चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर हाईकोर्ट में घमासान: मनीष तिवारी की जीत को चुनौती
चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर चुनावी विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। भाजपा के संजय टंडन ने कांग्रेस के मनीष तिवारी की जीत को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। टंडन ने अपनी याचिका में तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें भ्रष्ट आचरण और चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप शामिल है।
टंडन का आरोप: संजय टंडन ने अपनी याचिका में कहा है कि मनीष तिवारी और उनके समर्थक चुनाव के दौरान कई भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त रहे। टंडन का दावा है कि तिवारी को पहले भी चुनावी प्रक्रिया के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा फटकार लगाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने और उनके समर्थकों ने चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने का काम किया। टंडन ने अदालत से तिवारी की जीत को रद्द करने और खुद को चंडीगढ़ लोकसभा सीट का विधिवत निर्वाचित सांसद घोषित करने की मांग की है।
भ्रष्टाचार और चुनावी अनियमितताओं के आरोप: टंडन ने तिवारी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मतदाताओं को रुपये का लालच दिया और झूठे वादे किए, जैसे नौकरी की गारंटी। इसके अलावा, चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय प्रतीक का दुरुपयोग किया गया, जो कि जन प्रतिनिधित्व कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के साथ धारा 100 और धारा 101 के तहत इस तरह के भ्रष्ट आचरण को चुनाव रद्द करने का आधार माना जाए।
मामले की आगामी सुनवाई 9 सितंबर को
संजय टंडन के वकील चेतन मित्तल, आशु एम पुंछी और सत्यम टंडन हाईकोर्ट में मामले की पैरवी कर रहे हैं। 7 अगस्त को अदालत ने इस मामले पर प्रस्ताव का नोटिस जारी किया है, और अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।
इस प्रकार, चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर चुनावी विवाद और अदालत में चल रही सुनवाई ने राजनीतिक हलकों में एक नई गर्मी पैदा कर दी है। सभी की निगाहें अब 9 सितंबर की सुनवाई पर टिकी हुई हैं।
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