कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर सुनाई खरी खरी
जब सब कुछ 2 ही लोगों को तय करना है तो 3 राज्यों में मुख्यमंत्री चुनने के लिए ‘मंथन’ का ड्रामा क्यों? ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की जगह अब भाजपा का ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री’ देखिए!
▪️5 दिन बाद भी राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पर फ़ैसला नहीं हो सका है।
▪️उप्र के मुख्यमंत्री की घोषणा में 8 दिन लगे थे।
▪️असम के मुख्यमंत्री की घोषणा में 7 दिन लगे थे।
▪️इतिहास ये बताता है कि तथाकथित ‘मंथन’ के बाद बनाए गए मुख्यमंत्री कठपुतलियों की तरह बदले जाते हैं।
▪️गुजरात में आनंदीबेन पटेल से लेकर विजय रूपानी और फिर भूपेन्द्र पटेल बदले गए।
▪️उत्तराखण्ड में तो 12 महीनों में 3-3 मुख्यमंत्री बदले गए। पहले त्रिवेंद्र रावत फिर तीरथ रावत फिर पुष्कर धामी लाए गए।
▪️पुष्कर धामी चुनाव हार कर भी मुख्यमंत्री बने और उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार कर भी उप मुख्यमंत्री बने रहे। मतलब भाजपा में फ़ैसले जनादेश से नहीं, आलाकमान के 2 लोगों द्वारा लिए जाते हैं।
▪️राजनैतिक लोगों को दरकिनार कर
जिसका चेहरा साहेब को सुबह पसंद आएगा वो मुख्यमंत्री बनेगा। जिसके उदाहरण हैं मनोहर खट्टर और बिप्लव देव जैसे मुख्यमंत्री।
▪️केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को जबरन विधानसभा का चुनाव लड़ाने से लेकर मंत्रियों के निजी सचिव भी बिना साहेब की मर्ज़ी के संभव नहीं है।
▪️कभी किसी भाजपाई से उनके मन का हाल पूछो तो आपको बतायेंगे कि आधों को घर बिठा दिया है, बाक़ी आधे जी-हुज़ूरी करने के लिए मजबूर हैं।
यही है भाजपा का असली चाल-चरित्र-चेहरा!
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!