चंडीगढ़ निगम मेयर मनोज सोनकर ने देर रात दे दिया इस्तीफा , AAP के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल
चंडीगढ़ का मेयर चुनाव इस बार इतिहास पर इतिहास रचता जा रहा है । और जब कभी इस चुनाव की पटकथा लिखी जाएगी तो 2024 के चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव की पटकथा ऐतिहासिक होगी । सबसे पहले इतिहास में इंडिया गठबंधन ने पहली बार भारत में मिलकर चुनाव लड़ा। एन चुनाव वाले दिन प्रेजेंटिंग ऑफिसर अनिल मशीन बीमार हो गए जिसकी वजह से चुनाव की तारीख टालनी पड़ी । मामला कोर्ट में पहुंच कोर्ट ने फटकार लगाई और चुनाव की तारीख फिर बदली गई और 30 जनवरी चुनाव की तारीख निर्धारित की गई । गठबंधन को अपनी जीत सुनिश्चित दिखाई पड़ रही थी मगर भाजपा के होते हुए ऐसा कहां पॉसिबल था ।
गठबंधन की जीत में विलन बनाकर आड़े आ गए प्रेजेंटिंग ऑफिसर । गठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाए की मेयर चुनाव में बेईमानी की गई है और प्रेजेंटिंग ऑफिसर अनिल मशीन हमारे 8 वोट जानबूझकर इनवेलिड करवा दिए हैं ।और फिर जो कुछ भी हुआ वह सबके सामने सोशल मीडिया आ गया । प्रेसिडिंग ऑफीसर के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। जिसको लेकर कहा गया कि प्रेजेंटिंग ऑफिसर ने जानबूझकर आठ वोट पर क्रॉस निशान लगाए हैं । गठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया और नगर निगम के सामने जबरदस्त धरना प्रदर्शन भी किया कि किस तरीके से प्रेसिडिंग ऑफीसर अनिल मशीन ने 8 वोट इनवेलिड करवा कर गठबंधन के प्रत्याशी को हरवा दिया और भाजपा के प्रत्याशी को मेयर बनवा दिया । मामला थाने भी पहुंचा और एक बार फिर हाई कोर्ट की चौखट होते हुए उसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां पर खुद मुख्य न्यायाधीश ने सख्त से सख्त टिप्पणियां करते हुए कहा क्या यही लोकतंत्र है ? हमें लोकतंत्र को जिंदा रखना होगा और प्रेसिडिंग ऑफीसर अनिल मशीह को व्यक्तिगत तौर पर 19 फरवरी को पेश होने के लिए कह दिया कि प्रेजेंटिंग ऑफिसर खुद सुप्रीम कोर्ट में आकर बताए कि वह आखिर बार-बार कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे ।
लेकिन खेल अंदर खाने चालू था भाजपा को अपनी हार मंजूर नहीं थी और हमने पहले ही लिखा था कि भाजपा अपना मेयर बनने के लिए साम दाम दंड भेद सब का इस्तेमाल करेगी और हुआ भी वैसा ही । गठबंधन मैं शामिल आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद पर भाजपा का साम दाम दंड भेद वाला फार्मूला इस्तेमाल हुआ और तीन पार्षदों ने देर रात भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली । इसके साथ ही भाजपा का नगर निगम चंडीगढ़ में अब बहुमत साबित हो गया है ।
और जैसे ही तीन पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की चंडीगढ़ नगर निगम के विवादित मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जैसे कि उम्मीद लगाई जा रही थी वैसा ही हुआ । यानी एक बार फिर से नगर निगम चंडीगढ़ में पहली बार सत्र के बीच में दोबारा चुनाव होंगे और अब इस बात की संभावना है कि जो तीन पार्षद आम आदमी पार्टी से भाजपा में शामिल हुए हैं इन्हीं में से कोई ना कोई चंडीगढ़ का अगला मेयर होगा ।
आम आदमी पार्टी ने अपने तीन पार्षदों के बीजेपी मे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने इस पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपनी खरीद फरोख्त बंद करें । जाहिर सी बात है उन्हें ऐसा ही कहना था क्योंकि पार्षद उनके गए हैं और सिर्फ इस बार मेयर पद ही नहीं जा रहा है बल्कि आने वाले वक्त में लोकसभा के चुनाव है लोकसभा के चुनाव में जो आम आदमी पार्टी इस बार अपनी पीठ थपथपा रही थी अब कहीं ना कहीं लोकसभा के चुनाव में कमजोर पड़ सकती है ।
मगर मित्रों अभी यह मत समझिए कि भाजपा ने तीन पार्षद शामिल करवा लिए तो उनका मेयर जायेगा । ट्विस्ट अभी आगे भी बाकी है क्योंकि आम आदमी पार्टी भी इस बार खेल करने को तैयार बैठी है और अभी इस बात की जानकारी मिल रही है कि भाजपा से भी दो पार्षद आम आदमी पार्टी में जा सकते हैं । हालांकि इस बात की भी चर्चाएं जोर-जोर से बाजार में चल रही है । मगर अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है लेकिन अगर ऐसा हो गया तो मेयर चुनाव में एक बार फिर खेला होगा और वाकई में इस बार का मेयर चुनाव इतिहास पर इतिहास रचता जाएगा।
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