व्यापारियों से अवैध वसूली के लिए सोशल मीडिया का हो रहा धड़ल्ले से उपयोग
सोशल मीडिया से कैसे पहुंचते हैं गैंगस्टर हमारे आपके घर तक
दिल्ली हो या लखनऊ या हो चंडीगढ़ , हर जगह के व्यापारी हो रहे धमकी भरी काल का शिकार
खबरी प्रशाद दिल्ली/ चंडीगढ़
आजकल जमाना सोशल मीडिया का है । और ज्यादातर लोग जो सोशल मीडिया पर मौजूद है , अपनी व्यक्तिगत लाइफ को सोशल मीडिया पर जरूर जाहिर करने की कोशिश करते है । पर कई बार अपनी व्यक्तिगत लाइफ को सोशल मीडिया पर लाना जीवन की सबसे बड़ी भूल हो जाती है । यह हम नहीं कह रहे यह पुलिस के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं । दरअसल बड़े-बड़े गैंगस्टर ,और विदेशों से हमारे और आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अब निगाह रखने लगे हैं । खास तौर से उन अकाउंट्स पर उनकी निगाहें सबसे ज्यादा रुक जाती हैं जिन पर हर दिन , हर घंटे कुछ ना कुछ नया अपडेट होता रहता है । और यहीं से शुरू होता है धमकी भरी कॉल के साथ-साथ अवैध वसूली का खेल । जिसे देश और दुनिया के नामी गैंगस्टर के नाम पर चलाया जा रहा है । यह नामी गैंगस्टर सोशल मीडिया के उन अकाउंट पर विशेष तौर पर निगाह रखते हैं , जिनका संबंध मोटी पैसे वाली पार्टी से होता है । और एक बार इन गैंगस्टर के रडार पर जब कोई पैसे वाला परिवार आ जाता है फिर उसके बाद में उसका इस रडार से निकलना बहुत मुश्किल होता है और यही से शुरू होता है मानसिक तौर पर टॉर्चर के साथ-साथ अवैधू वसूली का खेल ।
दिल्ली में व्यापारी जबरन वसूली का शिकार, 150 से ज्यादा विदेश से आई धमकी भरी कॉल्स
सोशल मीडिया पर रहने का खामियाजा दिल्ली के बड़ा व्यापारी वर्ग खूब झेल रहा है । इस साल अक्टूबर तक राजधानी में व्यापारियों को 150 से अधिक जबरन वसूली की धमकी भरी कॉल्स मिल चुकी हैं। इन कॉल्स के जरिए उनसे मोटी रकम की मांग की गई, और कई मामलों में कॉल के बाद उनके घर या कार्यालय के बाहर फायरिंग तक की गई। पुलिस का कहना है कि ये धमकी भरे कॉल ज्यादातर विदेशी गैंगस्टरों और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए हैं।
व्यापारी वर्ग पर बढ़ा दबाव
सूत्रों के अनुसार, इन धमकी भरी कॉल्स का निशाना अधिकतर प्रॉपर्टी डीलर, ज्वेलर्स, मिठाई दुकानदार, कार शोरूम मालिक, जिम संचालक और अन्य व्यापारी बन रहे हैं। पिछले कुछ सप्ताह में एक के बाद एक सात ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां गैंगस्टरों ने व्यापारी वर्ग को निशाना बनाया और फिरौती की रकम की मांग की।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इन कॉल्स में वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) और इंटरनेशनल फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया है। एक ज्वेलर और एक जिम मालिक को धमकी देने वाले कॉल्स में आरोपियों ने खुद को जेल में बंद गैंगस्टर दीपक बॉक्सर और लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा हुआ बताया।
फायरिंग और जबरन वसूली के मामले
5 नवंबर को रोहिणी इलाके में एक शोरूम पर घुसकर बदमाशों ने हवाई फायरिंग की और एक धमकी भरी चिट्ठी छोड़ दी, जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। चिट्ठी में गैंगस्टरों के नाम भी लिखे गए थे—”योगेश दहिया, फज्जे भाई और मोंटी मान”। इसके अलावा, 7 नवंबर को नांगलोई के एक जिम मालिक को इंटरनेशनल नंबर से कॉल करके 7 करोड़ रुपये की मांग की गई। कॉल करने वाले ने यह भी दावा किया कि वह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है।
पुलिस कार्रवाई और बढ़ते मामले
दिल्ली पुलिस ने इन सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली है और स्पेशल सेल तथा क्राइम ब्रांच की टीमों ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 2023 में दिल्ली में जबरन वसूली के कुल 141 मामले सामने आए हैं, जबकि 2022 में यह संख्या 110 थी। इस साल 15 अगस्त तक 133 जबरन वसूली की घटनाएं सामने आ चुकी थीं।
गैंगस्टरों का नेटवर्क
इन जबरन वसूली मामलों में शामिल गैंगस्टरों का नेटवर्क दिल्ली से लेकर विदेशों तक फैला हुआ है। पुलिस की जांच में अब तक 11 गैंगों की पहचान की गई है, जिनमें लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, हिमांशु भाऊ, और कपिल सांगवान जैसे अपराधी शामिल हैं। हालांकि, इन गैंगस्टरों के अधिकांश सदस्य या तो सलाखों के पीछे हैं या विदेशों में हैं, लेकिन इनके गुर्गे दिल्ली में सक्रिय हैं।
पुलिस का कहना है कि इन गैंगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है, और पुलिस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापारी वर्ग के साथ मिलकर काम कर रही है।
पुलिस ने नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा है कि वे ऐसी धमकियों का सामना करने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें और किसी भी संदिग्ध कॉल का जवाब ना दें । पर ऐसा संभव हो नहीं पता जैसे ही किसी व्यक्ति को धमकी भरी कॉल मिलती है सबसे पहले वह मामले को अपने आप ही निपटने की कोशिश करता है जब बात बिगड़ती है तब मामला पुलिस के पास पहुंचता है । उपरोक्त दिए गए आंकड़े वह आंकड़े हैं जो पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं इसके अलावा अनगिनत ऐसे मामले हैं जो पुलिस के पास नहीं पहुंच रहे ।
सोशल मीडिया से कैसे पहुंचते हैं गैंगस्टर हमारे आपके घर तक
अब बड़ा सवाल इस बात का है कि आखिरकार सोशल मीडिया पर एक फोटो और वीडियो डालने से वह वीडियो या फोटो इन गैंगस्टर तक कैसे पहुंच जाती है । दरअसल गैंगस्टर गुट का एक बड़ा लोकल नेटवर्क होता है । छोटे-छोटे अपराधी अपने से बड़े और फिर उससे बड़े से जुड़े होते हैं । उदाहरण के तौर पर जैसे ही किसी व्यक्ति की बहुत महंगी गाड़ी की फोटो , महंगी ज्वेलरी महंगे फोन महंगी महंगी पार्टियों में जाने के फोटो वीडियो सोशल मीडिया पर आते हैं । यही फोटो वीडियो भविष्य के लिए खतरे की घंटी बन जाते हैं ।
खबरी प्रशाद अखबार की अपने सभी पाठकों के लिए सलाह है , सोशल मीडिया का उपयोग करें पर थोड़ा सतर्क रहकर । कोशिश करें व्यक्तिगत लाइफ के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर कम से कम लेकर आए ।
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