स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के खिलाफ अवमानना याचिका हुई दाखिल
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के खिलाफ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में अब मानना याचिका दायर कर दी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टरल बॉन्ड पर रोक लगाते हुए कहा था कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया इस इलेक्टोरल बॉन्ड जब से शुरू हुए हैं। तब से लेकर अब तक इलेक्ट्रोलर बांड किस-किस को जारी हुए हैं और कितने रुपए के जारी हुए इसकी जानकारी 6 मार्च तक मुहैया कराई जाए ताकि चुनाव आयोग इसे 13 मार्च को आम जनता के लिए पब्लिश कर सके।
मगर 4 मार्च को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई की इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने इलेक्शन कमीशन को देने के लिए स्टेट बैंक को 30 जून तक का समय चाहिए।
इसको लेकर खड़े हो रहे हैं सवाल
स्टेट बैंक के समय मांगे जाने को लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस की तरफ से पूछा गया है कि आखिर एसबीआई यह जानकारी चुनाव से पहले क्यों नहीं दे रहा। माल के सौदागर को बचाने में एसबीआई क्यों लगा हुआ है।
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, नरेंद्र मोदी ने चंदे के धंधे को छुपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इलेक्टरल बॉन्ड का सच देशवासियों का हक है फिर एसबीआई क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले जानकारी सार्वजनिक न होने पाए। एक क्लिक पर निकल जा सकने वाली जानकारी के लिए 30 जून तक का समय मांगना बताता की दाल में कुछ काला ही नहीं पूरी दाल ही काली है।
और आज 7 मार्च को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेट बैंक के खिलाफ और मानना याचिका दायर कर दी है।
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