दिल्ली हाईकोर्ट ने राउ IAS कोचिंग हादसे की जांच CBI को सौंपी
पुलिस को फटकार, निर्दोष को अरेस्ट करने पर माफी मांगनी चाहिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार, 2 अगस्त को राउ IAS कोचिंग हादसे की जांच CBI को सौंप दी है। अदालत ने सेंट्रल विजिलेंस कमेटी के अधिकारी को जांच की निगरानी के निर्देश दिए हैं। इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो, खासकर जब सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में शामिल होने की संभावना हो सकती है।
इस दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई, जब पुलिस ने एक निर्दोष व्यक्ति, मनुज कथूरिया, को गलत तरीके से अरेस्ट किया। अदालत ने पुलिस को कहा कि सड़कों पर चलने वाले व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं? आपको माफी मांगनी चाहिए। अदालत ने इसे पुलिस की गरिमा के खिलाफ बताते हुए टिप्पणी की कि पुलिस का सम्मान तब होता है जब वह अपराधियों को गिरफ्तार करती है और निर्दोषों को छोड़ देती है। शुक्र है, आपने पानी का चालान नहीं किया। इसके बाद, दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष माफी मांगी।
गौरतलब है कि 27 जुलाई को राउ IAS कोचिंग के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद, मनुज कथूरिया को SUV ड्राइवर होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उन्हें 1 अगस्त को जमानत मिल गई थी।
हाईकोर्ट ने दिल्ली के बुनियादी ढांचे की भी आलोचना की, जिसे 75 साल पुराना बताया और इसे बदलने की जरूरत पर जोर दिया। अदालत ने कहा कि एमसीडी और अन्य सरकारी एजेंसियों को अपने ढांचागत प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है, और हाल के हादसों ने यह उजागर किया है कि सरकारी आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है, जिसमें दिल्ली पुलिस आयुक्त और डीडीए वीसी शामिल होंगे। इस समिति को 8 हफ्ते में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने एमसीडी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि नालियां जाम न हों और उनकी क्षमता बढ़ाई जाए।
घटना के बाद प्रशासन की कार्रवाई:
- कोचिंग मालिक अभिषेक गुप्ता और कॉर्डिनेटर देशपाल सिंह समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- MCD ने 25 संस्थान सील किए और 35 को बंद कराया। 75 कोचिंग सेंटर को नोटिस जारी किया गया है।
- दृष्टि कोचिंग सेंटर ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
- MCD ने चार लाइब्रेरी का नाम मृतक छात्रों के नाम पर रखने का ऐलान किया है।
इस हादसे ने दिल्ली में प्रशासनिक और भौतिक ढांचे की कमी को उजागर किया है, और अब समय आ गया है कि इन समस्याओं का स्थायी समाधान खोजा जाए।
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