चंडीगढ़ मेयर चुनाव : सुप्रीम कोर्ट में फंसे अनिल मसीह ,चलाओ इन पर अलग से केस : सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा को लगा झटका
प्रीसाइडिंग ऑफिसर ने सुप्रीम कोर्ट में माना, बैलेट पेपर से हुई थी छेड़छाड़
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में कल देर रात मेयर मनोज सोनकर का इस्तीफा और आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा ज्वाइन करने के बाद भाजपा नेता जितना गदगद थे कि अब अगर सुप्रीम कोर्ट से चुनाव रद्द हो जाएगा तो भी बहुमत हमारे पास है। वह सपने सुप्रीम कोर्ट की आज की टिप्पणी के बाद चकनाचूर होते हुए नजर आ रहे हैं।
आपको बता दे कि आज सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम के मेयर चुनाव को लेकर सुनवाई थी जहां पर प्रीसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह को व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना था।
कुछ इस तरह फंसे प्रीसाइडिंग ऑफिसर सुप्रीम कोर्ट के सवालों में
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह से पूछा कि वह बैलट पेपर पर जो सिग्नेचर कर रहे थे वह कौन सा नियम था जिसके तहत वह सिग्नेचर कर रहे थे और कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे। इस पर अनिल मसीह ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया कि सामने से विपक्ष के पार्षद हंगामा कर रहे थे। वह बार-बार कैमरा कैमरा चिल्ला रहे थे जिस वजह से उन्होंने कैमरे की तरफ देखा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट अनिल मसीह के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और सुप्रीम कोर्ट की अनिल मसीह को लेकर एक और सख्त टिप्पणी आ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनिल मसीह पर केस चलना चाहिए। वही सॉलिसिटर जनरल से भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले को देखें। सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम चुनाव में हाईकोर्ट में जमा कराए गए बैलट पेपर मंगवा लिए हैं। अब बैलेट पेपर देखने के बाद ही आगे क्या कार्रवाई की जाएगी उसका फैसला होगा। इस मामले पर अगली सुनवाई कल यानी की 20 फरवरी निर्धारित की गई है। कल भी सुप्रीम कोर्ट में प्रीसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह को हाजिर होने के लिए कहा गया है।
अब नगर निगम में दोबारा चुनाव होंगे या नहीं होंगे इसका फैसला कल यानी मंगलवार को होने वाली सुनवाई में होने की संभावना है।
अगर सुप्रीम कोर्ट इस बात से संतुष्ट हो जाता है कि बैलेट पेपर के साथ छेड़खानी की गई थी तो संभावना इस बात की है कि आम आदमी पार्टी के मेयर कुलदीप टीटा की लॉटरी लग सकती है और उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाएगी और वह मेयर बन सकते हैं। इसके साथ-साथ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की लॉटरी लग सकती है। मगर अभी यह सिर्फ कयास है इसके लिए इंतजार हमें कल तक का करना ही होगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ उपायुक्त को नया चुनाव अधिकारी लगाने के लिए भी कहा है। अब अगर ऐसी स्थितियों में अगर सुप्रीम कोर्ट बैलेट पेपर से संतुष्ट नहीं होता है और सुप्रीम कोर्ट का आदेश आता है कि नए सिरे से चुनाव करवाए जाएं तो ऐसी स्थिति में भाजपा की लॉटरी लग सकती है और भाजपा का मेयर बन सकता है।
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