हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा एक बार फिर दांव पर
46 महीने बाद पंचकूला को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर मिलेंगे
क्रॉस वोट के भरोसे कांग्रेस, तो भाजपा को जीत की चाबी की तलाश
खबरी प्रशाद पंचकूला केशव माहेश्वरी
4 नवंबर को पंचकूला नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होने जा रहा है। 46 महीने के लंबे अंतराल के बाद पंचकूला को इन पदों पर नियुक्ति मिलेगी, लेकिन इसके पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के बीच गहरी बेचैनी है। दरअसल, कुछ समय पहले तक भाजपा को नगर निगम में पूर्ण बहुमत हासिल था, लेकिन विधानसभा चुनाव के बदलते रुख के कारण कुछ पार्षदों ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया, जिससे कांग्रेस को नगर निगम में बहुमत मिल गया था। इस बदलाव के चलते पाला बदलने वाले पार्षदों को उम्मीद थी कि कांग्रेस सरकार बनने पर उन्हें कोई बड़ा ओहदा मिलेगा, लेकिन सत्ता भाजपा के पास ही आ गई, जिससे वे अब असमंजस में हैं। वो कहते हैं, बिल्ली के हाथ से कभी छीका नहीं टूटता, कुछ ऐसा ही हाल कांग्रेस का दामन थामने वाले पार्षदों के साथ भी हो गया है। अब ऐसी स्थिति में पाला बदलने वाले पार्षदों को अब कांग्रेस में घुटन महसूस हो रही है लेकिन अब वह भाजपा में जाएं तो जाएं किस मुंह से…
नगर निगम पंचकूला में पार्षदों की स्थिति
पंचकूला नगर निगम में वर्तमान में एक मेयर ( बीजेपी से ) सहित 20 जनता से चुने हुए पार्षद हैं, जबकि तीन मनोनीत पार्षद भी हैं जिनको वोट का अधिकार नहीं है। इस प्रकार वोटिंग का अधिकार सिर्फ 20 पार्षदों और मेयर के पास ही है।
अभी की राजनीतिक स्थिति
2 नवंबर को खबर लिखे जाने तक भाजपा के पास मेयर समेत 8 पार्षद, कांग्रेस के पास दो निर्दलीय पार्षदों को मिलाकर 10 पार्षद और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास 2 पार्षद हैं। चुनावी समीकरण यहीं दिलचस्प हो जाते हैं।
क्या और कैसे हो सकता है खेल?
पहली स्थिति – यदि जेजेपी के दोनों पार्षद भाजपा का समर्थन करते हैं, तो भाजपा को एक सीट पर जीत मिल सकती है, लेकिन इसके लिए उसे एक पद जेजेपी को देना होगा, जो भाजपा नेताओं के लिए कठिन है। पहले भी भाजपा जेजेपी को एक सीट नहीं देना चाहती थी, जिसके कारण चुनाव टलते रहे थे।
दूसरी स्थिति – यदि जेजेपी के पार्षद सदन में अनुपस्थित रहते हैं, तो कांग्रेस के पास दोनों सीटें जीतने का अवसर होगा। हालांकि, इसकी संभावना कम है।
तीसरी स्थिति – कांग्रेस को भाजपा में क्रॉस वोटिंग की संभावना दिख रही है। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा के कुछ पार्षद क्रॉस वोट कर सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस का मानना है की कई भाजपा पार्षद इस बार आए हुए मौके को छोड़ना नहीं चाहते । लेकिन भाजपा में पार्षदों के मन की हो जाए, इसकी संभावना भी कम ही है।
चौथी स्थिति – जेजेपी कांग्रेस का समर्थन कर दे और एक पद जेजेपी को मिल जाए, तो एक पद कांग्रेस और एक जेजेपी को मिल सकता है, पर भाजपा सरकार होने के कारण इसकी संभावना भी कम ही है।
कौन-कौन पार्षद है इस दौड़ में
भारतीय जनता पार्टी से हरेंद्र मलिक, सोनिया सूद , जय कौशिक और सुरेश वर्मा के नाम रेस में है तो वहीं कांग्रेस की अगर बात की जाए तो सलीम खान , संदीप सोही , सुनीत सिंगला ( जीते थे बीजेपी से पर अब कांग्रेस में है ) और अच्छदीप चौधरी के नाम बताए जा रहे हैं ।
तो वही जननायक जनता पार्टी की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार सुशील गर्ग नरवाना बाजी मार सकते हैं । पर सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सुशील के नाम भाजपा और कांग्रेस में कई पार्षद राजी नहीं हैं । अगर ऐसा होता है तो लॉटरी राजेश कुमार की भी लग सकती है ।
चुनाव का क्या रहेगा पूरा शेड्यूल
4 नवंबर को सुबह 11: 15 से 12:00 बजे तक नॉमिनेशन फॉर्म लिए जाएंगे । 12:15 तक नामांकन पत्रों की जांच होगी । उसके बाद 12:45 तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं । यदि चुनाव की स्थिति बनती है तो 1:30 बजे तक बैलेट पेपर तैयार किए जाएंगे । और बैलट पेपर तैयार होने के बाद दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे के बीच मतदान होगा और उसके बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा ।
राजनीति में कब क्या हो जाए कहना मुश्किल है। 4 तारीख को ही साफ होगा कि कौन जीतेगा और किसकी प्रतिष्ठा बची रहेगी। जहां भाजपा ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक रही है, वहीं कांग्रेस भी अबकी बार कोई मौका गंवाना नहीं चाहती ।
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