हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और AAP का गठबंधन? राहुल गांधी ने राय मांगी, हुड्डा ने दी शर्तें
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन पर चर्चा, पूर्व सीएम हुड्डा की 3-4 सीटों की शर्त, और बीजेपी का पलटवार
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच एक राजनीतिक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। दोनों पार्टियां पहले से ही I.N.D.I.A. ब्लॉक की सदस्य हैं।
राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर पहल की है और सोमवार शाम को केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में हरियाणा के नेताओं से इस बारे में राय मांगी। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने इस मामले पर सीनियर नेता को निर्देशित किया है कि वह प्रदेश के नेताओं से चर्चा करें और गठबंधन के संभावित लाभ-हानि की रिपोर्ट तैयार करें।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस और AAP ने मिलकर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने 9 सीटों पर और AAP ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें कांग्रेस ने 5 सीटें जीतीं और AAP की कुरूक्षेत्र सीट हार गई। हालांकि, चंडीगढ़ में दोनों पार्टियों के गठबंधन ने निगम और लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।
सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि अगर गठबंधन होता है तो AAP को केवल 3-4 सीटें ही मिल सकती हैं, जबकि AAP इससे अधिक की मांग कर रही है, जिससे गठबंधन में मुश्किलें आ रही हैं। वहीं, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने टिप्पणी की है कि कांग्रेस को पता है कि वह हरियाणा नहीं जीत सकती और इसलिए वह गठबंधन की बात कर रही है।
राहुल गांधी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उनकी तीन मुख्य मंशाएँ हैं:
- विपक्ष के वोटों का बंटवारा रोका जाए।
- हरियाणा और पंजाब के सीमा क्षेत्र में AAP के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए वोटों का कटाव न हो।
- विपक्षी एकता को बनाए रखा जाए।
हरियाणा कांग्रेस के नेता इस गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं, खासकर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा इसका विरोध कर रहे हैं। वे पहले भी कह चुके हैं कि वे विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। वहीं, AAP हरियाणा में पहली बार सभी 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है और प्रचार में जुटी है।
चंडीगढ़ में AAP और कांग्रेस के सफल गठबंधन के उलट, पंजाब में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं हुआ था। चंडीगढ़ में गठबंधन ने नगर निगम और लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल की थी।
AAP नेताओं ने गठबंधन के बारे में अपनी राय दी है:
- संजय सिंह ने कहा कि भाजपा को हराना उनकी प्राथमिकता है और इस पर आगे की चर्चा होगी।
- सुशील कुमार गुप्ता ने कहा कि पार्टी हाईकमान के निर्देशानुसार काम कर रही है और 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है।
- सुनील गुप्ता ने कहा कि कुछ सीटों पर गठबंधन की संभावना नहीं है और यदि हाईकमान उनसे राय लेगी, तो वे मना कर देंगे।
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