नगर निगम के दफ्तर के बाहर ही अतिक्रमण, जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी पर उठे सवाल
पंचकूला: नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब यह नगर निगम के सेक्टर-14 स्थित मुख्यालय तक पहुंच गई है। हालत यह है कि जहां पर नगर निगम कमिश्नर और मेयर कुलभूषण गोयल बैठते हैं, वहीं के बाहर ही अवैध कब्जे देखे जा सकते हैं।
नगर निगम के अधिकारियों का रोज़ाना इसी दफ्तर में आना-जाना रहता है, लेकिन उन्हें अपने ही कार्यालय के बाहर फैले अतिक्रमण की जानकारी नहीं है, या फिर इसे नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। इससे प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
नगर निगम के दफ्तर से महज़ 50 मीटर की दूरी पर खड़ा अवैध वाहन बाजार
19 फरवरी को जब एक संवाददाता नगर निगम के सेक्टर-14 कार्यालय पहुंचा, तो उसने पाया कि दफ्तर से करीब 50 मीटर की दूरी पर एक निजी कार कंपनी ने अपनी गाड़ियों की बिक्री के लिए अवैध रूप से दो कारें खड़ी कर रखी थीं और वहां कुछ कर्मचारी तैनात थे।

जब इस संबंध में नगर निगम अधिकारियों से सवाल किया गया कि क्या इस स्थान पर वाहन बिक्री के लिए कोई अनुमति दी गई है, तो ज़ोनल टैक्स अधिकारी (जेडीयू) आकाश कपूर ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की कोई भी अनुमति निगम द्वारा नहीं दी गई है। यह सवाल नगर निगम के दफ्तर में दोपहर 1:45 बजे पूछा गया था, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
जब निगम मुख्यालय के बाहर ही अतिक्रमण हटाने में विफल, तो पूरे शहर में कैसे होगा नियंत्रण?
नगर निगम के मुख्यालय के ठीक बाहर अतिक्रमण की यह स्थिति दर्शाती है कि यदि निगम अपने ही परिसर के पास अतिक्रमण को रोकने में असमर्थ है, तो शहर के अन्य बाज़ारों और सार्वजनिक स्थानों से अवैध कब्जे हटाने की उसकी क्षमता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।
अब देखना यह होगा कि नगर निगम इस मामले में कोई ठोस कदम उठाता है या फिर यह भी अन्य मुद्दों की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।
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