हैं तो उन्हें बर्खास्त करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था।
इन्हें दी जा चुकी है नियुक्ति
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली गई थी। समान प्रकार की भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 ग्रुप बनाए थे। ग्रुप सी के 32 हजार पद, इसी श्रेणी में टीजीटी के 7471 पद शामिल हैं। इनके अलावा, ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार और ग्रुप डी के 13 हजार पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद इनको नियुक्ति भी दी जा चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सरकार पर क्या होगा असर
दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह फैसला खारिज किए जाने के बाद हरियाणा सरकार बुरी तरीके से फस गई है । अब ऐसी स्थिति में कानूनी जानकारी के अनुसार सरकार पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है । और अगर पुनर्विचार याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली तो जो नियुक्तियां की थी वह रद्द होगी और नया एग्जाम लेना पड़ेगा । ऐसी स्थिति में यह भी संभव है कि जिन लोगों को सरकार के इस फैसले का फायदा मिला है वह कोर्ट चले जाएं । और वहीं अगर सभी लोगों को एग्जाम देने के लिए कहा जाता है तो वह भी कोर्ट जा सकते हैं । और सबसे बड़ी बात यह कि अगर सब की बात सुप्रीम कोर्ट खारिज कर देता है तो जिन लोगों ने सरकार में नौकरी की है उनको अगर नौकरी से हाथ धोना पड़ता है तो जो तनख्वाह दी गई है उसका क्या होगा । सरकार इस समय विधानसभा चुनाव की तैयारी में है माना जा रहा है की अक्टूबर नवंबर में विधानसभा के चुनाव हरियाणा में हो सकते हैं ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मुसीबत वाला फैसला बन सकता है ।
सोशल इकोनामिक ग्रेस मार्क पर इस पर याचिककर्ता के वकील सार्थक का बयान
आज सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह के राहत देने से इनकार किया । कोर्ट में हमने इसे कानून की उल्लंघना बताया था । आने वाली सभी परीक्षाओं पर ये आदेश लागू होगा । सरकार अब आगे जो भी कानूनी पहलू लेगी हम उसके लिए तैयार हैं।
ग्रुप सी और ग्रुप डी में भर्ती परीक्षाओं में सोसो इकोनॉमिक आधार पर एक्स्ट्रा मार्क्स देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार की याचिका डिस्मिस हो गई है ।
ओ साकी मन काहे को डरे ,, ओ साकी मन काहे को डरे ओ साकी मन काहे को डरे
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!