नजीर बनेगा फैसला : रेप का झूठा केस पर युवती को हुई उतने ही साल की जेल जितने साल युवक ने कैद में बिताए
प्रेरणा ढींगरा : बरेली की कोर्ट ने दुष्कर्म मामले को लेकर दिया एक बड़ा बयान। कहा रेप का झूठा आरोप डालने वाली युवती को उतने ही दिन जेल में काटना पड़ेगा जितने दिन युवक ने कैद में बिताए हैं। साथ ही जुर्माना भी देना पड़ेगा।
आपको बता दे की बरेली की कोर्ट ने दुष्कर्म मामले मे लिया है भविष्य में नजीर बनने वाला फैसला। कोर्ट का कहना है कि फॉल्स रेप केस करने वाली महिला को भी उतने ही दिन जेल में बिताने होंगे जितने दिन आरोपी युवक ने जेल में बिताए हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने युवती पर 5 लाख 88 हजार तक का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि रेप जैसे संगीन जुर्म में फसाने के लिए युवती ने कानून का गलत उपयोग किया है।
जानिए पूरा मामला क्या था
2 सितंबर 2019 को बारादरी के थाने में एक युवक के खिलाफ महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिस पर पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद उसे जेल हो गई। महिला का कहना था कि युवक ने उसे नशीला प्रसाद खिलाकर दिल्ली में ले जाकर और उसके बाद कमरे में बंद कर के उसके साथ बलात्कार किया। बाद में जब सच्चाई कोर्ट के सामने आई तब पता चला कि युवक ने किसी भी तरीके का कोई दुष्कर्म नहीं किया था आरोप झूठा था।
युवती आगे चलकर बयान से मुकर गई जिसके बाद कोर्ट को सच्चाई का पता चला तो कोर्ट ने युवक को सजा मुक्त कर दिया और इसके बाद युवती को भी उतने ही साल की सजा सुनाई जितने साल युवक ने जेल में बिताए। इसका मतलब है कि युवती भी जेल में साढ़े 4 साल की सजा काटेंगी।
कोर्ट का क्या कहना है?
कोर्ट ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि “यह समाज के लिए बेहद गंभीर स्थिति है।अपने मकसद की पूर्ति के लिए पुलिस व कोर्ट को माध्यम बनाना आपत्तिजनक है। कोर्ट ने आगे कहा कि अनुचित लाभ के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती। अदालत ने ये भी कहा कि यह मुकदमा उन महिलाओं के लिए नजीर बनेगा जो पुरुषों से वसूली के लिए झूठे मामले दर्ज करवाती हैं।”
भारत में कुछ समय से रेप केस बढ़ते ही जा रहे हैं और उनमें से कई केस झूठे साबित होते हैं। NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने साल 2021 में 46,127 रेप के मामलों मैं जांच करी थी, जिसमें 31,677 मामले पिछले सालों के मामले थे जो दोबारा खोले गए हो और इनमें से 4,009 मामले फर्जी पाए गए थे। ऐसे मामलों में अक्सर बदले की भावना से झूठे मुकदमें डाले जाते हैं। अक्सर महिलाएं प्रेम मे आकर सहमती से शारीरिक संबंध बना लेती है और बाद में इसे बलात्कार का नाम दे देती है।
फर्जी बलात्कार को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की टिप्पणी
2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि फर्जी रेप केस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, जिससे असली मामले भी झूठे लगने लगे है। उनका कहना था कि ऐसे तमाम मामले लगातार सामने आ रहे हैं जिसमें महिला पुरुष के साथ फिजिकल रिलेशन में रही और बाद में उसी के ऊपर रेप का मुकदमा दर्ज कर दिया। कोर्ट ने इस बात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ” समय आ गया है कि अदालतें ऐसे मामलों में जमानत याचिकाओं की सुनवाई में बहुत सतर्क रहें। कानून पुरुषों के खिलाफ बहुत पक्षपाती है। एफआईआर में बेबुनियाद आरोप लगाना और मौजूदा केस की तरह किसी को भी फंसा देना बहुत आसान है।”
फॉल्स रेप केस में हो जाती है खुदकुशी
बलात्कार के झूठे इल्जाम में कई बार लोग बदनामी के डर से खुदकुशी तक कर लेते हैं। रेप केस में अक्सर समाज पुरुष को ही गलत मानता है पर कितनी बार रेप केस झूठे भी साबित हो जाते हैं। लेकिन तब तक काफी देरी हो चुकी होती है। समाज के डर से और परिवार के डर से पुरुष फॉल्स रेप केस के चलते आत्महत्या कर लेते हैं। दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक 2 बच्चों की मां ने 2014 से 2022 के बीच 8 सालों में अलग-अलग लोगों के खिलाफ 7 केस दर्ज करवाए। उनमें से चार रेप केस थे। 2014 में उसने पहली बार जिस आरोपी के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज करवाया, उसने बाद में जाकर खुदकुशी कर ली थी।
निश्चित तौर पर कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले से आने वाले भविष्य में झूठा बलात्कार के शिकायत देने वालों को डर बैठेगा । और इस तरह की शिकायतें पुलिस के पास भी कम पहुंचेगी।
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