सोशल मीडिया पर निजी फोटो डालना कहीं पढ़ ना जाए आपके जीवन पर भारी।
सोशल मीडिया पर आपकी निजी और पर्सनल तस्वीर उठाकर उसकी गलत इस्तेमाल करने के लिए एक नई तकनीक भारत में आ गई है । इस तकनीक का नाम है डीप फेक । और इस तकनीक की पहली शिकार ( आधिकारिक रूप से जिसकी पुलिस में शिकायत हुई है ) रश्मिका मंडाना की है । सोशल मीडिया पर इस डीप फेक टेक्नोलॉजी से रश्मिका मंडाना का चेहरा लगाकर एक फेक वीडियो बनाया गया जिसमें की हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर मौजूद हजारों लोगों ने इस फेक वीडियो को असली समझ लिया क्योंकि इसमें दिख रहा एक्सप्रेशन बिल्कुल असली की तरीके से नजर आता है और सबसे बड़ी बात तो यह की आज के दौर में असली और नकली की पहचान सोशल मीडिया चलने वाली कंपनियां चाहे वह फेसबुक को इंस्टाग्राम ट्विटर हो या कोई दूसरी हो उनके पास उपलब्ध नहीं है ।
इस फेक वीडियो को लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटी अमिताभ बच्चन से लेकर खुद रश्मिका मंडाना तक ने हिरानी जताई थी एक ट्विटर पोस्ट में रश्मिका लिखा ईमानदारी से कहूं तो ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए बल्कि हम में से हर एक के लिए बेहद डरावना है अगर मेरे साथ यह तब हुआ होता जब मैं स्कूल या कॉलेज में थी तो मैं इससे निपटने के लिए सोच भी नहीं सकती थी ।
डीप फेक वीडियो कैसे बनाया जाता है
डीप फेक वीडियो बनाने के लिए सोशल मीडिया पर आपकी निजी फोटोस की पहचान की जाती है इसमें नकली चेहरा आवाज फिट की जा सके 24 फ्रेम की के लिए 24 फोटो जुटा जाती है इन 24 फोटो से मिलकर एक सेकंड का वीडियो बनता है । कई प्रोग्रामिंग डिकोडर एल्गोरिथम को मिलाकर एक-एक वीडियो को बनाया जाता है ताकि किसी भी तरीके से या वीडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल होना है फेक नजर ना आए । और तो और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक यानी आई ने इस काम को बहुत आसान कर दिया है सोशल मीडिया पर कई सारे ऐसे ऐप होते हैं जिन पर केवल फोटो डालिए और किसी भी व्यक्ति का या महिला का फेक वीडियो या फोटो तैयार कर लीजिए इसके तमाम उदाहरण मौजूद है ।
असम के गुवाहाटी की रहने वाली एक लड़की को उसके एक दोस्त ने बताया कि उसकी न्यूड फोटो एक वेबसाइट पर बिक रही है। उसने अपने पिता के साथ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस वालों ने इसे आम शिकायत माना और भूल गए। इसके बाद लड़की ने खुद पड़ताल शुरू की।
नकली प्रोफाइल बनाकर जब उसने अपनी ही तस्वीरें खरीदी तो दंग रह गई। दरअसल ये वो तस्वीरें थीं जो सामान्य थीं और जिन्हें AI से न्यूड बनाया गया था। इन तस्वीरों को उसके सोशल मीडिया अकाउंट से उठाकर छेड़छाड़ की गई थी। उसे पहली बार पता चला कि वहां उसकी ही नहीं, असम समेत देश की हजारों महिलाओं की न्यूड तस्वीरें थीं जिन्हें देखकर लगता था कि ये नेचुरल हैं, जिन्हें उन्होंने अपने साथियों के साथ प्राइवेट मोमेंट्स के दौरान खींचा था। ये सारी तस्वीरें AI से बनाई गई थीं।
जब दोबारा विक्टिम पुलिस के पास डीपफेक का कॉन्सेप्ट लेकर पहुंची तो पुलिस वाले कुछ समझ नहीं पाए, क्योंकि उन्होंने इससे पहले इसका नाम ही नहीं सुना था। आखिरकार लड़की ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट से असली-नकली तस्वीरें शेयर कीं और सबको बताया कि असम में किस तरह का गिरोह एक्टिव है और लड़कियों को कितना सतर्क रहना है।
आखिर कैसे पहचाने कि कोई वीडियो असली है या नकली
सोशल मीडिया के जमाने में आज किसी भी वीडियो की पहचान करना कि वह असली है या नकली समान इंसान के लिए बहुत मुश्किल काम है । तो सबसे पहले अगर आप कोई फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने जा रहे हैं शेयर करने के पहले उसे पर विचार जरूर करें उसको ध्यान से देखें कि क्या यह वीडियो या फोटो असली है या नकली है अब हम आपको बताते हैं की असली या नकली वीडियो या फोटो की पहचान कैसे ( हालांकि अभी यह कोई आधिकारिक तरीका नहीं है ) की जा सकती है । सिर्फ विशेषज्ञों के बातचीत के आधार पर यह बताया जा रहा है ।
सबसे पहले चेहरे पर ध्यान दें दी फेक वीडियो फोटो में हमेशा चेहरे के भाव में अंतर होगा
गालों और माथे पर ध्यान दें चंडी बहुत चिकनी या बहुत जोरदार दिखाई पड़ सकती है
शरीर की छाया सही जगह पर है या नहीं इसके साथ-साथ आंखों और भावों पर भी ध्यान देना चाहिए
इसी तरीके की शरीर से जुड़ी हुई बहुत सी छोटी-छोटी बातें जैसे पलके झटकना चेहरे के मस्से या तिल चेहरे के बाल या सर के बाल जैसी छोटी-छोटी बातों को अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आपको असली फोटो या असली वीडियो में और नकली फोटो या नकली वीडियो में अंतर समझ में आ जाएगा ।
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