हरियाणा : चुनावी खर्च पर है चुनाव आयोग की नजर , हर एक वस्तु के दम कर दिए फिक्स , चुनाव आयोग के रेट और बाजार के रेट में फर्क
जनरेटर से लेकर पगड़ी तक के रेट हुए फिक्स ,
चुनाव आयोग के रेट और जमीनी हकीकत जानने निकली खबरी प्रशाद अखबार की टीम को रेट में मिला फर्क
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हरियाणा चुनाव आयोग द्वारा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च के लिए रेट लिस्ट जारी कर दी गई है । चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार चाहे वह किसी भी पार्टी के हो या निर्दलीय उम्मीदवार हो 95 लाख की खर्च सीमा निर्धारित की गई है । इस 95 लाख रुपए के खर्चे के अंदर चाय पीने / पिलाने से लेकर कुर्सी टेंट जनरेटर पंखे इत्यादि सभी चीजों के खर्च जुड़े जाएंगे ।
अब आपको बता देते हैं कि हरियाणा में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को किस चीज पर कितना खर्च कर सकते हैं
हरियाणा में चुनाव लड़ने का सपना देखने वालों को हर आइटम के लिए क्या रेट निर्धारित चुनाव आयोग द्वारा किए गए हैं , जान लेते हैं ।
चाय ₹10 समोसा या ब्रेड पकोड़ा ₹70 का काफी ₹25 की अगर चाय दूध पत्ती की है तो ₹20 वॉटर कैंपर ₹30 का कोल्ड ड्रिंक का रेट प्रिंट रेट जो होगा वह गिना जाएगा , लंच या डिनर की प्लेट का ₹100 रेट निर्धारित किया गया है ।
इसी के साथ प्रचार के दौरान टेंट वालों की भी जरूरत पड़ती है और टेंट के समान में ग्रीन मैंट 120 रुपए प्रतिदिन और लाल मैट 110 पर प्रतिदिन , छोटे गेट पर ₹5000 , पानी वाला पंखा ₹200 रोजाना , और कूलर ₹500 प्रतिदिन , टेंट की कुर्सी ₹20 रोज ढोल ₹5000 रोज जनरेटर 600 से ₹1200 रोज के हिसाब से खर्चे में जोड़ जाएंगे ।
चुनाव लड़ने के लिए अगर उम्मीदवार ने कपड़े का बैनर लिया है तो ₹50 , लाउडस्पीकर ₹2000 रोज सोफा ₹500 प्रतिदिन कपड़े का झंडा ₹60 प्रति पीस का रेट निर्धारित किया गया है । और अगर उम्मीदवार को कोई पगड़ी पहनता है तो उसके लिए भी रेट 270 रुपए चुकाने होंगे ।
चुनाव आयोग के रेट और बाजार के रेट में कई जगह पर अंतर कई जगह पर ठीक
चुनाव आयोग द्वारा जो रेट लिस्ट चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए जारी की गई है जब उसको लेकर खबरी प्रसाद अखबार की टीम ने बाजार में पड़ताल की तो कई चीजों के दम तो लगभग सभी बाजारों में एक जैसे ही मिले मगर कई चीजों के दामों में अंतर नजर आया । जैसे जनरेटर के दाम को लेकर जब हमारी टीम ने गुड़गांव के विशाल टेंट हाउस से बात की तो पता चला 25 किलोवाट का जनरेटर का 1 दिन का किराया ₹2000 का है जबकि चुनाव आयोग के अनुसार यह किराया ₹600 से ₹1200 का है । अब सवाल इस बात का है कि किस तरीके से उम्मीदवार ₹2000 का जनरेटर लेकर के और उसकी ₹1200 खर्चे में दिखाएगा । चुनाव आयोग को चाहिए जब चुनावी खर्च के लिए रेट लिस्ट जारी की जा रही है तो एक बार बाजार की तहकीकात भी होनी चाहिए कि बाजार में चीजों की क्या रेट चल रहे हैं ।
सवाल सिर्फ उम्मीदवार के खर्चे का नहीं है , सवाल एक और भी है और वह यह कि अगर किसी उम्मीदवार ने सामान तो महंगा खरीदा और उसे चुनाव के आयोग में सस्ते रेट का दिखाकर बिल सबमिट कर दिया तो क्या यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में नहीं आएगा ।
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