नगर कौंसिल जीरकपुर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग को प्रधान ने दी चुनौती
आविश्वास प्रस्ताव की यह मीटिंग गैर संविधानिक : उदयवीर ढिल्लों
अदालत ने 22 जुलाई तक डीसी मोहाली को लगाया गया प्रशासनिक अधिकारी
बीती 28 जून 2024 को नगर कौंसिल जीरकपुर के अध्यक्ष के विरुद्ध पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में आज शहर के 22 पार्षदों तथा हलका विधायक द्वारा नगर कौंसिल दफ्तर में एक मीटिंग करके उस अविश्वास प्रस्ताव को पास कर दिया, जिसे 5 जुलाई 2024 को नगर कौंसिल अध्यक्ष उदयवीर सिंह ने मीडिया के सामने एक खुली मीटिंग बुलाकर रद्द कर दिया था, क्योंकि उस मीटिंग में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला कोई भी पार्षद हाजिर नहीं हुआ था। सोमवार को हुई इस मीटिंग से मीडिया को दूर रखा गया था और किसी भी पत्रकार को नगर कौंसिल दफ्तर के गेट के अंदर नहीं आने दिया गया।इस मीटिंग में एक हाई प्रोफाइल ड्रामा उसे समय देखने को मिला जब सभी पार्षदों को एक बस में बिठाकर लाया गया और मीटिंग खत्म होते ही सभी पार्षदों को इस बस में बिठाकर कहीं ले जाया गया मीडिया को मीटिंग में जाने की इजाजत न होने के चलते मीडिया द्वारा उनके कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया गया था।
क्या है पूरा मामला
28 जून 2024 को 22 पार्षदों ने हस्ताक्षर करके नगर कौंसिल जीरकपुर के अध्यक्ष के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया को दिया था जिसमें लिखा था कि नगर कौंसिल अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों को हम अध्यक्ष पद से उतरना चाहते हैं क्योंकि शहर में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है। इसके बाद कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया ने उसे पत्र की कॉपी कौशल अध्यक्ष उदयवीर ढिल्लों को भेज कर 15 दिन के अंदर अंदर मीटिंग बुलाने को कहा। इसके बाद नगर कौंसिल अध्यक्ष उदयवीर ढिल्लों ने 5 जुलाई 2024 को शाम के 3:15 बजे का समय मीटिंग के लिए निर्धारित करते हुए माननीय उच्च अदालत से सुरक्षा के प्रबंध तथा पत्रकारों की मौजूदगी को यकीन नहीं बनाने के लिए एक विनती की जिस पर अदालत ने नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया को आदेश दिए के मीटिंग के दिन सुरक्षा के प्रबंध किए जाएं तथा पत्रकारों के लिए मीटिंग हॉल में बैठने के भी पुख्ता इंतजाम किया जाए और इस सारे कार्यक्रम की वीडियो ग्राफी करवाई जाए।
क्या हुआ 5 जुलाई की मीटिंग में
5 जुलाई को नगर कौंसिल अध्यक्ष उदयवीर जिलों द्वारा बुलाई मीटिंग का 3:15 बजे का समय निर्धारित किया गया था। जब के वह खुद 3:00 बजे से पहले ही आकर मीटिंग हॉल में पहुंच गए थे इसके बाद उन्होंने नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी को मीटिंग में आने के लिए कई बार फोन किया आधे घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद वह खुद उठकर कार्यकारी अधिकारी को मीटिंग में के लिए लेने चले गए कार्यकारी अधिकारी के दफ्तर के बाद बाहर खड़े पुलिस कर्मियों ने यह कहकर उन्हें वापस भेज दिया के वह कुछ ही समय में मीटिंग में आ रहे हैं लेकिन कार्यकारी अधिकारी ने मीटिंग में आने की बजाय 4:00 बजे एक पत्र भेज दिया जिसमें उन्होंने लिखा के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो ना होने के चलते यह मीटिंग स्थगित की जाती है जब के मीटिंग का समय 3:15 बजे का था इसके बाद अध्यक्ष उदयवीर ढिल्लों ने अपने साथी पार्षदों के साथ मीटिंग करके पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव रद्द कर दिया क्योंकि उसे मीटिंग में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाला कोई भी पार्षद नहीं पहुंचा था जब के इस मीटिंग संबंधी सभी पार्षदों को सूचित किया जा चुका था।
क्या हुआ 15 जुलाई की मीटिंग में
12 जुलाई दिन शुक्रवार की शाम को 22 विरोधी पार्षदों ने फिर से एक पत्र कार्यकारी अधिकारी को भेजो जिसमें उन्होंने लिखा के अध्यक्ष द्वारा हमारे दिए हुए अविश्वास प्रस्ताव संबंधी कोई भी मीटिंग नहीं की है जिसके चलते अब हमें मीटिंग करने का अधिकार है हम 15 जुलाई को सुबह 10:00 बजे इस संबंधी नगर कौंसिल दफ्तर में मीटिंग करेंगे इस पत्र को कार्यकारी अधिकारी ने जीरकपुर के समूह पार्षदों को आगे भेज दिया जिसके बाद आज 15 जुलाई को नगर कौंसिल दफ्तर में 22 विरोधी पार्षदों ने हलका विधायक की उपस्थिति में मीटिंग आयोजित की गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज की मीटिंग में अविश्वास प्रस्ताव पास कर दिया गया । यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है क्योंकि मीडिया को मीटिंग से दूर रखा गया।
मीडिया को मीटिंग में आने की नहीं दी गई इजाजत
सोमवार की यह मीटिंग गुप्त रखी गई क्योंकि सोमवार की इस मीटिंग में मीडिया कर्मियों को जाने की इजाजत नहीं दी गई मीडिया कर्मियों का कहना है कि इस मीटिंग में ऐसा क्या किया गया जिसको मीडिया से छुपाया जा रहा है जब के लोकतंत्र में मीडिया को चौथा पिलर माना गया है लेकिन किसी भी ऐसे कार्यक्रम से मीडिया को दूर रखना अपने आप में एक बड़ा सवाल है मीडिया को मीटिंग में जाने की इजाजत न देने के चलते मीडिया कर्मियों ने नगर कौंसिल दफ्तर के आगे जमीन पर बैठकर रोष प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और मीडिया की आजादी की बहाली की मांग की गई इसके बाद मीटिंग खत्म होने के बाद इस कार्यक्रम की कवरेज करने से भी मीडिया कर्मियों ने इनकार कर दिया।
अध्यक्ष उदयवीर ढिल्लों ने लगाई अदालत में गुहार
नगर कौंसिल अध्यक्ष उदयवीर ढिल्लों ने सोमवार की इस मीटिंग को गैर संवैधानिक मानते हुए अदालत का रुख किया। जिस पर कार्रवाई करते हुए माननीय अदालत द्वारा 22 जुलाई 2024 तक डिप्टी कमिश्नर मोहाली को नगर कौंसिल को जीरकपुर का प्रशासक नियुक्त कर दिया तथा शाम के 7:00 बजे तक नगर कौंसिल अधिकारियों से 28 जून से लेकर 15 जुलाई तक हुए पूरे घटनाक्रम का सारा रिकॉर्ड तथा वीडियोग्राफी अदालत में जमा करवाने के आदेश दिए हैं। इसके बाद सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार शाम को 7:00 बजे नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया अदालत द्वारा मांगा गया सारा रिकॉर्ड लेकर अदालत में रजिस्टरार के पास पहुंच चुके हैं।
विरोधी पार्षदों द्वारा बुलाई गई सोमवार की मीटिंग बिल्कुल गैर संवैधानिक है क्योंकि 5 जुलाई कानून के मुताबिक बुलाई गई मीटिंग में कोई भी विरोधी पार्षद नहीं पहुंचा था। जिसके चलते अविश्वास प्रस्ताव रद्द कर दिया गया था और उसकी सारी कार्रवाई नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी द्वारा स्थानीय सरकार विभाग के उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। जब तक सरकार द्वारा उस मीटिंग संबंधी कोई जवाब नहीं आता तब तक इस विषय के संबंध में कोई भी मीटिंग नहीं बुलाई जा सकती। आज माननीय अदालत ने आज की इस मीटिंग पर रोक लगा दी है और आज तक का सारा रिकॉर्ड तलब लिया है। जिससे विरोधियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। आखिर जीत सच्चाई की ही होगी। : उदयवीर सिंह ढिल्लों, अध्यक्ष नगर कौंसिल जीरकपुर।
अदालत के आदेशों पर दोनों मीटिंगों का रिकार्ड सोमवार को ही अदालत में जमा करवा दिया गया है। अगली सुनवाई तक शहर के किसी भी विकास कार्य को रुकने नहीं दिया जाएगा और अदालत के अगले आदेशों तक सारा काम प्रशासनिक अधिकारी की देख रेख में सभी विकास कार्य सम्पपन होंगे। : अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर।
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