भजनलाल शर्मा के बयान पर मचा बवाल, जनसंख्या बढ़ाने के लिए मुस्लिम है जिम्मेदार?
जनसंख्या दिवस के मौके पर सीएम भजनलाल शर्मा के एक बयान से सियासत में गर्म गर्मी का माहौल बन गया है। उन्होंने अपनी स्पीच में जनसंख्या बढ़ाने के लिए एक समुदाय को जिम्मेदार ठहराया है। इस बात पर चारों ओर बवाल मच गया है। भजनलाल शर्मा ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए अभियान तो चल रहे हैं। लेकिन एक खास समूह इससे अछूता है।
आपको बता दे की राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने देश में जनसंख्या विस्फोट के लिए एक समुदाय विशेष को जिम्मेदार ठहराया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह कहते हुए भजनलाल शर्मा का इशारा मुस्लिम समुदाय की तरफ था। उन्होंने जयपुर में आयोजित समारोह के अंदर कहां की “जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं और लेकिन एक श्रेणी ऐसी है जिसमें जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सुधार नहीं आ रहा है।” वही कार्यक्रम के दौरान सीएम भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जनसंख्या रोकथाम को लेकर बेहतर कार्य करने वाले चिकित्सा संस्थानों समेत अन्य लोगों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कार्यक्रम में यह भी कहा कि जनसंख्या देश की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है।
जनसंख्या पर कंट्रोल नहीं हुआ तो क्या होगा?
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने भी कहा कि “जनसंख्या पर कंट्रोल नहीं किया तो कई समस्याएं सामने आएंगी। हम चाहते हैं कि विभाग में रिक्त पद ना हो। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए करीब 28 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कार्यक्रम में परिवार कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के पुरस्कार वितरित किए।”
कांग्रेस विधायक जुबेर खान ने सीएम के बयान पर किया वार
जुबेर खान ने कहा, इनका मुद्दा कहीं हलाल, कहीं हराम, कब्रिस्तान और श्मशान घाट हैं। ये जनसंख्या नियंत्रण का कानून क्यों नहीं लाते? यदि दो बच्चों का कानून आता है तो क्या मुसलमान कानून नहीं मानेंगे? मूल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मुद्दों से भ्रमित करना भाजपा का काम है। आज चिकित्सा और शिक्षा क्या हिंदू-मुसलमान करने से मिल जाएगी। इस्लाम में सबसे पहली बात है कि वतन का कानून मानना आपका फर्ज है। कोई कानून इस देश में ऐसा है क्या? जिसे इस्लाम के अनुयायियों ने मानने से इनकार किया हो। ये कानून बनाएं और सब पर लागू करें। उस कानून को सब मानेंगे।”
उन्होंने कहा कि “भाजपा हिन्दू मुसलमान करके असली मुदृों से ध्यान भटकाना चाहती है। सरकार को जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनना चाहिए, उसे सब मानेंगे।”
शिक्षा ना होने के कारण बढ़ती है जनसंख्या
जुबेर खान ने यह भी कहा कि “गरीब और अनपढ़ लोग हैं। जो बेरोजगार हैं। चाहे वो एससी में हो, एसटी में हो, ओबीसी में हो। आप देखिए नगर-डीग के गुर्जर समाज के लोगों में और अलवर के मुस्लिम समाज के लोगों में जनसंख्या अनुपात में कोई फर्क नहीं मिलेगा। दोनों समाजों में बच्चों की संख्या बराबर मिलेगी। इसका मूल कारण शिक्षा का अभाव है, लेकिन मुसलमानों को टारगेट करना आसान है।”
जनसंख्या बढ़ाने के लिए कौन है कसूरवार?
यह सच है कि भारत अब दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन चुका है। इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। आजादी के बाद से भारत की आबादी में काफी बड़ा उछाल हुआ है। आबादी को कंट्रोल में रखने के लिए कई सारे नारे लगाए गए। 1970 से ही हर एक व्यक्ति हम दो हमारे दो का नारा सुनते आया है। फिर भी कभी किसी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के कानून को लागू करने की हिम्मत नहीं दिखाई। संजय गांधी ने एमरजेंसी के दौरान नसबंदी का अभियान चलाने के निर्देश तक दे दिया था ओर तभी भारत के अलग-अलग शहरों और गांवों में जबरन लोगों को पकड़कर नसबंदी की जाने लगी। पर इतना सब कुछ होने के बावजूद भी जनसंख्या को काबू में लाने के लिए कानून नहीं बनाया गया।
जनसंख्या को काबू करने के लिए सरकार द्वारा अलग-अलग बयान आए। इस पर कानून लाने की भी मांग रखी। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बढ़ती जनसंख्या को लेकर लाल किले पर बयान दिया था। उन्होंने 2019 में स्वतंत्रता दिवस के दिन लोगों से छोटे परिवार की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि “हमारे यहां बेतहाशा जो जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये जनसंख्या विस्फोट हमारे लिए, हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा कर सकता है।” कई नेताओं की कई अलग-अलग बयान और कई सारे बातें पर फिर भी कोई कानून नहीं आखिर ऐसा क्यों?
भारत की आबादी क्यों बढ़ती है?
जनसंख्या बढ़ाने का एक सबसे बड़ा कारण एजुकेशन को माना गया है। आज भी गांव में लोगों के पास ठीक तरीके की सेक्स एजुकेशन मौजूद नहीं है। यहां तक की कई लोगों को निरोध के बारे में पता तक नहीं है। कई लोग ऐसे भी है जिन्हें निरोध खरीदने में शर्म आती है। कंडोम का वैसे तो एक बहुत पुराना इतिहास है लेकिन कई लोग इसे खरीदना नहीं चाहते, कई लोगों के इसके बारे में पता ही नहीं है और कई लोग इसे इस्तेमाल करने को शर्मिंदगी समझते हैं। पुरुषों को आज भी लगता है कि कंडोम का इस्तेमाल उनकी मरदान की पर सवाल उठाएगा। सिर्फ गांव ही नहीं बल्कि शहरों में भी हर एक व्यक्ति कंडोम का इस्तेमाल नहीं करता और सरकार भी इस पर किसी तरीके की कोई कार्रवाई नहीं करती। जिसके कारण लोगों की हिम्मत बढ़ती ही जा रही है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!