किसान आंदोलन पर इंटरनेट बंदी और बॉर्डर सील को लेकर चल रही सुनवाई
पंजाब सरकार को आदेश शंभू बॉर्डर और खनोरी बॉर्डर को पर भीड़ कम करवाई जाए
धरना प्रदर्शन में ट्रैक्टर लेकर जाना गैरकानूनी
टुकड़ों टुकड़ों में करें किसान अपना धरना प्रदर्शन
इस समय की सबसे बड़ी खबर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में आज सुनवाई की गई जिसमें चंडीगढ़ के वकीलों की तरफ से पटीशन दायर की गई थी धारा 144 को लेकर और नेट बंद करने को लेकर पिछले दिनों अपील डाली गई थी जिसकी आज सुनवाई हुई जिसको लेकर आज हाई कोर्ट के मानयोग जज ने पूरी बात सुनीवाई की और उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को हिदायत दी जाती है की शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर इतना रश हो चुका है इसको कम किया जाए और धरना प्रदर्शन करने हैं तो उनको टुकड़ों में धरना प्रदर्शन किया जाए और मानयोग जज ने यह भी कहा की धरना प्रदर्शन में ट्रैक्टर ट्राली लेकर जाना गैर कानूनी है बस या गाड़ी के जरिए जा सकते हैं दिल्ली लेकिन धरना प्रदर्शन में सड़क पर ट्रैक्टर ट्राली लेकर जाना या दिल्ली लेकर जाना गैर कानूनी है पंजाब सरकार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि इस पर कंट्रोल किया जाए हाई कोर्ट ने कहा धरना प्रदर्शन करना आपका हक है लेकिन कानून की सीमा में रहकर यह चीज कर सकते हैं पंजाब सरकार को बॉर्डर से भीड़ कम करने की अपील की गई है और जो धरने दिए गए हैं उनको टुकड़ों में धरना प्रदर्शन करने की अपील की गई है और वहां से ट्रैक्टर ट्राली वापस मंगवाने की भी बात की गई है।
किसान आंदोलन को लेकर दाखिल दोनो याचिकाओं पर हाईकोर्ट में शुरू हुई सुनवाई पंजाब हरियाणा और केंद्र ने दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट
किसानों को तरफ से आज भी कोई वकील हाई कोर्ट में नही हुए पेश
हाई कोर्ट ने कहा की शांतिपूर्वक प्रदर्शन का सभी को अधिकार है,लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए
प्रदर्शन नियमों के तहत हो किया जाए
हाई कोर्ट ने कहा की अगर दिल्ली ही जाना है तो बस पर चले जाओ
ट्रेक्टर और ट्राली का काफिला लेकर क्यों
ट्रेक्टर ट्राली को मोटर विहिकल एक्ट के तहत हाई वे पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती
हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा की शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ा जमावड़ा हो चुका है, इसे कम किया जाए
प्रदर्शनकारियों को छोटी छोटी टुकड़ियों में इकट्ठे होने की इजाजत दी जाए
रविवार को केंद्र के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत का क्या हाल निकला उसका ब्योरा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांग लिया है, केंद्र यह जानकारी अगली सुनवाई पर देगा
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