यह जीत नहीं आसान : चंडीगढ़ में बीजेपी को हार बर्दाश्त नहीं प्रदीप छाबड़ा
जैसा मेयर में चुनाव में किया वैसा ही सांसद चुनाव में करना चाहते हैं चंडीगढ़ भाजपा के नेतागण
यह जीत नहीं आशा बस इतना समझ लीजिए भाजपा से लड़कर जीत का सर्टिफिकेट लेकर आना होगा
चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव के की अंतिम मतगणना के बाद कांग्रेस उम्मीदवार लगभग 2600 वोटो से आगे थे और यह लगभग 3:00 बजे के आसपास अंतिम गणना हो चुकी थी उसके बाद से लगभग 7:30 बजे तक मनीष तिवारी जो कि गठबंधन के उम्मीदवार है उनको चुनाव आयोग की तरफ से जीत का सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है । किसी को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि भाजपा ने जो मेयर चुनाव में किया वहीं सांसद चुनाव में दोहराना चाहती है ।
क्या है पूरा मामला
3:30 बजे के आसपास चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव की अंतिम मतगणना हो चुकी थी और अंतिम मतगणना के अनुसार चंडीगढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार मनीष तिवारी लगभग 2600 वोटो से भाजपा के उम्मीदवार संजय टंडन से लीड कर रहे थे । उसके हिसाब से उनको प्रशासन के द्वारा विनर घोषित किया जाना चाहिए था और जीत का सर्टिफिकेट दिया जाना चाहिए था मगर शाम को 7:30 बजे तक प्रशासन की तरफ से ना तो जीत का सर्टिफिकेट दिया गया है ना ही विनर घोषित किया गया है । उसकी वजह है भारतीय जनता पार्टी ने मतगणना की रिकॉर्डिंग की मांग की है ।
क्या कहा प्रदीप छाबड़ा ने
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप छाबड़ा ने भारतीय जनता पार्टी की रिकाउंटिंग को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है । छाबड़ा ने कहा कि भाजपा मेयर चुनाव वाली हरकत संसद के चुनाव में भी दोहराना चाहती है । आपको बता दे मेयर चुनाव में भाजपा के ऊपर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने आठ वोटो की चोरी करवाई थी और सुप्रीम कोर्ट में जाकर के आठ वोट को सुप्रीम कोर्ट ने वैलिड माना था जिसकी वजह से भाजपा के मेयर मनोज सोनकर को इस्तीफा देना पड़ाथा । प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि चंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी 8 वोट की हर को आज तक भूल नहीं पाई है और एक बार फिर संसद चुनाव में वही किस्सा दोहराना चाहती है । जब मनीष तिवारी लगभग 2600 वोटो से जीत चुके हैं तो प्रशासन को जीत का सर्टिफिकेट देने में समस्या क्या है । क्यों नहीं दिया जा रहा जीत का सर्टिफिकेट ।
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