“3 दिसंबर” का सबको हैं इंतजार, चंडीगढ़ से किस पार्टी की लोकसभा चुनाव की क्या है तैयारी?
पांच राज्यों में चुनावी प्रक्रिया चल रही है। चार राज्यों में चुनाव की मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है और अब अंतिम 30 नवंबर को मतदान तेलंगाना में होना है। सभी की निगाहें 3 दिसंबर को आने वाले परिणाम पर टिकी हुई है। दरअसल 3 दिसंबर को 5 राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद में ही लोकसभा चुनाव का भविष्य तय होगा कि लोकसभा चुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगा। जहां कांग्रेस भी अपने कदम फूंक कर रखती हुई नजर आ रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी भी भले अपनी जीत का दवा करें मगर अंदर खाने डर उन्हें भी सता रहा है। अगर कहीं चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी के अनुमान के अनुसार नहीं आया तो लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी नई रणनीति बनाएगी वहीं कांग्रेस भी भले अपनी जीत का दावा सार्वजनिक मंच पर कर रही हो मगर इंतजार कांग्रेस को भी 3 तारीख का ही है। 3 दिसंबर को ही “इंडिया” गठबंधन की पहली परीक्षा का परिणाम आने वाला है।
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद सभी पार्टियां लोकसभा चुनावों की तैयारियां करना शुरू कर देंगी। सभी राजनीतिक दलों को 3 दिसंबर के परिणाम का ही अब इंतजार है। चंडीगढ़ में प्रमुख तौर पर मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही रहता है। मगर पहली बार लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी अपनी ताल ठोकने को तैयार बैठी है। तो आज पड़ताल करते हैं कि भाजपा , कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की लोकसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारी है ?
सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले चंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने अध्यक्ष को बदला है। पुराने अध्यक्ष अरुण सूद एक बयान के बाद विवाद में आ गए थे ,जिसकी वजह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाराज चल रहा था और सूत्र बताते है की उनको पहले ही बता दिया गया था की जल्दी ही आपकी अध्यक्ष पद से छुट्टी हो सकती है। मगर नए नवेले अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा भी 1 महीने के अंदर कुछ ज्यादा नहीं कर पाए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए नई टीम बनेगी या पुरानी टीम ही चलेगी, अभी इस बात को लेकर भी वह असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं। रही बात भाजपा में गुटबाजी की तो वह सबको नजर आ रही है। चंडीगढ़ भाजपा में नेताओं के अलग-अलग गुट बन गए हैं जो अपनी-अपनी जीत का दवा ठोक रहे हैं । बीजेपी की अंदरखाने होने वाली हर एक मीटिंग मे सांसद और मेयर का मुद्दा आजकल चर्चा मे रहने लगा है । चर्चा तो यह भी है कि मेयर से
ज्यादातर पार्षद नाराज चल रहे है । Antiincombency से भी पार्टी को जूझना पड़ रहा है वजह शहर की सांसद किरण खेर का शहर से ज्यादातर समय बाहर होना है ।
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस
चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष हरमहिंदर सिंह लकी इस बार कितने लकी होंगे यह तो आने वाला वक्त बताएगा। मगर धरातल पर कांग्रेस की तैयारी लोकसभा चुनाव को लेकर नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस नेताओं को भी 3 तारीख का ही इंतजार है , की 3 तारीख को चुनाव परिणाम का ऊंट किस करवट बैठेगा। मगर कांग्रेस चंडीगढ़ में 10 साल की एंटी इनकंबेंसी का फायदा उठाने की तैयारी में है। इसी के साथ कांग्रेस वर्तमान सांसद किरण खेर के शहर से गायब रहने को भी प्रमुख मुद्दा बना सकती है। वहीं कांग्रेस के बड़े नेता पवन बंसल के चुनाव लड़ने की पूरी पूरी संभावना है। मगर वह भी पत्ते अपने 3 दिसंबर के बाद ही खोलेंगे। अगर पांच राज्यों के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आ गया तो निश्चित तौर पर पवन बंसल लोकसभा चुनाव के कांग्रेस की तरफ से प्रमुख उम्मीदवार हो सकते हैं। अगर प्रणाम विपरीत हुआ तो संभवत है लोकसभा चुनाव में लकी अपना लक आजमाने उतार सकते हैं। चंडीगढ कांग्रेस भी इस चुनाव में अपना सुखा खतम करने को बेकरार है और किसी भी हालत में इस बार सीट कांग्रेसी जीतकर अपने नेताओं को अपना दमखम दिखाना चाहेंगे ।
पहली बार चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी की क्या है तैयारी?
चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए पहली बार आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है। आम आदमी पार्टी ने सभी राजनीतिक दलों को तब चौंका दिया था जब 2021 नगर निगम चुनावों के बाद आप 14 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद भी आम आदमी पार्टी के नेता अपना मेयर सदन में आज तक नहीं बना पाए। मगर लोकसभा चुनाव को लेकर उनका भी दावा है कि इस बार जीत हमारी ही होगी और सब के ऊपर झाड़ू फिर जाएगी। मगर झाड़ू फेरने के पहले वर्तमान में चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के पास अपना अध्यक्ष नहीं है अभी पार्टी इसी को लेकर जूझ रही है। आम आदमी पार्टी को भी 3 दिसंबर का ही इंतजार है कि 3 दिसंबर को परिणाम किस तरीके का आता है। चंडीगढ से आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष प्रेम गर्ग चुनाव लड़ने का मनसूबा पाले हुए हैं अब उनको भी दिल्ली दरबार की हरी झंडी का इंतजार है ।
वही एक संभावना यह भी नजर आ रही है कि अगर “इंडिया” गठबंधन लोकसभा चुनाव में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ में गठबंधन सीटों को लेकर करता है तो यह चंडीगढ़ की सीट किसके खाते में जाएगी। यह कांग्रेस के खाते में रहेगी या आम आदमी पार्टी के खाते में रहेगी अभी कुछ साफ नहीं है यही वजह है कि आजकल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता एक दूसरे के खिलाफ बहुत ही कम बोलते हुए नजर आते हैं। संभवत है ऊपर से आदेश मिला हुआ है कि एक दूसरे के खिलाफ नहीं बोलना है।
तो चलिए हम और आप भी करते हैं इंतजार 3 दिसंबर का। 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम का ऊंट किस करवट बैठेगा। उसके बाद ही पता चलेगा की कौन सी पार्टी से कौन सा उम्मीदवार मैदान में अपनी ताल ठोकेगा। क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का चंडीगढ़ में गठबंधन होगा या दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे ।
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