चुनाव की गली बिच “NO ENTRY”
कांग्रेस ने आप को हरियाणा–चंडीगढ़ मे कहा “नो कॉम्प्रोमाइज” फोर सीट
ये गलियां ये चौबारा, यहां आना ना दोबारा की तर्ज पर कांग्रेस ने चंडीगढ़ और हरियाणा के लिए आम आदमी पार्टी को इंडिया गठबंधन में सीट देने से इंकार कर दिया है। इससे इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी को झटका लग सकता है क्योंकि चंडीगढ़ में सांसद की एक ही सीट है जिस पर की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों की नजर बनी हुई है। कांग्रेस की तरफ से प्रमुख उम्मीदवार के चेहरे के तौर पर पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल का नाम सामने आ रहा है तो कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष लकी भी इस बार अपनी किस्मत का लक आजमाने की जुगत लगा रहे हैं। मगर कांग्रेस के इस फैसले के बाद असमंजस में आम आदमी पार्टी आ गई है। अगर वह चंडीगढ़ में अलग हटके चुनाव लड़ती है तो इंडिया गठबंधन में दरार आती है और अगर कांग्रेस को समर्थन करती है तो उसके सांसद बनने के सपने चकनाचूर हो जाते हैं। क्योंकि अभी कुछ दिन पहले ही पंजाब की जनसभा में केजरीवाल ने कहा था कि पंजाब की 13 सीट और चंडीगढ़ की एक सीट आम आदमी पार्टी की झोली में डाल दो फिर विकास की रफ्तार अलग तरीके से नजर आएगी।
हरियाणा में भी कांग्रेस ने कहा “नो एंट्री”
चंडीगढ़ जैसी ही स्थिति हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी के साथ है। यहां आम आदमी पार्टी बदलाव की बयार के साथ अपना कैंपेन चला रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर फतेह कर ली थी। कांग्रेस इन सभी 10 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी और कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि भारत में जिस भी जगह पर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही है वहां पर इंडिया गठबंधन में कांग्रेस का प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेगा। ऐसी स्थिति में आम आदमी पार्टी के बदलाव की बयार कैंपेन के साथ-साथ केजरीवाल की गारंटी पर भी ब्रेक लग सकता है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने मुफ्त बिजली, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं जैसे वादे पिछले कई महीनो से जनता के साथ किए जा रहे हैं। केजरीवाल का सपना भी है कि पंजाब के बाद हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी अपने पैर पसार सके। अब या तो वह इंडिया गठबंधन को छोड़े या अपने सपने को त्याग दे। तभी गठबंधन का धर्म निभाया जा सकता है।
मगर पंजाब में फंसेगा सीट को लेकर पेच
इंडिया गठबंधन में पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पेंच फंस सकता है। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव को आधार बनाया जाएगा , तो कांग्रेस ने कई सीट जीती थी और कई सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे स्थान पर थे । मगर 2022 में विधानसभा चुनाव में स्थितियां उलट चुकी हैं और आम आदमी पार्टी जबरदस्त बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज है। ऐसी स्थिति में हरियाणा ,पंजाब और चंडीगढ़ में इंडिया गठबंधन में आम आदमी पार्टी के बने रहने पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं । अगर वह गठबंधन में रहते हैं तो उन्हें अपने सपनों का त्याग करना पड़ सकता है और गठबंधन को छोड़ते हैं तो गठबंधन छोड़ने का टप्पा भी लग सकता है ।
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