कांग्रेस पार्टी से कौन होगा सीएम फेस? रेस में 3 नाम सबसे आगे
हरियाणा में कांग्रेस 10 साल से सत्ता से बाहर है, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में उसकी वापसी की उम्मीदें दिखाई दे रही हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर कांग्रेस की सरकार हरियाणा में बनती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा? दावेदारों में रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम सामने आ रहे हैं। हालांकि, रणदीप सुरजेवाला के बयान से लगता है कि कोई चौथा चेहरा भी मुख्यमंत्री बन सकता है।
विधानसभा चुनाव हरियाणा में नजदीक हैं, और हर पार्टी अपनी जीत की तैयारी में जुटी हुई है। फिलहाल कांग्रेस के सामने एक नई चुनौती आ गई है। हुड्डा और शैलजा खुद को सीएम पद का दावेदार बता रहे हैं। दिग्गज नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद की लालसा कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन चुकी है। पार्टी बिना सीएम चेहरे के चुनाव में उतरी है। जहां बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को अपना सीएम उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस ने अब तक अपने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं की है। हालांकि, भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि “विधायक जिसे चुनेंगे, वही मुख्यमंत्री बनेगा और हाईकमान इसका फैसला करेगा।”
रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री पद पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर जहां अटकलें जारी हैं, वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कैथल में मुख्यमंत्री पद की इच्छा रखने के सवाल पर कहा, “कुमारी शैलजा भी बड़ी नेता हैं। हम तीन लोग मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं – कुमारी शैलजा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मैं। हालांकि, कोई चौथा व्यक्ति भी मुख्यमंत्री बन सकता है। हम तीनों के अलावा किसी और का भी अधिकार हो सकता है। कांग्रेस की जीत के बाद हरियाणा का सीएम कौन होगा, यह पार्टी का आलाकमान तय करेगा। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे फैसला लेंगे, और हम सभी को जो भी फैसला होगा, वह स्वीकार्य होगा।”
क्या कुमारी शैलजा भाजपा में शामिल होंगी?
हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। अब सवाल यह उठता है कि अगर कांग्रेस हरियाणा फतह करती है, तो पार्टी अपने नेताओं के बीच संतुलन कैसे बनाएगी? सूत्रों के मुताबिक बिना मुख्यमंत्री चेहरे के मैदान में उतरने का निर्णय इसलिए लिया गया था ताकि गुटबाजी से बचा जा सके। पर यह फैसला कांग्रेस को जल्द या बाद में लेना ही पड़ेगा। पार्टी अब तक तीनों दिग्गज नेताओं को एक साथ रखने में कामयाब रही है, लेकिन यह स्थिति कब तक चलेगी, यह देखने वाली बात होगी।
हरियाणा कांग्रेस में बागी नेताओं की लिस्ट में अगर शैलजा भी शामिल हो जाएं तो हैरानी नहीं होगी, क्योंकि बीजेपी की नजर उन पर है। जानकारी के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कुमारी शैलजा को भाजपा में शामिल होने का ऑफर दे चुके हैं। इस पर शैलजा ने अपना बयान देते हुए कहा, “भाजपा के जो नेता आज टिप्पणी कर रहे हैं, उनका राजनीतिक जीवन मेरे जीवन से काफी छोटा है। मुझे नसीहत न दें, मेरा रास्ता और मेरी पार्टी मेरा रास्ता तय करना जानती है।”
भाजपा में शामिल होने की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “यह खबर कहां से निकली है, मुझे नहीं पता। शैलजा कभी ऐसा नहीं सोच सकती। मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। जैसे मेरे पिताजी कांग्रेस के तिरंगे में लिपटकर गए थे, वैसे ही शैलजा भी कांग्रेस के तिरंगे में लिपटकर जाएगी। मेरा मेरी पार्टी और मेरे नेता के प्रति कमिटमेंट अटूट है।”
भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम ना बनाने की वजह
अगर हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया जाता है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। हुड्डा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिनकी जांच चल रही है। ऐसे में पार्टी का उन पर दांव खेलना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, विरोधी दल अक्सर यह कहते हैं कि कांग्रेस हरियाणा में बाप-बेटे की पार्टी बनकर रह गई है। यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है कि कांग्रेस ने हुड्डा को अब तक सीएम फेस नहीं बनाया है।
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