नायब सिंह सैनी ने चलाई बैलगाड़ी, डैमेज कंट्रोल की क्या हो रही है तैयारी?
राहुल गांधी की राह पर नायब सिंह सैनी
हरियाणा में चुनाव की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है, इसी बीच नायब सिंह सैनी की फोटो वायरल हो रही है। जिसमें उन्होंने जींद जिले के एक गांव में चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा स्थल तक पहुंचने के लिए बैलगाड़ी का इस्तेमाल करा। वीडियो और फोटो देख सब हैरान हुए, आखिर बैलगाड़ी की याद चुनाव के दौरान ही क्यों आई?
आपको बता दे की में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित कर दी गई है। हर एक पार्टी जनता से जुड़ने की कोशिश में लगी हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कैसे पीछे रहते? जहां तमाम नेता जनता के बीच अपनी पैठ जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, वहीं अब बुधवार को जींद में ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला। जहां हरियाणा के सीएम नायब सिंह जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने के लिए बैलगाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने किसानों के बीच बैलगाड़ी पर बैठ सवारी की। अब ऐसे में एक यह भी सवाल उठता है कि कही चुनाव के लिए उन्होंने राहुल गांधी की तरकीब का इस्तेमाल नहीं किया? उनकी सवारी का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वैसे तो मुख्यमंत्री साहब को कार छोड़ अचानक बैलगाड़ी की याद क्यों आई? कहीं यह याद विधानसभा चुनाव को देखते हुए तो नहीं करी गई?
जानिए वायरल वीडियो की सच्चाई
दरअसल, इस वीडियो में सीएम सैनी को बैलगाड़ी पर यात्रा करते हुए देखा जा सकता है। यह दृश्य मुख्यमंत्री की जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश को दर्शाता है, यह भी सच है कि इससे उनके राजनीतिक अभियान को एक नया मोड़ मिला है। के साथ वीडियो में उनके समर्थन भी देखने को मिलते हैं। जहां अक्सर मुख्यमंत्री को काफिला में गाड़ियों के साथ देखा जाता था, वही आज चुनाव की घोषणा होते ही सीधा बैलगाड़ी की सवारी करते हुए नजर आए। समान जाता है कि वह किसानों की समस्याओं को समझने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम ने ना केवल बैलगाड़ी की सवारी की, बल्कि खुद भी कुछ देर के लिए बैलगाड़ी चलाई।
इस विशेष यात्रा के दौरान, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों से सीधा संपर्क साधा और उनके मुद्दों को भी सुना। उनका यह कदम चुनाव प्रचार में एक नया मोड़ ला सकता है। यह लोगों के बीच एक संदेश भेजता है कि भारतीय जनता पार्टी अभी भी उनसे जमीनी स्तर पर जुड़ी हुई है। पर फिर भी किसान आंदोलन सीएम नायब सिंह सैनी के इस कदम पर सवाल उठता है। कई लोग सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की इस सरलता और उनके प्रयासों की सराहना कर रहे हैं, तो वही दूसरी तरफ लोगों का यह भी कहना है कि राजनीतिक पार्टी सिर्फ चुनाव के वक्त ही जनता को याद करती है।
लोगों के बीच जाने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं मुख्यमंत्री
इसके अलावा मुख्यमंत्री को जब भी जनता के बीच जाने का कोई मौका मिल रहा है तो वह इससे चूकते नहीं, बल्कि खुद जनता के बीच जाकर उनकी तकलीफ को आज कल सुनते हैं। सीएम सैनी ने यह दावा किया है कि वह रोजाना 6 से 8 हजार लोगों से मिलते हैं। उन्होंने बताया है कि उनका दिन सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलता है। इसके बाद वे रात भर सरकारी अधिकारियों, पार्टी नेताओं और आम लोगों से मिलते हैं। यानि चुनाव के समय उन्हें नींद का भी कोई ख्याल नहीं। पर सवाल तो अभी भी यही है कि आखिर चुनाव के समय ही इतनी मेहनत क्यों? क्या इस डैमेज कंट्रोल की कोशिश कहा जा सकता है?
सीएम सैनी ने एक्स पर गाड़ी की सवारी का एक वीडियो पोस्ट किया और इसे कैप्शन दिया है कि “एक गरीब किसान का बेटा सरकार चलाने के साथ-साथ बैलगाड़ी चलाना भी जानता है।” अब इस कैप्शन से भी कई सारे सवाल उठाते हैं कि आखिर यह गरीब किसान का बेटा यानी मुख्यमंत्री सैनी किसान आंदोलन के समय कहां थे? उन्हें गरीब किसान होना विधानसभा चुनाव के समय ही याद कैसे आया?
राहुल गांधी की रणनीति को अपनाया
नायब सिंह सैनी की यह पहली वीडियो नहीं है जिसमें उन्हें जनता से जुड़ते हुए देखा जा सकता है। कुछ समय पहले भी वह एक वीडियो में चाय बनाते हुए नजर आए। तब लोगों का कहना था कि चाय पीने वाले मुख्यमंत्री आखिर अचानक चाय क्यों बनाने लगे? कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी कई दफा ऐसे ही लोगों से जुड़ते हुए देखा गया है। किंग्सवे कैंप के लेबर चौक पर राहुल गांधी को मजदूरों से बात करने से लेकर जनता के बीच भोजन करना उनकी उनकी लोगों से जुड़ने की कोशिश है।
शहजादे की छवि तोड़ वह आम व्यक्ति की तरह हमेशा से लोगों के साथ बनने की कोशिश करते हैं। वैसा भी कुछ इस बार नायब सिंह सैनी ने भी किया है। ऐसे में राहुल गांधी की राह पर मुख्यमंत्री नायब कहां तक जाएंगे? क्या उनकी यह कोशिश आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिला पाएगी? जहां एक तरफ विपक्ष यानी कांग्रेस पार्टी लगातार बीजेपी पर किसानों का अपमान करने के लिए निशाना साधती हुई नजर आ रही है, वहीं बैलगाड़ी चला सीएम सैनी किसानों को विश्वास दिलाने में लगे हुए हैं। अब जनता किसकी बात पर यकीन कर वोट डालेगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। पर इतना तय है कि भाजपा अपना वोट बैंक सुरक्षित करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। अब उनका यह फल उन्हें गुलाब के तौर पर मिलेगा या गुलाब के कांटे की तरह चुभेगा इसका फैसला चुनाव के बाद ही होगा।
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