भाजपा की चुनाव आयोग को चिट्ठी, हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदले आयोग
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। हाल ही में बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें हरियाणा के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। हालाँकि, अभी भी उम्मीदवारों की अंतिम सूची पर निर्णय लिया जाना बाकी है। इस बीच, हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ने चुनाव आयोग से हरियाणा चुनाव की तारीख को 1 अक्टूबर से आगे बढ़ाने की मांग की है।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने का अनुरोध: मोहनलाल बडौली ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपील की है कि हरियाणा चुनाव की तारीख को 4-5 दिन आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने अपने पत्र में यह उल्लेख किया कि 1 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के दौरान एक लंबा वीकेंड है, जिसके कारण कई लोग प्रदेश से बाहर हो सकते हैं। इससे मतदान प्रतिशत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बडौली का मानना है कि अगर चुनाव की तारीख को थोड़ा और पीछे किया जाता है तो लोग प्रदेश में उपस्थित रहेंगे और मतदान में हिस्सा लेंगे, जिससे वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि होगी।
बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान भी है महत्वपूर्ण: बडौली ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि हरियाणा के बिश्नोई समाज का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान भी उसी समय के आसपास है। इसका भी असर मतदान पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव की तारीख को कुछ दिन पीछे खिसका दिया जाता है तो समाज के लोग अपने धार्मिक अनुष्ठान के बाद मतदान में हिस्सा लेने में सक्षम होंगे।
विधानसभा सत्र बुलाने की मांग: इसके साथ ही, मोहनलाल बडौली ने हरियाणा विधानसभा सत्र बुलाने के लिए भी अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि कोई कानूनी अड़चन है तो उसे दूर किया जाना चाहिए और सत्र बुलाया जाना चाहिए। उनका मानना है कि विधानसभा सत्र के आयोजन से चुनाव से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की जा सकेगी और इससे जनता को भी लाभ होगा।
चुनाव आयोग को लिखा पत्र: बडौली ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव के लिए चुनाव आयोग को एक औपचारिक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में यह स्पष्ट किया है कि यदि मतदान की तारीख 4-5 दिन आगे बढ़ाई जाती है तो लोगों का मतदान केंद्रों तक पहुंचना आसान होगा और इसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ेगा।
हरियाणा चुनाव की तारीखों में बदलाव को लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अब देखना यह है कि चुनाव आयोग बडौली की इस मांग पर क्या निर्णय लेता है।
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