केजरीवाल सरकार पर संकट के बादल: भाजपा विधायकों की मांग पर राष्ट्रपति को ज्ञापन, बर्खास्तगी की मांग
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार पर एक बार फिर संकट गहराने लगा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपते हुए केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। विधायकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में रहते हुए सरकार चला रहे हैं, जिससे संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। इस ज्ञापन को राष्ट्रपति कार्यालय ने गृह मंत्रालय को भेज दिया है, और अब इस पर क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना होगा।
भाजपा विधायकों की मांग: केजरीवाल की बर्खास्तगी
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है। उनका आरोप है कि दिल्ली सरकार ने छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया और कैग (CAG) की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस आधार पर भाजपा विधायकों का दावा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार संवैधानिक रूप से कमजोर हो गई है।
विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में 30 अगस्त को एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिला और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यह कहा गया कि मुख्यमंत्री के जेल में होने से दिल्ली में प्रशासनिक कार्य ठप हो गए हैं और फाइलों पर साइन नहीं हो रहे। इसलिए इस संवैधानिक संकट के समाधान के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की गई।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। सोशल मीडिया पर लोग केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने की आलोचना कर रहे हैं। भाजपा समर्थकों ने उन्हें ‘मौकापरस्त’ करार देते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए यह सब कर रहे हैं। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए केजरीवाल का समर्थन कर रहे हैं।
केजरीवाल की पत्नी का बयान
केजरीवाल की पत्नी, सुनीता केजरीवाल ने हाल ही में एक बयान में कहा था, “अगर अरविंद केजरीवाल चोर हैं, तो इस देश में कोई ईमानदार नहीं है।” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने हरियाणा में 10 साल शासन किया, लेकिन सरकारी स्कूल और अस्पतालों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। सुनीता केजरीवाल ने जोर दिया कि अगर हरियाणा में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है, तो लोगों को वही सुविधाएं मिलेंगी जो दिल्ली और पंजाब में दी जा रही हैं।
आतिशी का बयान: ‘राष्ट्रपति शासन से बीजेपी को नुकसान’
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा का उद्देश्य हमेशा से चुनी हुई सरकारों को गिराना रहा है। उन्होंने कहा, “अगर राष्ट्रपति शासन लागू हुआ, तो दिल्ली की जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी। आगामी चुनावों में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिलेगी।”
कोर्ट से मिली राहत, पर सियासी लड़ाई जारी
अरविंद केजरीवाल को जेल से रिहा होने के लिए कई बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में वह अभी भी फंसे हुए हैं।
क्या दिल्ली में फिर लगेगा राष्ट्रपति शासन?
दिल्ली में पहले भी 2014 में केजरीवाल सरकार के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। अब एक बार फिर भाजपा विधायकों की मांग पर राष्ट्रपति शासन की संभावना बनी हुई है। अगर गृह मंत्रालय इस ज्ञापन पर कार्रवाई करता है और सरकार बर्खास्त होती है, तो दिल्ली में फिर से राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में इस राजनीतिक संकट का क्या समाधान निकलता है और केजरीवाल सरकार की किस्मत क्या फैसला करती है।
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