ट्रम्प की टैरिफ धमकी पर यूरोपीय देशों की लामबंदी, लक्जमबर्ग के मंत्री बोले- कमजोर रहे तो ट्रम्प खा जाएंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हालिया फैसलों ने दुनिया भर के देशों को परेशान कर दिया है, और खासतौर पर यूरोपीय देशों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। ट्रम्प ने यूरोपीय संघ (EU) के देशों को टैरिफ लगाने की धमकी दी, जिसके बाद यूरोपीय देशों ने मिलकर इस चुनौती का सामना करने के लिए कदम उठाने की योजना बनाई है।
लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री जेवियर बेटेल ने यूरोप को ट्रम्प से निपटने के लिए स्पष्ट सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यदि यूरोप कमजोर रहा, तो ट्रम्प उनका फायदा उठाकर और कड़े कदम उठा सकते हैं। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रैडरिक्सन ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर अमेरिका यूरोप पर कड़े टैरिफ लगाता है, तो यूरोप को मजबूती से जवाब देना होगा। वहीं, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि हमें हर हाल में इस स्थिति से बचने के उपाय तलाशने होंगे।
ट्रम्प के निशाने पर यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देश हैं। रविवार को ट्रम्प ने कहा था कि यूरोपीय संघ पर निश्चित रूप से टैरिफ लगाए जाएंगे और यह जल्दी ही लागू हो जाएगा। इस संदर्भ में यूरोपीय विदेश संबंध परिषद में वरिष्ठ नीति फेलो अगाथे डेमारिस ने कहा कि ट्रम्प की इस धमकी के पीछे अमेरिका का बड़ा व्यापार घाटा है।
वर्तमान में अमेरिका से यूरोप आने वाले उत्पादों पर औसतन 3.95% टैरिफ लगता है, जबकि यूरोप से अमेरिका में आने वाले उत्पादों पर औसतन 3.5% टैरिफ है। विशेष रूप से अमेरिकी कारों पर यूरोप में 10% टैरिफ है, जबकि यूरोप की कारों पर अमेरिका सिर्फ 2.5% टैरिफ ही लागू करता है। इसके अलावा, खाद्य और पेय पदार्थों पर यूरोपीय संघ का टैरिफ अमेरिकी टैरिफ से औसतन 3.5% अधिक है, और यही मुद्दा ट्रम्प के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण है।
ट्रम्प के इस कदम से यूरोप में चिंता बढ़ गई है, और अब यूरोपीय देश एकजुट होकर इसके विरोध में रणनीति बनाने में जुटे हैं।
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